तेलअवीव: इजराइल और हिजबुल्लाह संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं. इसका उद्देश्य गाजा संघर्ष से शुरू हुई एक साल से अधिक की शत्रुता को समाप्त करना है. इस संघर्ष विराम से पहले दोनों ओर से हजारों लोग मारे गए. युद्ध में लेबनान के 3 हजार से ज्यादा लोग मारे गए. वहीं, इजराइल के भी कई सैनिकों ने अपनी जान गंवाई.
इसके अलावा लेबनान में 99,000 से अधिक घर आंशिक रूप से या पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं. वहीं, इजराइल में भी व्यापक क्षति हुई है. उत्तरी इजराइल और गोलान हाइट्स में करीब हजारों एकड़ जंगल, प्रकृति रिजर्व और जलकर खाक हो गए हैं.
युद्ध में मारे गए हजारों लोग
लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अक्टूबर 2023 से 24 नवंबर तक लेबनान में कम से कम 3,768 लोग मारे गए हैं और 15,699 घायल हुए हैं.इनमें हिजबुल्लाह लड़ाके और नागरिकों दोनों शामिल हैं. सितंबर में इजराइल के आक्रामक रुख अपनाने के बाद अधिकांश हताहत हुए. हालांकि, हिजबुल्लाह के मारे गए लड़ाकों की संख्या स्पष्ट संख्या अभी तक सामने नहीं आई है. सितंबर में जब इजराइल ने अपना आक्रमण शुरू किया था, तब तक समूह ने शत्रुता में अपने लगभग 500 लड़ाकों के मारे जाने की घोषणा की थी, लेकिन उसके बाद ऐसा करना बंद कर दिया.
तेल अवीव यूनिवर्सिटी के राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन संस्थान, जिसका सैन्य प्रतिष्ठान से गहरा संबंध है, का कहना है कि युद्ध में हिजबुल्लाह के कुल 2,450 लड़ाके मारे गए हैं. उधर हिजबुल्लाह के हमलों में उत्तरी इजराइल और इजराइली कब्जे वाले गोलान हाइट्स में 45 नागरिक मारे गए हैं. इजराइली अधिकारियों के अनुसार, उत्तरी इजराइल स्थित गोलान हाइट्स और दक्षिणी लेबनान में लड़ाई में कम से कम 73 इजराइली सैनिक की मौत हुई है.
युद्ध में कितना हुआ विनाश
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार लेबनान में आवास को हुए नुकसान की लागत 2.8 बिलियन डॉलर आंकी गई है, जिसमें 99,000 से अधिक घर आंशिक रूप से या पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं. अमेरिकन यूनिवर्सिटी बेरूत अर्बन लैब के अनुसार, अकेले बेरूत के दक्षिणी उपनगर, जो हिजबुल्लाह का गढ़ है. यहां इजराइली हमलों ने कम से कम 262 इमारतों को ध्वस्त कर दिया है.
इजराइली सेना ने बेका घाटी और दक्षिण लेबनान के गांवों और कस्बों में भी व्यापक क्षति की है, ये दोनों ही क्षेत्र हिजबुल्लाह के प्रभाव वाले हैं. विश्व बैंक की रिपोर्ट में कृषि में 124 मिलियन डॉलर के नुकसान का अनुमान लगाया गया है, जिसमें 1.1 बिलियन डॉलर से अधिक फसल -पशुधन और किसानों के विस्थापन के कारण हुई फसल की हानि के कारण हुआ है.
वहीं, इजराइल में कम से कम 1 बिलियन शेकेल (273 मिलियन डॉलर) के नुकसान का अनुमान लगाया गया है. देश में हजारों घर, खेत और व्यवसाय क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए हैं. इजराइल में सबसे ज्यादा नुकसान लेबनान की सीमा से सटे इलाकों में हुआ है, जहां हिजबुल्लाह के रॉकेटों से हमला किया.
इजराइली अधिकारियों का कहना है कि युद्ध शुरू होने के बाद से उत्तरी इजराइल और गोलान हाइट्स में करीब 55,000 एकड़ जंगल, प्रकृति रिजर्व, पार्क और खुली जमीनें जलकर खाक हो गई हैं.
युद्ध के कारण विस्थापन
अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR) के अनुसार 18 नवंबर तक लेबनान में 8,86,000 से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं. यूएनएचसीआर के आंकड़ों से पता चलता है कि युद्ध शुरू होने के बाद से 5,40,000 से अधिक लोग लेबनान से सीरिया भाग गए हैं. इजराइल में लगभग 60,000 लोगों ने उत्तर में अपने घर खाली कर दिए हैं.
जंग का आर्थिक प्रभाव
विश्व बैंक ने 14 नवंबर की रिपोर्ट में लेबनान को हुए नुकसान और क्षति का शुरुआती अनुमान 8.5 बिलियन डॉलर लगाया है. लेबनान की वास्तविक जीडीपी में 2024 में 5.7 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान है, जबकि संघर्ष-पूर्व वृद्धि अनुमान 0.9 फीसदी था.
फसलों और पशुधन के विनाश और किसानों के विस्थापन के कारण पिछले 12 महीनों में कृषि क्षेत्र में 1.1 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है. विश्व बैंक के अनुसार, लेबनान की अर्थव्यवस्था में प्रमुख योगदानकर्ता पर्यटन और आतिथ्य को सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जिसमें नुकसान 1.1 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.
इजराइल के लिए हिजबुल्लाह के साथ संघर्ष ने गाजा में युद्ध के आर्थिक प्रभाव को और बढ़ा दिया है, जिससे सार्वजनिक वित्त पर दबाव पड़ा है. बजट घाटा जीडीपी के लगभग 8 प्रतिशत तक बढ़ गया है, जिससे तीनों प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को इस साल इजराइल की रेटिंग कम करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
संघर्ष ने सप्लाई चेन में व्यवधान को भी बढ़ा दिया है, जिससे मुद्रास्फीति 3.5 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो केंद्रीय बैंक के 1-3 प्रतिशत लक्ष्य सीमा से ऊपर है. जवाब में, केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति को रोकने के लिए उच्च ब्याज दरें बनाए रखी हैं. सरकार के प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, तीसरी तिमाही में इजराइल की अर्थव्यवस्था कमजोर दूसरी तिमाही से कुछ हद तक उबर गई, जो वार्षिक 3.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी.
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