गया: आगामी 5 जुलाई को पेश होने वाले आम बजट से गया के लोगों को काफी उम्मीदे हैं. अंतराष्ट्रीय पहचान रखने वाला बिहार का प्रमुख स्थान गया और बोधगया आज तक बौद्ध सर्किट से नहीं जुड़ सका है. लोगों को मलाल है कि इस राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्थान की सरकार ने उपेक्षा की है. लेकिन वर्तमान के मोदी सरकार से लोगों को काफी उम्मीद है.
बजट को लेकर सरकार से अपेक्षा
गया के चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान सदस्य अनूप केडिया ने बजट को लेकर अपनी अपेक्षा जताई है. उन्होंने कहा कि सरकार को वर्तमान आयकर छूट सीमा को और अधिक बढ़ाना चाहिए. इससे व्यवसायी और आम जनता को राहत मिलेगा. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने जीएसटी का स्वागत किया है. जीएसटी में कई सुधार समय दर समय किया गया है, लेकिन छोटे व्यापारियों के जीएसटी का सरलीकरण नहीं किया गया है. जीएसटी में और सुधार की जरूरत है.
स्टील प्रोसेसिंग यूनिट का कार्य जल्द शुरू हो
समाजसेवी विजय कुमार मिठू का कहना है कि साल 2008 में स्टील प्रोसेसिंग यूनिट का शिलान्यास रामविलास पासवान ने किया था. 2008 के बाद 2013 में स्टील प्रोसेसिंग यूनिट का काम कागजी तौर पर आगे बढ़ा था. उसके बाद से इसमें कोई सुधार नहीं हुआ है. मोदी सरकार से अपेक्षा है कि इस स्टील प्रोसेसिंग यूनिट का कार्य शुभारंभ कराएं. इधर तिलैया- ढाढर परियोजना का कार्य आज तक शुरू नहीं हो सका है. इस योजना के बनने से गया सहित मगध के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा.
रेल और विमान सेवा पर ध्यान दे सरकार
समाजसेवी बाबूलाल प्रसाद ने बताया कि गया के विष्णुपद में अपने पूर्वजों के मोक्ष प्राप्ति लिए देश विदेश से श्रद्धालु आते हैं. बोधगया बौद्ध अनुयायी के लिए मक्का मदीना जैसा है. लोग यहां दूर दूर से आते हैं लेकिन यहां रेलवे सेवा और विमान सेवा की विशेष व्यवस्था नहीं है. गया से महानगर के लिए सीधे ट्रेन नहीं है. यहां दिल्ली जाने के लिए ट्रेन कम है. यहां से फ्लाइट घेरलू स्तर पर उड़ान नहीं भरती है. आगामी बजट में सरकार से अपेक्षा हैं कि महानगर के लिए सीधे ट्रेन चलाई जाए और घेरलू उड़ान की भी शुरुआत की जाए.