गयाः वंदे भारत मिशन के तहत 127 छात्र किर्गिस्तान से स्वेदश लौटे. इसमें बिहार के 105 और झारखंड के 22 छात्र शामिल थे. इन सभी का लैंडिंग पॉइंट गया एयरपोर्ट रहा. यहां से इन सभी को पेड क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा गया. सभी छात्र अपनी सरजमीं पर उतरकर उत्सुक दिखे. कई छात्रों की आंखों से आंसू छलक पड़े. छात्रों ने भारतीय सरकार को धन्यवाद कहा.
दरअसल भारत सरकार ने विदेश में फंसे अप्रवासियों की घर वापसी के लिए वंदे भारत मिशन चलाया है. जिसके तहत यात्री विमान से उनकी घर वापसी कराई जा रही है. इसी के तहत मंगलवार को देर शाम किर्गिस्तान से 127 छात्र गया एयरपोर्ट पर उतरे.
'देश लौटकर बहुत सुकून मिला'
किर्गिस्तान से आये छात्रों ने केंद्र सरकार की वंदे भारत मिशन की जमकर तारीफ की. छात्रा जरीन ने बताया मैं अपने देश लौटकर बहुत सुकून महसूस कर रही हूं. कोरोना महामारी में हर पल यही लगता था परिवार के साथ रहें. हम लोगों की किर्गिस्तान से इंडियन एम्बेसी और भारत सरकार ने खूब मदद की.
'दोनों देश की सरकारों ने मदद की'
छात्र अमीत ने बताया वहां भी पिछले तीन माह से कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगा हुआ है. वहां भी मरीजों की संख्या बढ़ रही थी हमलोग का सेशन भी ब्रेक हो गया था. मुझे जानकारी मिली वंदे भारत मिशन के तहत विमान चल रही है तो उसी से स्वदेश लौटा हूं. दोनों देश की सरकारों ने खूब मदद की.
'भारत की तुलना में संसाधन की है कमी'
छात्र आफताब हुसैन ने बताया कि कोरोना वायरस घर आने की मुख्य वजह है. वहां वेंटिलेटर बहुत कम है, वहां भारत की तुलना में संसाधन की कमी है. सरकार ने हमें मौका दिया घर आने का हमने उस मौका का फायदा उठाया. मैं भारत सरकार को धन्यवाद करना चाहता हूं.
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म्यंमार नेशनल एयरवेज सेवा से पहुंचे छात्र
गौरतलब है कि वंदे भारत मिशन के तहत बिहार के लिए बने लैडिंग पॉइंट गया एयरपोर्ट पर पांचवी फ्लाइट आ गयी है. आज यंगून से 45 अप्रवासी भारतीय गया एयरपोर्ट पहुंचे. जिसमे 40 बिहार और पांच झारखंड के रहने वाले हैं. सभी यात्री म्यंमार नेशनल एयरवेज सेवा के विमान से आये है. इसी विमान से 100 यंगून पर्यटक स्वदेश लौटेंगे.