गयाः बिहार के गया में मैंगरा स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में छात्राओं को दिए गए नाश्ते में मरी छिपकली देखी गई. छिपकली दिखते ही छात्राओं को बेहोशी आने लगी. छात्राओं को बेहोश होता देख शिक्षकों के बीच अफरा-तफरी मच गई. उसके बाद तत्काल इसकी जानकारी डुमरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों को दी गई. जिनका स्कूल में ही मेडिकल टीम की निगरानी में इलाज किया जा रहा है. करीब 50 छात्राएं बीमार बताई गई हैं, जिमनें 24 छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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छात्राओं के बीच मचा हड़कंप: जानकारी के अनुसार डुमरिया प्रखंड अंतर्गत मैगरा स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के छात्राओं को नाश्ता दिया जा रहा था. इसी क्रम में एक मरी छिपकीली दिखी. मरी छिपकली देखे जाने के बाद छात्राओं के बीच हड़कंप मच गया और वो बेहोश होने लगीं. छात्रों को बेहोशी आता देख वहां के शिक्षक कर्मियों ने तुरंत इसकी सूचना डुमरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को दी. सूचना मिलने के बाद में डुमरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से चिकित्सकों की एक टीम विद्यालय पहुंची.
विद्यालय में चल रहा छात्राओं का इलाजः चिकित्सकों द्वारा विद्यालय में ही छात्राओं का इलाज शुरू किया गया है. हालांकि डॉक्टरों की टीम का कहना है कि सभी छात्राओं की स्थिति खतरे से बाहर है. फिर भी उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है. वहीं, सूत्रों का कहना है कि कुछ छात्राओं की स्थिति गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज डुमरिया अस्पताल में किया जा रहा है. कस्तूरबा विद्यालय की वार्डन ने इस घटना की जानकारी संबंधित विभाग के अधिकारियों को दी है. फिलहाल डॉक्टरों की टीम कस्तूरबा विद्यालय में कैंप किए हुए हैं.
छात्राओं की स्थिति खतरे से बाहर: इस संबंध में डुमरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर धर्मवीर कुमार ने बताया कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की छात्राएं बीमार हुई हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. कुछ छात्राओं को अस्पताल में लाया गया है. वहीं, विद्यालय में भी मेडिकल की टीम कैंंप कर रही है. सभी का इलाज किया जा रहा है. छात्राओं की स्थिति खतरे से बाहर है, लेकिन डॉक्टरों की टीम पूरी निगरानी कर रही है.
"छात्राएं बीमार हुई थीं, उनको उल्टी भी हुई थी. हमारे यहां 7-8 छात्राएं आई हैं. सभी छात्राओं की स्थिति नॉर्मल है. हमारी टीम स्कूल में जाकर भी छात्राओं का इलाज कर रही है, किसी भी तरह की दिक्कत होने में उन्हें भी भर्ती किया जाएगा."- धर्मवीर कुमार, डॉक्टर