ETV Bharat / state

मगध विश्वविद्यालय: भीषण गर्मी में पीने के पानी को तरस रहे हैं छात्र, नल सहित वाटर कूलिंग मशीन भी खराब

कैंपस में लगा वाटर कूलर मशीन खराब पड़ा है. इसके अलावा प्रशासन ने कैंपस में पानी पीने की कोई व्यवस्था नहीं की है.

बन्द नल
author img

By

Published : May 8, 2019, 10:08 AM IST

गया: सरकार गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन इसकी हकीकत जमीन पर देखने को नहीं मिलती है. जिले में स्थित मगध विश्वविद्यालय कैंपस में पीने के लिए शुद्ध पानी तक उपलब्ध नहीं है. कैंपस में लगा वाटर कूलर मशीन खराब पड़ा है. इसके अलावा प्रशासन ने कैंपस में पानी पीने की कोई व्यवस्था नहीं की है. इससे छात्रों को काफी परेशानी हो रही है.

गया
मगध विश्वविद्यालय

मगध क्षेत्र का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय अपने बुनियादी सुविधाओं को लेकर बदहाली के आंसू बहा रहा है. यहां हजारों छात्र इस भीषण गर्मी में भी पानी के लिए भी भटकने को मजबूर है. विश्वविद्यालय कैंपस में लगा नल और वाटर कूलिंग मशीन बन्द पड़ा है. इससे परेशान छात्र पानी खरीद कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. इस समस्या को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन कोई एक्शन नहीं ले रहा है.

पानी की समस्या पर बताते हुए

शिकायत के बाद भी कोई एक्शन नहीं

छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में आठ जिले से छात्र अपना काम करवाने आते हैं. यहां लगभग दो हजार छात्रों की परीक्षा चल रहा है. लेकिन विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन और विभागों में छात्रों के लिए पीने का पानी की व्यवस्था नहीं है. इस समस्या को लेकर छात्र संगठन ने विश्वविद्यालय प्रशासन से शिकायत भी की. लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने पैसा नहीं होने का हवाला दिया.

छात्र संगठनों ने की घड़ा की व्यवस्था

मगध विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण पदाधिकारी ने बताया विश्वविद्यालय विकास कर रहा है. पानी की समस्या बिजली नहीं रहने से बना हुआ है. गया की भौगोलिक परिस्थिति से काफी दिक्कत हो रही है. जब आधुनिकता ध्वस्त हो जाये तो पारंपरिक रूप को अपनाना चाहिए. छात्र संगठन ने छात्रों के पानी पीने के लिए घड़ा की व्यवस्था कर विश्वविद्यालय का सहयोग किया है.

गया: सरकार गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन इसकी हकीकत जमीन पर देखने को नहीं मिलती है. जिले में स्थित मगध विश्वविद्यालय कैंपस में पीने के लिए शुद्ध पानी तक उपलब्ध नहीं है. कैंपस में लगा वाटर कूलर मशीन खराब पड़ा है. इसके अलावा प्रशासन ने कैंपस में पानी पीने की कोई व्यवस्था नहीं की है. इससे छात्रों को काफी परेशानी हो रही है.

गया
मगध विश्वविद्यालय

मगध क्षेत्र का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय अपने बुनियादी सुविधाओं को लेकर बदहाली के आंसू बहा रहा है. यहां हजारों छात्र इस भीषण गर्मी में भी पानी के लिए भी भटकने को मजबूर है. विश्वविद्यालय कैंपस में लगा नल और वाटर कूलिंग मशीन बन्द पड़ा है. इससे परेशान छात्र पानी खरीद कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. इस समस्या को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन कोई एक्शन नहीं ले रहा है.

पानी की समस्या पर बताते हुए

शिकायत के बाद भी कोई एक्शन नहीं

छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में आठ जिले से छात्र अपना काम करवाने आते हैं. यहां लगभग दो हजार छात्रों की परीक्षा चल रहा है. लेकिन विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन और विभागों में छात्रों के लिए पीने का पानी की व्यवस्था नहीं है. इस समस्या को लेकर छात्र संगठन ने विश्वविद्यालय प्रशासन से शिकायत भी की. लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने पैसा नहीं होने का हवाला दिया.

छात्र संगठनों ने की घड़ा की व्यवस्था

मगध विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण पदाधिकारी ने बताया विश्वविद्यालय विकास कर रहा है. पानी की समस्या बिजली नहीं रहने से बना हुआ है. गया की भौगोलिक परिस्थिति से काफी दिक्कत हो रही है. जब आधुनिकता ध्वस्त हो जाये तो पारंपरिक रूप को अपनाना चाहिए. छात्र संगठन ने छात्रों के पानी पीने के लिए घड़ा की व्यवस्था कर विश्वविद्यालय का सहयोग किया है.

Intro:BH_GAYA_SUJ
GAYA_BODHAGAYA_MAGADH_UNIVERSITY_WATER_CRISIS_STUDENT_GURADINE

गया के बोधगया में स्थित मगध विश्वविद्यालय में पेयजल संकट गहराया हुआ है। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन और विभागों में पीने का पानी है। बिहार के आठ जिलों से आये छात्र और अभिभावक पानी के भटकते दिखते हैं। एमयू परिसर के छात्र संगठन ने छात्रों के पानी पीने के लिए घड़ा का इंतजाम किया है।


Body:मगध क्षेत्र का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय अपने बदहाली की आंसू शैक्षणिक स्तर, बुनियादी सुविधाओं पर बहा रहा है। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में अधिकारी वातानुकूलित कमरे में बैठे रहे थे उसी भवन में हजारो छात्र पानी के लिए भटकते रहता है। बंद पड़े नल और वाटर कूलिंग में जोर आजमाइश करते दिखते हैं। विश्वविद्यालय कहती है बिजली के वजह से ये समस्या बना हुआ है। छात्रों के लिए राहत की बात है छात्र संगठन ने पानी पीने के लिए घड़ा का इंतजाम किया है।

पटना के एस. एम.डी. पुनपुन से आये छात्र ने बताया सुबह 08:30 बजे विश्वविद्यालय आये हैं। तब से पानी पीने के लिए चालू नल खोज रहे हैं। अभी तक नही मिला है। मजबूरी में बाहर से बोतलबंद पानी लाकर पी रहे हैं।विश्वविद्यालय में वाटर कूलिंग मशीन दर्जनों हैं सब खराब पड़ा हुआ है।

पटना से अपने बच्चे के साथ आये अभिभावक मिथलेश तिवारी ने बताया पानी के लिए पूरे विश्वविद्यालय में कोई व्यवस्था नही है। परिसर में वाटर कूलिंग मशीन लगी हैं पर वो खराब है। बाहर में घड़ा रखा हुआ है उसी से प्यास बुझा रहे हैं। एक यही सहारा हैं।

छात्र संगठन ए. बी.भी.पी. के छात्र नेता अमन मिश्रा बताते हैं विश्वविद्यालय में आठ जिला से छात्र अपना काम करवाने आते हैं, लगभग दो हजार छात्रों का परीक्षा चल रहा है। लेकिन विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन और विभागों में छात्रों के लिए पीने का पानी का व्यवस्था नही है। अभाविप इस मुद्दे को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन से मिला , विश्वविद्यालय प्रशासन ने पैसा न होने का हवाला दिया। एक ओर अधिकारी एसी में मस्त है दूसरी ओर छात्र इस गर्मी में बिना पानी के पस्त हैं। हमलोग अपने पहल से सभी विभागों में घड़ा रखकर पानी पीने का व्यवस्था किये हैं।


Conclusion:मगध विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण पदाधिकारी ने बताया विश्विद्यालय विकास कर रहा है। पानी की समस्या बिजली के चलते बनी हुई है। गया में भूगोलिक परिस्थिती से काफी दिक्कत हो रही है। जब आधुनिकता ध्वस्त हो जाये तो पारंपरिक रूप को अपनाना चाहिए। छात्र संगठन ने छात्रों के लिए पानी पीने के लिए घड़ा रखे उन्होंने विश्वविद्यालय का सहयोग किया है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.