गया: बिहार के गया स्थित विष्णुपद गुरुद्वारे में करीब 700 साल पहले गुरु नानक देव जी महाराज (Guru Nanak Dev came to Gurudwara at Vishnupad ) आए थे. वह यहां अपने उदासी के समय में कई दिनों तक रुके थे. गया की धरती धार्मिक स्थानों से परिपूर्ण है. गया के विष्णुपद स्थित अति प्राचीन गुरुद्वारे में गुरु नानक देव जी महाराज ने प्रवास किया था. यह गुरुद्वारा विष्णुपद मंदिर से चंद मीटर की दूरी पर देवघाट के पास स्थित है. यह गुरुद्वारा काफी विख्यात है. यहां से सिख समुदाय की बड़ी गहरी आस्था जुड़ी हुई है. गहरी आस्था आखिर क्यों न हो, यह मान्यता है कि सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी महाराज उदासी के दिनों में गया आए थे और इस गुरुद्वारे में कई दिनों तक रुके थे.
ये भी पढ़ेंः पटना साहिब में एशिया का सबसे बड़ा दरबार हाॅल बनकर तैयार, आज CM नीतीश करेंगे उद्घाटन
उत्तर प्रदेश होते हुए गया आए थे गुरु नानक देवः गुरु नानक देव जी महाराज उदासी के दिनों में गया स्थित गुरुद्वारे को पहुंचे थे. बताया जाता है कि गुरु नानक जी देव महाराज उदासी में चल रहे थे, तो उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के बाद काशी होते हुए गया आए थे और कई दिनों तक यहां रुके थे. सिख समुदाय अपने लिए इसे सौभाग्य की बात मानते हैं, कि गुरु नानक जी देव के चरण गया में पड़े थे. यह ऐतिहासिक और प्राचीन गुरुद्वारा विष्णुपद में अनोखे स्थान पर स्थित है. विष्णुपद स्थित देवघाट के ऊपर भाग में यह गुरुद्वारा है.
ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व होने के बावजूद उपेक्षा का शिकारः इस गुरुद्वारे का काफी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है. इस प्राचीन गुरुद्वारे से सिखों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है. इसके बावजूद यह गुरुद्वारा कहीं न कहीं उपेक्षा का भी शिकार हो रहा है. कई साल पहले यहां अति प्राचीन गुरु ग्रंथ साहिब की भी चोरी कर ली गई थी. इसका अब तक कोई पता नहीं चल सका है. गुरु ग्रंथ साहिब की चोरी की घटना के बाद सिख समुदाय काफी आहत हुए थे.
गुरु नानक जी के चरण पड़े, यही हमारे लिए अति सौभाग्य की बातः इस संबंध में गया गुरुद्वारा से जुड़े प्रीतम सिंह बग्गा बताते हैं कि गुरु नानक जी महाराज के चरण गया में पड़े, यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है. वह बताते हैं कि गुरु नानक देव जी विष्णुपद स्थित गुरुद्वारे में आए थे. उदासी के दौरान यात्रा करते हुए वे यहां पहुंचे थे और कई दिनों तक ठहरे थे. जानकारी हो कि ज्ञान की प्राप्ति करने के बाद गुरु नानक देव जी महाराज ने घर छोड़ दी थी और गृहस्थ जीवन का त्याग किया था. इसके बाद वे यात्राओं पर निकले थे. जिसे उदासी कहा जाता है. उदासी इसलिए कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने उदास साधु का जीवन बिताया.
देश के विभिन्न कोने से यहां पहुंचते हैं सिख समुदाय के लोगः इस तरह गया का विष्णुपद स्थित गुरुद्वारा गुरु नानक देव जी के चरण पढ़ने से काफी विख्यात हुआ. आज भी दूसरे राज्यों से आने वाले सिख समुदाय के लोग विष्णुपद स्थित गुरुद्वारे को आना नहीं भूलते हैं.
"गुरु नानक जी महाराज के चरण गया में पड़े, यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है. वह बताते हैं कि गुरु नानक देव जी विष्णुपद स्थित गुरुद्वारे में आए थे. उदासी के दौरान यात्रा करते हुए वे यहां पहुंचे थे और कई दिनों तक ठहरे थे" - प्रीतम सिंह बग्गा