गया: जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र लुटुआ पंचायत का कोठीलवा गांव द कैनाल मैन लौंगी भुईयां के कारण दर्शनीय स्थल बन गया है. कोठीलवा गांव में हर दिन सैकड़ों की संख्या में लोग लौंगी भुईयां से मिलने और खोदे गए नहर को देखने आ रहे हैं. लोगों के मिलने आने से लौंगी भुईयां काफी खुश हैं. वहीं, कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने उन्हें जल जीवन हरियाली कार्यक्रम का ब्रांड एंबेसडर बनाने के लिए अनुशंसा करने की बात कही है.
कोठीलवा गांव में लोगों के पहुंचने पर लौंगी भुईयां बड़े अदब से सभी का अभिवादन कर जंगल में साथ जाकर नहर को दिखाते हैं. वहीं, लौंगी भुईयां से जब पूछा गया कि क्या आप सोचे थे कि नहर खोदेंगे तो इतने लोग मिलने आएंगे? इस पर लौंगी ने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि इतने लोग मुझसे मिलने आएंगे. मैं तो बस इसी सोच से नहर खोदकर पानी लाया था कि गांव के किसान पैदावर होने पर पानी लाने के एवज में अनाज देंगे. मेरे लिए ये सब अकल्पनीय है. हालांकि इससे अलग लौंगी भुईयां ने खेती बारी के लिए एक ट्रैक्टर की मांग की है.
जल जीवन हरियाली कार्यक्रम के ब्रांड एंबसडर के लिए अनुशंसा
लौंगी भुईयां के कामों से बिहार सरकार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार भी काफी प्रभावित हैं. उन्होंने कहा है कि मैं खुद जाकर उनसे मिलूंगा और उनके बनाए गए नहर को देखूंगा. हमारी सरकार ने जिस तरह पर्वत पुरूष दशरथ मांझी को सम्मान दिया है, उसी तरह का सम्मान लौंगी भुईयां को भी मिलेगा.
मैं जल जीवन हरियाली अभियान के लिए ब्रांड एंबेसडर के रुप में लौंगी भुईयां के नाम की अनुशंसा करूंगा. देखते हैं सरकार कब तक इसे पूरा करती है.
30 सालों की कड़ी मेहन का फल
बता दें कि 30 साल पहले गया जिले के कोठीलवा गांव में धान की खेती नहीं होती थी. लोग भुखमरी के कारण गांव छोड़कर पलायन कर रहे थे, लेकिन इसी गांव के रहने वाले लौंगी भुईयां ने ठाना कि वो गांव में खेती के लिए पानी लाएंगे. उन्होंने कड़ी मेहनत कर 5 किलोमीटर लंबी नहर खोदकर खेतों तक पानी ला दिया. इसी कारण से वो इस समय द कैनाल मैन के नाम से प्रसिद्ध हो गए हैं.