गयाः कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है. वहीं, लॉक डाउन का अब साइड इफेक्ट दिखने शुरू हो गए हैं. इसकी सबसे बड़ी कीमत किसान, गरीब मजदूर एवं दूध कारोबारी को चुकानी पड़ रही है. दूध का उत्पादन जारी है लेकिन मार्केट, होटल और विद्यालय बंद होने के कारण इसकी सप्लाई अचानक ठप्प पड़ गई है.
बोधगया के शेखबारा स्थित नंदनी डेयरी के मालिक संतोष कुमार ने बताया कि लॉकडाउन का असर व्यवसाय पर पड़ा है. दूध का उत्पादन जारी है लेकिन सब कुछ बंद होने का वजह से कारण दूध की सप्लाई अचानक बंद गया है. जिससे काफी नुकसान हो रहा है. दूध की खपत ज्यादातर आवासीय विद्यालय और होटल में थी, जहां, डोर टू डोर पहुंचाया जाता था. लेकिन लॉकडाउन के कारण दूध का सप्लाई बंद है.
मंहगा खरीदना पड़ रहा चारा
पशुओं का चारा भी पहले की तुलना में उंचे दाम पर ख़रीदना पड़ रहा है. संतोष कुमार ने बताया कि उनके डेयरी फार्म में 56 पशु दुधारू हैं. रोजाना 350 लीटर दूध का उत्पादन होता है. लेकिन लॉक डाउन के कारण सारे दूध को पनीर बनाकर बाजरों में बेचना पड़ रहा है. वहीं, अभी दूध का उत्पादन भी कम कर दी गई है. किसी तरह मेंटनेंस किया जा रहा है. ताकि दूध बर्बाद न हो.