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Education The Terror Movie: गया के तीन लाल का हिन्दी फिल्म में धमाल, 'एजुकेशन द टेरर' से सरकार को दिखाएंगे सच्चाई का आईना

बिहार के गया के जितेंद्र बिहारी (Jitendra Bihari of Gaya) जल्द हिन्दी फिल्म के जरिए अपना डेब्यू करने जा रहे हैं. बड़े-बड़े कलाकारों की मिमिक्री करने वाले जितेंद्र बिहारी बॉलीवुड में एन्ट्री करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. वह हिन्दी 'एजुकेशन द टेरर' से सरकार को सच्चाई का आईना दिखाएंगे. आगे पढ़ें पूरी खबर...

एजुकेशन द टेरर में जितेंद्र बिहारी
एजुकेशन द टेरर में जितेंद्र बिहारी
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Published : Feb 4, 2023, 12:35 PM IST

फिल्म एजुकेशन द टेरर के कलाकार जितेंद्र बिहारी

गया: बिहार के गया के तीन कलाकार एक साथ हिंदी फिल्म में अपना धमाल दिखाने आ रहे हैं. इसमें गया के विष्णुपद के जितेंद्र बिहारी ने पहली बार बॉलीवुड में अपनी एंट्री की है. वह हिंदी फिल्म एजुकेशन द टेरर (Hindi film Education The Terror) से बतौर इसकी शुरुआत करने जा रहे हैं. जितेंद्र बिहारी कई नामचीन बड़े सिने अभिनेता की मिमिक्री भी अच्छी कर लेते हैं. जितेंद्र बिहारी के बॉलीवुड तक पहुंचने के सफर की कहानी काफी संघर्ष भरी है. शुरुआत में वह एंकरिंग, जागरण, मिमिक्री और स्टेज पर गायन किया करते थे. काफी मेहनत के बदौलत उन्होंने भोजपुरी फिल्मों में एंट्री पाई. इसके बाद उन्हें फिल्म में पिता का रोल निभाने का मौका मिला है.

पढ़ें- Bhojpuri latest news: ये क्या.. निरहुआ की बाहों में नजर आईं भोजपुरी क्वीन, कहां हैं आम्रपाली दुबे

इस मुकाम तक पहुंचने में लगे 18 साल: जितेंद्र बिहारी बताते हैं कि हिन्दी का सफर तैय करने में उन्हे 18 साल लग गए. वह शुरुआत में एंकरिंग और मिमिक्री किया करते थे. जागरण में स्टेज पर गाना भी गाते थे. इसके बाद उनकी मेहनत रंग लाने लगी और 8 भोजपुरी फिल्मों में काम मिला. अब जाकर उन्हें बॉलीवुड में मौका मिला है और पहली बार हिंदी फिल्म एजुकेशन द टेरर में काम कर रहे हैं. वह बताते हैं कि बचपन में कॉमेडी करने की आदत थी और उनकी अच्छी कॉमेडी सुनकर मोहल्ले वाले बोलते थे कि यह लड़का हिंदी फिल्म में जरूर काम करेगा.

एजुकेशन द टेरर में बिहार की शिक्षा की सच्चाई: जितेंद्र बिहारी बताते हैं, कि हिंदी फिल्म एजुकेशन द टेरर बिहार में शिक्षा की बदहाली को लेकर बना है. इसमें एजुकेशन को लेकर मुद्दा उठाया गया है. इसमें दिखाया गया है कि कैसे बाहर बिहार की एजुकेशन को वैल्यू नहीं मिलती है. परीक्षा से पहले पेपर लीक हो जाता है. बीपीएससी की परीक्षा में पेपर हमेशा लीक होते हैं. फिल्म शिक्षा की बदहाल स्थिति पर आधारित है. यह फिल्म सरकार को एक मैसेज है. उनका कहना है कि यह फिल्म सच्चाई का आईना है और पूरी तरह बिहार में भ्रष्ट शिक्षा पर आधारित है.

"हिंदी फिल्म एजुकेशन द टेरर बिहार में शिक्षा की बदहाली को लेकर बना है. इसमें एजुकेशन को लेकर मुद्दा उठाया गया है. इसमें दिखाया गया है कि कैसे बाहर बिहार की एजुकेशन को वैल्यू नहीं मिलती है. परीक्षा से पहले पेपर लीक हो जाता है. बीपीएससी की परीक्षा में पेपर हमेशा लीक होते हैं. फिल्म शिक्षा की बदहाल स्थिति पर आधारित है. यह फिल्म सरकार को एक मैसेज है. यह फिल्म सच्चाई का आईना है और पूरी तरह बिहार में भ्रष्ट शिक्षा पर आधारित है."-जितेंद्र बिहारी, फिल्मी कलाकार

फिल्म में बिहारी कलाकारों की भरमार: एजुकेशन द टेरर मुख्य रूप से बिहार की शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी है. इसमें मुंबई के कलाकारों के अलावे बिहारी कलाकारों की भरमार है. इसमें राजा मुराद समेत कई कलाकार हैं. वहीं गया के कलाकारों में अली खान, जितेंद्र बिहारी, धर्मेंद्र कुमार यादव शामिल हैं. बिहार के सुपौल से भी एक कलाकार इस फिल्म में अभिनय कर रहा है. बड़ी बात यह है कि इस फिल्म के डायरेक्टर जितेंद्र जैस भी बिहार के रहने वाले हैं. फिल्म आगामी 10 फरवरी से सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी.

फिल्म एजुकेशन द टेरर के कलाकार जितेंद्र बिहारी

गया: बिहार के गया के तीन कलाकार एक साथ हिंदी फिल्म में अपना धमाल दिखाने आ रहे हैं. इसमें गया के विष्णुपद के जितेंद्र बिहारी ने पहली बार बॉलीवुड में अपनी एंट्री की है. वह हिंदी फिल्म एजुकेशन द टेरर (Hindi film Education The Terror) से बतौर इसकी शुरुआत करने जा रहे हैं. जितेंद्र बिहारी कई नामचीन बड़े सिने अभिनेता की मिमिक्री भी अच्छी कर लेते हैं. जितेंद्र बिहारी के बॉलीवुड तक पहुंचने के सफर की कहानी काफी संघर्ष भरी है. शुरुआत में वह एंकरिंग, जागरण, मिमिक्री और स्टेज पर गायन किया करते थे. काफी मेहनत के बदौलत उन्होंने भोजपुरी फिल्मों में एंट्री पाई. इसके बाद उन्हें फिल्म में पिता का रोल निभाने का मौका मिला है.

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इस मुकाम तक पहुंचने में लगे 18 साल: जितेंद्र बिहारी बताते हैं कि हिन्दी का सफर तैय करने में उन्हे 18 साल लग गए. वह शुरुआत में एंकरिंग और मिमिक्री किया करते थे. जागरण में स्टेज पर गाना भी गाते थे. इसके बाद उनकी मेहनत रंग लाने लगी और 8 भोजपुरी फिल्मों में काम मिला. अब जाकर उन्हें बॉलीवुड में मौका मिला है और पहली बार हिंदी फिल्म एजुकेशन द टेरर में काम कर रहे हैं. वह बताते हैं कि बचपन में कॉमेडी करने की आदत थी और उनकी अच्छी कॉमेडी सुनकर मोहल्ले वाले बोलते थे कि यह लड़का हिंदी फिल्म में जरूर काम करेगा.

एजुकेशन द टेरर में बिहार की शिक्षा की सच्चाई: जितेंद्र बिहारी बताते हैं, कि हिंदी फिल्म एजुकेशन द टेरर बिहार में शिक्षा की बदहाली को लेकर बना है. इसमें एजुकेशन को लेकर मुद्दा उठाया गया है. इसमें दिखाया गया है कि कैसे बाहर बिहार की एजुकेशन को वैल्यू नहीं मिलती है. परीक्षा से पहले पेपर लीक हो जाता है. बीपीएससी की परीक्षा में पेपर हमेशा लीक होते हैं. फिल्म शिक्षा की बदहाल स्थिति पर आधारित है. यह फिल्म सरकार को एक मैसेज है. उनका कहना है कि यह फिल्म सच्चाई का आईना है और पूरी तरह बिहार में भ्रष्ट शिक्षा पर आधारित है.

"हिंदी फिल्म एजुकेशन द टेरर बिहार में शिक्षा की बदहाली को लेकर बना है. इसमें एजुकेशन को लेकर मुद्दा उठाया गया है. इसमें दिखाया गया है कि कैसे बाहर बिहार की एजुकेशन को वैल्यू नहीं मिलती है. परीक्षा से पहले पेपर लीक हो जाता है. बीपीएससी की परीक्षा में पेपर हमेशा लीक होते हैं. फिल्म शिक्षा की बदहाल स्थिति पर आधारित है. यह फिल्म सरकार को एक मैसेज है. यह फिल्म सच्चाई का आईना है और पूरी तरह बिहार में भ्रष्ट शिक्षा पर आधारित है."-जितेंद्र बिहारी, फिल्मी कलाकार

फिल्म में बिहारी कलाकारों की भरमार: एजुकेशन द टेरर मुख्य रूप से बिहार की शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी है. इसमें मुंबई के कलाकारों के अलावे बिहारी कलाकारों की भरमार है. इसमें राजा मुराद समेत कई कलाकार हैं. वहीं गया के कलाकारों में अली खान, जितेंद्र बिहारी, धर्मेंद्र कुमार यादव शामिल हैं. बिहार के सुपौल से भी एक कलाकार इस फिल्म में अभिनय कर रहा है. बड़ी बात यह है कि इस फिल्म के डायरेक्टर जितेंद्र जैस भी बिहार के रहने वाले हैं. फिल्म आगामी 10 फरवरी से सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी.

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