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'मिथिला राज्य बनना चाहिए', राबड़ी देवी ने रखी मांग - BIHAR WINTER SESSION

बिहार विधान मंडल का शीतकालीन सत्र चल रहा है. इस दौरान राबड़ी देवी ने मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग कर राजनीति गरमा दिया.

Rabri Devi
राबड़ी देवी. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 27, 2024, 3:30 PM IST

पटना: मैथिली भाषा में संविधान का अनुवाद हुआ है. विधान परिषद में बीजेपी के नेता इसका श्रेय लेते नजर आए. इन सबके बीच पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मिथिला को लेकर बड़ा बयान दिया. राबड़ी देवी ने कहा कि मैथिली भाषा में संविधान के अनुवाद करना ठीक है, लेकिन प्रधानमंत्री को मिथिला को राज्य बनाना चाहिए. राबड़ी देवी की इस मांग के बाद बिहार की सियासत गरमाने लगी है.

"संविधान का मैथिली में अनुवाद किया गया है, यह अच्छी बात है. इसको लेकर भाजपा के पार्षद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दे रहे हैं. हम चाहते हैं कि मिथिला अलग राज्य बने."- राबड़ी देवी, पूर्व मुख्यमंत्री

राबड़ी देवी. (ETV Bharat)

लॉ एंड ऑर्डर पर निशानाः पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने वफ्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर एनडीए पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हम लोग वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक का विरोध करते रहेंगे. यह कानून गलत है. राबड़ी देवी ने बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर भी सरकार पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने एनडीए के नेताओं का नाम लिये बिना कहा कि वह लोग भी बिहार में रहते हैं हम लोग भी बिहार में रहते हैं. बिहार की जो कानून व्यवस्था है वह पूरी तरह से गड़बड़ा गई है.

मिथिलांचल में एनडीए मजबूत: गंगा के उस पार मिथिलांचल के तहत लोकसभा की एक दर्जन सीटें हैं, जिसमें झंझारपुर, मधुबनी, दरभंगा, मधेपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, समस्तीपुर, बेगूसराय, उजियारपुर, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर है. मिथिलांचल की एक दर्जन लोकसभा सीटों में 120 के करीब विधानसभा सीट है, जिसमें से अधिकांश पर एनडीए का अभी कब्जा है. कहा जाता है कि मिथिला में पिछड़ जाने के कारण ही तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गये. इसलिए उनकी पार्टी की नजर मिथिलांचल पर है. तेजस्वी यादव ने मिथिलांचल विकास प्राधिकरण (MDA) बनाने की घोषणा की थी.

इसे भी पढ़ेंः मिथिलांचल के विकास की चिंता या मतदाताओं को साधने की कोशिश, क्या MDA से NDA को हरा पाएंगे तेजस्वी? - Tejashwi Yadav

पटना: मैथिली भाषा में संविधान का अनुवाद हुआ है. विधान परिषद में बीजेपी के नेता इसका श्रेय लेते नजर आए. इन सबके बीच पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मिथिला को लेकर बड़ा बयान दिया. राबड़ी देवी ने कहा कि मैथिली भाषा में संविधान के अनुवाद करना ठीक है, लेकिन प्रधानमंत्री को मिथिला को राज्य बनाना चाहिए. राबड़ी देवी की इस मांग के बाद बिहार की सियासत गरमाने लगी है.

"संविधान का मैथिली में अनुवाद किया गया है, यह अच्छी बात है. इसको लेकर भाजपा के पार्षद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दे रहे हैं. हम चाहते हैं कि मिथिला अलग राज्य बने."- राबड़ी देवी, पूर्व मुख्यमंत्री

राबड़ी देवी. (ETV Bharat)

लॉ एंड ऑर्डर पर निशानाः पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने वफ्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर एनडीए पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हम लोग वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक का विरोध करते रहेंगे. यह कानून गलत है. राबड़ी देवी ने बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर भी सरकार पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने एनडीए के नेताओं का नाम लिये बिना कहा कि वह लोग भी बिहार में रहते हैं हम लोग भी बिहार में रहते हैं. बिहार की जो कानून व्यवस्था है वह पूरी तरह से गड़बड़ा गई है.

मिथिलांचल में एनडीए मजबूत: गंगा के उस पार मिथिलांचल के तहत लोकसभा की एक दर्जन सीटें हैं, जिसमें झंझारपुर, मधुबनी, दरभंगा, मधेपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, समस्तीपुर, बेगूसराय, उजियारपुर, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर है. मिथिलांचल की एक दर्जन लोकसभा सीटों में 120 के करीब विधानसभा सीट है, जिसमें से अधिकांश पर एनडीए का अभी कब्जा है. कहा जाता है कि मिथिला में पिछड़ जाने के कारण ही तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गये. इसलिए उनकी पार्टी की नजर मिथिलांचल पर है. तेजस्वी यादव ने मिथिलांचल विकास प्राधिकरण (MDA) बनाने की घोषणा की थी.

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