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बुद्ध की धरती पर विदेशी भू-माफियाओं की बुरी नजर, बौद्ध मठ को बेच दी सरकारी जमीन

गया के स्थानीय भू-माफिया विदेशी भू-माफियाओं के साथ मिलकर परवाना की सरकारी जमीन को बेचने में लगे हैं. जमीन बेचने का ये खेल कोई नया नहीं है. इस जमीन पर बसे सैकड़ों गरीब लोगों को अब बेघर होने का डर सताने लगा है.

गांव के लोग
गांव के लोग
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Published : Jun 24, 2020, 7:47 AM IST

गयाः बोधगया में जमीन के दाम आसमान छू रहे हैं. सरकारी दर से इतर यहां जमीन करोड़ों में बेची जाती है. बोधगया के भू-माफिया विदेशी भू-माफियाओं से मिलकर बोधगया के परवाना इलाके की सरकारी जमीन को बेचने में लगे हैं.

इन भू-माफियाओं ने कानूनी हथकंडा अपनाकर इस जमीन को अपने कब्जे में कर लिया है. परवाना की सरकारी जमीन पर बसे सैकड़ों गरीब लोग अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

परवाना के लोग
परवाना इलाके के लोग

सताने लगा बेघर होने का डर
बोधगया प्रखंड के बकरौर पंचायत में लगभग 100 एकड़ भूमि पर बसे भूमि विहीन इन परिवारों को बेघर होने का डर सता रहा है, क्योंकि परवाना की जमीन पर विदेशी भू-माफियाओं का बुरी नजर पड़ गई है. भू-माफिया परवाना की जमीन को कानूनी दांव पेंच और दबंगई से कब्जा कर विदेशी बौद्ध मठों को बेच रहे हैं. जमीन को कब्जा करके बेचने का खेल सालों पुराना है.

परवाना में बसे लोग
परवाना में बसे लोग

भू-माफियों का शिकार हुआ गांव का एक शख्स
बोधगया प्रखण्ड के हथियार गांव के सुरेश चौधरी इन भू-माफियों के शिकार हो गए हैं. सुरेश चौधरी बताते हैं कि 1992-93 में परवाना की बंजर जमीन मिली था. उस जमीन को उन्होंने उपजाऊ बनाया और उस पर खेती की. अब उस जमीन के तीन-तीन दावेदार आ रहे हैं. पहले दावेदार से सात साल केस लड़ा. उसमे मेरी जीत हुई.

उसके कुछ दिन बाद एक और दावेदार आ गया. अब हाल में तीसरा दावेदार कागज लेकर आ गया है. ये लोग अंतराष्ट्रीय भू-माफिया हैं. ये लोग 200 एकड़ परवाना की जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं. हमलोग पढ़े लिखे हैं तो लड़ रहे हैं. जो पढ़ा लिखा नहीं है, उनकी दबंगई से हारकर जमीन दे देता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'सरकार ही साथ नहीं देती तो हम कितना लड़े'
वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता रामजी मांझी ने बताया कि स्थानीय भू-माफियाओं का विदेशियों से सांठगांठ है. ये लोग हमेशा आकर धमकी देते हैं, ये जमीन खाली करो, ये मेरी जमीन है. ये काफी सालों से हो रहा है. अब गरीबों को जमीन देने वाली बिहार सरकार ही हम लोग का साथ नहीं देती है तो हमलोग कितना लड़ें.

जमीन के कागजात दिखाता पीड़ित
जमीन के कागजात दिखाता पीड़ित

'गरीबों की जमीन कोई बेच नहीं सकता'
इस पूरे मामले का खुलासा होने के बाद स्थानीय नेता भी इस मामले में दिलचस्पी दिखाने लगे. जदयू के बिहार प्रदेश के प्रवक्ता परवाना में बसे लोगों से मिलने पहुंचे. प्रदेश प्रवक्ता चंदन कुमार यादव ने कहा कि बिहार सरकार ने परवाना की जमीन गरीबों को रहने के लिए दिया है. इसे कोई बेच नहीं सकता, ना ही कोई खरीद सकता है. परवाना की जमीन पर जो लोग कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई करने के लिए डीएम से मिलूंगा. यहां से बात नहीं बनी तो मुख्यमंत्री को इस बारे में अवगत कराएंगे.

जदयू  प्रदेश प्रवक्ता चंदन कुमार यादव व अन्य
जदयू प्रदेश प्रवक्ता चंदन कुमार यादव व अन्य

भू-माफिया पर किया गया केस
बहरहाल सालों से चले आ रहे इस खेल का खुलासा जिला निबंधन कार्यालय से हुआ है. इसके बाद शहर में स्थित सिविल लाइन थाना में एक भू-माफिया सहित कंबोडिया मोनेस्ट्री पर केस दर्ज किया गया है. फिलहाल इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है.

गयाः बोधगया में जमीन के दाम आसमान छू रहे हैं. सरकारी दर से इतर यहां जमीन करोड़ों में बेची जाती है. बोधगया के भू-माफिया विदेशी भू-माफियाओं से मिलकर बोधगया के परवाना इलाके की सरकारी जमीन को बेचने में लगे हैं.

इन भू-माफियाओं ने कानूनी हथकंडा अपनाकर इस जमीन को अपने कब्जे में कर लिया है. परवाना की सरकारी जमीन पर बसे सैकड़ों गरीब लोग अब सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

परवाना के लोग
परवाना इलाके के लोग

सताने लगा बेघर होने का डर
बोधगया प्रखंड के बकरौर पंचायत में लगभग 100 एकड़ भूमि पर बसे भूमि विहीन इन परिवारों को बेघर होने का डर सता रहा है, क्योंकि परवाना की जमीन पर विदेशी भू-माफियाओं का बुरी नजर पड़ गई है. भू-माफिया परवाना की जमीन को कानूनी दांव पेंच और दबंगई से कब्जा कर विदेशी बौद्ध मठों को बेच रहे हैं. जमीन को कब्जा करके बेचने का खेल सालों पुराना है.

परवाना में बसे लोग
परवाना में बसे लोग

भू-माफियों का शिकार हुआ गांव का एक शख्स
बोधगया प्रखण्ड के हथियार गांव के सुरेश चौधरी इन भू-माफियों के शिकार हो गए हैं. सुरेश चौधरी बताते हैं कि 1992-93 में परवाना की बंजर जमीन मिली था. उस जमीन को उन्होंने उपजाऊ बनाया और उस पर खेती की. अब उस जमीन के तीन-तीन दावेदार आ रहे हैं. पहले दावेदार से सात साल केस लड़ा. उसमे मेरी जीत हुई.

उसके कुछ दिन बाद एक और दावेदार आ गया. अब हाल में तीसरा दावेदार कागज लेकर आ गया है. ये लोग अंतराष्ट्रीय भू-माफिया हैं. ये लोग 200 एकड़ परवाना की जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं. हमलोग पढ़े लिखे हैं तो लड़ रहे हैं. जो पढ़ा लिखा नहीं है, उनकी दबंगई से हारकर जमीन दे देता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'सरकार ही साथ नहीं देती तो हम कितना लड़े'
वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता रामजी मांझी ने बताया कि स्थानीय भू-माफियाओं का विदेशियों से सांठगांठ है. ये लोग हमेशा आकर धमकी देते हैं, ये जमीन खाली करो, ये मेरी जमीन है. ये काफी सालों से हो रहा है. अब गरीबों को जमीन देने वाली बिहार सरकार ही हम लोग का साथ नहीं देती है तो हमलोग कितना लड़ें.

जमीन के कागजात दिखाता पीड़ित
जमीन के कागजात दिखाता पीड़ित

'गरीबों की जमीन कोई बेच नहीं सकता'
इस पूरे मामले का खुलासा होने के बाद स्थानीय नेता भी इस मामले में दिलचस्पी दिखाने लगे. जदयू के बिहार प्रदेश के प्रवक्ता परवाना में बसे लोगों से मिलने पहुंचे. प्रदेश प्रवक्ता चंदन कुमार यादव ने कहा कि बिहार सरकार ने परवाना की जमीन गरीबों को रहने के लिए दिया है. इसे कोई बेच नहीं सकता, ना ही कोई खरीद सकता है. परवाना की जमीन पर जो लोग कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई करने के लिए डीएम से मिलूंगा. यहां से बात नहीं बनी तो मुख्यमंत्री को इस बारे में अवगत कराएंगे.

जदयू  प्रदेश प्रवक्ता चंदन कुमार यादव व अन्य
जदयू प्रदेश प्रवक्ता चंदन कुमार यादव व अन्य

भू-माफिया पर किया गया केस
बहरहाल सालों से चले आ रहे इस खेल का खुलासा जिला निबंधन कार्यालय से हुआ है. इसके बाद शहर में स्थित सिविल लाइन थाना में एक भू-माफिया सहित कंबोडिया मोनेस्ट्री पर केस दर्ज किया गया है. फिलहाल इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है.

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