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गया में बुडको के खिलाफ मेयर और डिप्टी मेयर करेंगे आंदोलन, लोगों ने कहा- हम भी देंगे साथ

गया नगर निगम के मेयर गणेश पासवान ने कहा कि अगर बुडको शहर में जलापूर्ति काम और सड़क मरम्मत का काम जल्द पूरा नहीं करती है, तो उसके खिलाफ निगम से कार्रवाई की जाएगी. उसके बाद हम सभी पार्षद के साथ बुडको के खिलाफ आंदोलन करेंगे.

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Published : Aug 24, 2020, 4:30 PM IST

गया: जिले में हर घर नल का जल पहुंचने से पहले लोगों के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. गया शहर की संकीर्ण गलियों में बुडको ने पिछले 3-4 महीने से गड्ढे करके छोड़ दिया है. जिससे आम लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. बुडको की इस लापरवाही से गया नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

दरअसल, गया शहर की जलापूर्ति व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए करीब डेढ़ वर्ष पहले बुडको की देखरेख में 450 करोड़ की लागत से काम शुरू हुआ था. हर घर नल का जल पहुंचेगा इसकी पूरी तैयारी कर ली गयी थी, लेकिन बुडको की काम में देरी से घर तक पानी पहुंचेगा कि नहीं यह भविष्य की योजना हो गई है.

gaya
जल स्त्रोत से नहीं होती है पेयजल आपूर्ति

लोगों को हो रही परेशानी
गया शहर भौगोलिक दृष्टि से पठारी इलाका है. यहां भूमिगत जल स्त्रोत से पेयजल आपूर्ति नहीं होता है. शहर में हर घर नल का जल पहुंचे इसके लिए गया नगर निगम ने शुरुआत की, लेकिन नगर विकास विभाग शहर की जलापूर्ति के लिए बुडको को जिम्मेदारी दे दिया. बुडको को 450 करोड़ का टेंडर दिया गया, लेकिन बुडको तय समय तक हर घर पानी नहीं पहुंचा सका.

लेकिन एक बड़ी समस्या आम लोगों के लिए खड़ा कर दिया. बुडको की लापरवाही का तस्वीर गया नगर निगम के वार्ड नं एक और 35 में देखने को मिल रहा है. वार्ड नं 35 में छोटी गलियों को गड्डे में तब्दील कर दिया गया है. वही खरखुरा रोड का नामोनिशान तक मिटा दिया है. सड़क की जगह सिर्फ कीचड़ और गड्डे ही दिख रहे है.

gaya
छोटी गलियों को गड्डे में कर दिया तब्दील

'बहुत दूर से लाता पड़ता है पानी'
ईटीवी भारत ने वार्ड नंबर 35 स्थित गेवाल बिगहा मोहल्ले के लोगों से बात की, तो मुहल्ले की एक महिला असगरी ने बताया कि घर में पीने के लिए पानी नहीं है और सड़क को पानी के लिए तोड़ दिया गया है. थोड़ी बारिश में सड़क पर पानी जमा हो जाता है. वहीं शमो खातून ने बताया कि हमलोग को लगा 1-2 सप्ताह की दिक्कत है, झेल लेते है. लेकिन महीनों बीत गया, लेकिन ना पानी मिला और ना ही गड्ढा भरा गया. आज भी टूटी सड़क पर ही बहुत दूर से पानी लाता पड़ता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'नई बनी सड़क को भी कर दिया बर्बाद'
स्थानीय सलमा खातून ने बताया कि अधिकतर गलियां तीन से चार फुट से अधिक नहीं है. पहले से यहां डेढ़ फुट में डिलीवरी पाइप लाइन बिछा है. अब डेढ़ फुट चौड़ा खुदाई कर पाइपलाइन कई महाने पहले डाला गया, लेकिन गलियों की ढलाई नहीं की गई. इस कारण यहां हर दिन लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं.

वहीं समाजसेवी मो. निजाम आलम ने बताया कि बुडको ने नई बनी सड़क को भी बर्बाद कर दिया है. उन्होंने कहा कि शुरू में ही कहा गया कि एक तरफ खुदाई कर पाइप बिछाने के बाद वहां ढलाई करने के बाद ही दूसरे जगह खुदाई की जाएगी, लेकिन खुदाई कर जैसे-तैसे पाइप बिछा दी गई और गलियों की ढलाई नहीं की गई है.

'बुडको के खिलाफ करेंगे आंदोलन'
इस संबंध में गया नगर निगम के मेयर गणेश पासवान ने कहा कि मैं, डिप्टी मेयर और नगर आयुक्त ने कई बार बुडको को दिशा निर्देश दिए थे. निर्देशों का अनुपालन बुडको ने नहीं किया. बुडको काम में लापरवाही बरत रही है. अगर बुडको शहर में जलापूर्ति काम और सड़क मरम्मत का काम जल्द पूरा नहीं करती है, तो उसके खिलाफ निगम से कार्रवाई की जाएगी. उसके बाद हम सभी पार्षद के साथ बुडको के खिलाफ आंदोलन करेंगे.

गया: जिले में हर घर नल का जल पहुंचने से पहले लोगों के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. गया शहर की संकीर्ण गलियों में बुडको ने पिछले 3-4 महीने से गड्ढे करके छोड़ दिया है. जिससे आम लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. बुडको की इस लापरवाही से गया नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

दरअसल, गया शहर की जलापूर्ति व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए करीब डेढ़ वर्ष पहले बुडको की देखरेख में 450 करोड़ की लागत से काम शुरू हुआ था. हर घर नल का जल पहुंचेगा इसकी पूरी तैयारी कर ली गयी थी, लेकिन बुडको की काम में देरी से घर तक पानी पहुंचेगा कि नहीं यह भविष्य की योजना हो गई है.

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जल स्त्रोत से नहीं होती है पेयजल आपूर्ति

लोगों को हो रही परेशानी
गया शहर भौगोलिक दृष्टि से पठारी इलाका है. यहां भूमिगत जल स्त्रोत से पेयजल आपूर्ति नहीं होता है. शहर में हर घर नल का जल पहुंचे इसके लिए गया नगर निगम ने शुरुआत की, लेकिन नगर विकास विभाग शहर की जलापूर्ति के लिए बुडको को जिम्मेदारी दे दिया. बुडको को 450 करोड़ का टेंडर दिया गया, लेकिन बुडको तय समय तक हर घर पानी नहीं पहुंचा सका.

लेकिन एक बड़ी समस्या आम लोगों के लिए खड़ा कर दिया. बुडको की लापरवाही का तस्वीर गया नगर निगम के वार्ड नं एक और 35 में देखने को मिल रहा है. वार्ड नं 35 में छोटी गलियों को गड्डे में तब्दील कर दिया गया है. वही खरखुरा रोड का नामोनिशान तक मिटा दिया है. सड़क की जगह सिर्फ कीचड़ और गड्डे ही दिख रहे है.

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छोटी गलियों को गड्डे में कर दिया तब्दील

'बहुत दूर से लाता पड़ता है पानी'
ईटीवी भारत ने वार्ड नंबर 35 स्थित गेवाल बिगहा मोहल्ले के लोगों से बात की, तो मुहल्ले की एक महिला असगरी ने बताया कि घर में पीने के लिए पानी नहीं है और सड़क को पानी के लिए तोड़ दिया गया है. थोड़ी बारिश में सड़क पर पानी जमा हो जाता है. वहीं शमो खातून ने बताया कि हमलोग को लगा 1-2 सप्ताह की दिक्कत है, झेल लेते है. लेकिन महीनों बीत गया, लेकिन ना पानी मिला और ना ही गड्ढा भरा गया. आज भी टूटी सड़क पर ही बहुत दूर से पानी लाता पड़ता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

'नई बनी सड़क को भी कर दिया बर्बाद'
स्थानीय सलमा खातून ने बताया कि अधिकतर गलियां तीन से चार फुट से अधिक नहीं है. पहले से यहां डेढ़ फुट में डिलीवरी पाइप लाइन बिछा है. अब डेढ़ फुट चौड़ा खुदाई कर पाइपलाइन कई महाने पहले डाला गया, लेकिन गलियों की ढलाई नहीं की गई. इस कारण यहां हर दिन लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं.

वहीं समाजसेवी मो. निजाम आलम ने बताया कि बुडको ने नई बनी सड़क को भी बर्बाद कर दिया है. उन्होंने कहा कि शुरू में ही कहा गया कि एक तरफ खुदाई कर पाइप बिछाने के बाद वहां ढलाई करने के बाद ही दूसरे जगह खुदाई की जाएगी, लेकिन खुदाई कर जैसे-तैसे पाइप बिछा दी गई और गलियों की ढलाई नहीं की गई है.

'बुडको के खिलाफ करेंगे आंदोलन'
इस संबंध में गया नगर निगम के मेयर गणेश पासवान ने कहा कि मैं, डिप्टी मेयर और नगर आयुक्त ने कई बार बुडको को दिशा निर्देश दिए थे. निर्देशों का अनुपालन बुडको ने नहीं किया. बुडको काम में लापरवाही बरत रही है. अगर बुडको शहर में जलापूर्ति काम और सड़क मरम्मत का काम जल्द पूरा नहीं करती है, तो उसके खिलाफ निगम से कार्रवाई की जाएगी. उसके बाद हम सभी पार्षद के साथ बुडको के खिलाफ आंदोलन करेंगे.

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