गया: सरकार गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन इसकी हकीकत जमीन पर देखने को नहीं मिलती है. जिले में स्थित मगध विश्वविद्यालय कैंपस में पीने के लिए शुद्ध पानी तक उपलब्ध नहीं है. कैंपस में लगा वाटर कूलर मशीन खराब पड़ा है. इसके अलावा प्रशासन ने कैंपस में पानी पीने की कोई व्यवस्था नहीं की है. इससे छात्रों को काफी परेशानी हो रही है.
मगध क्षेत्र का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय अपने बुनियादी सुविधाओं को लेकर बदहाली के आंसू बहा रहा है. यहां हजारों छात्र इस भीषण गर्मी में भी पानी के लिए भी भटकने को मजबूर है. विश्वविद्यालय कैंपस में लगा नल और वाटर कूलिंग मशीन बन्द पड़ा है. इससे परेशान छात्र पानी खरीद कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. इस समस्या को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन कोई एक्शन नहीं ले रहा है.
शिकायत के बाद भी कोई एक्शन नहीं
छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में आठ जिले से छात्र अपना काम करवाने आते हैं. यहां लगभग दो हजार छात्रों की परीक्षा चल रहा है. लेकिन विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन और विभागों में छात्रों के लिए पीने का पानी की व्यवस्था नहीं है. इस समस्या को लेकर छात्र संगठन ने विश्वविद्यालय प्रशासन से शिकायत भी की. लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने पैसा नहीं होने का हवाला दिया.
छात्र संगठनों ने की घड़ा की व्यवस्था
मगध विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण पदाधिकारी ने बताया विश्वविद्यालय विकास कर रहा है. पानी की समस्या बिजली नहीं रहने से बना हुआ है. गया की भौगोलिक परिस्थिति से काफी दिक्कत हो रही है. जब आधुनिकता ध्वस्त हो जाये तो पारंपरिक रूप को अपनाना चाहिए. छात्र संगठन ने छात्रों के पानी पीने के लिए घड़ा की व्यवस्था कर विश्वविद्यालय का सहयोग किया है.