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'दलित परिवार' को गांव से भगाने पर प्रशासन सख्त, शापित बताने वाले ढोंगी तांत्रिक पर होगी कार्रवाई

गया के सिकहर गांव में दो लोगों की बीमारी से मौत हो गई थी. लेकिन एक ढोंगी ने इसे लेकर परिवार को शापित बता दिया था. इसके बाद गांववालों ने पीड़ित परिवार को गांव से बाहर निकाल दिया. इस मामले में एसएसपी ने संज्ञान लिया है. जानें क्या है पूरा मामला...

एसएसपी आदित्य कुमार
एसएसपी आदित्य कुमार
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Published : Sep 14, 2021, 5:11 PM IST

गयाः जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सिकहर गांव (Sikhar Village) में बीते दिनों ढोंगी तांत्रिक के द्वारा शापित बताने के बाद मृतक परिवार को गांव से बाहर निकालने के मामले में एसएसपी (Gaya SSP) ने संज्ञान लिया है. एसएसपी आदित्य कुमार (SSP Aditya Kumar) ने बताया है कि दलित समुदाय के एक परिवार पर अटैक किया गया था, जिसके बाद परिवार का रेस्क्यू किया गया है. दोषी ओझा पर भी कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ें- झाड़ फूंक से मृत युवक को जिंदा नहीं कर पाया ढोंगी ओझा... तो परिवार को श्रापित बता गांव से निकलवाया

हालांकि, ईटीवी भारत संवाददाता ने जब तालिबानी फरमान के बाद गांव से बाहर निकाले गए पीड़ित परिवार के बारे में एसएसपी से पूछा तो उन्होंने इस बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही है. बहरहाल, पीड़ित परिवार मवेशियों के साथ फिलहाल अपने रिश्तेदार के यहां शरण लिए हुए हैं.

देखें वीडियो

बता दें कि इस मामले प्रशासन ने गांववालों को समझाने का प्रयास भी किया है, लेकिन गांववालों ने अंधविश्वास में किसी भी कीमत पर पीड़ित परिवार को गांव में दोबारा वापसी नहीं होने देने की बात कह रहे हैं. प्रशासन का दावा है कि जल्द ही गांववालों को समझा-बुझाकर पीड़ित परिवार को गांव में वापस लाया जाया जाएगा. उन्हें उनका अधिकार दिलाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- Kishanganj News: बिहार के अस्पताल में अंधविश्वास का खेल, डॉक्टर बने मूकदर्शक... दो-दो तांत्रिक कर रहे इलाज

इस संबंध में प्रखंड प्रशासन का यह भी दावा है कि पीड़ित परिवार को निकालने के लिए गांव में कोई पंचायती नहीं की गई थी, जबकि पीड़ित परिवार बार-बार यह कह रहा है कि कई घंटों तक पंचायती चली और उन्हें बाहर निकालने का फरमान सुना दिया गया.

बता दें कि बीते 13 सितंबर को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सिकहर गांव में बीते दिनों दो युवकों की मौत बीमारी से हो गई थी. गांव वाले इसे रहस्मयी बीमारी मान रहे थे. मामला ओझा-गुणी तक पहुंच गया और एक तांत्रिक को बुलाया गया. तांत्रिक ने घंटों तक अंधविश्वास के खेल में लोगों को बरगलाए रखा. इसके बाद भी जब एक भी मृतक जिंदा नहीं हुआ तो उसने परिवार को ही शापित बताकर मौके से फरार हो गया. इसके बाद गांववालों ने पंचायती लगाकर पीड़ित परिवार को गांव से निकाल दिया था.

यह भी देखेंः सहरसा: तांत्रिक हत्याकांड का पुलिस ने किया उद्भेदन, हथियार सहित 3 गिरफ्तार

यह भी देखेंः बोला तांत्रिक- 'जिस सांप ने काटा है, उसे कर दूंगा भस्म', घंटों चला तंत्र-मंत्र

गयाः जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सिकहर गांव (Sikhar Village) में बीते दिनों ढोंगी तांत्रिक के द्वारा शापित बताने के बाद मृतक परिवार को गांव से बाहर निकालने के मामले में एसएसपी (Gaya SSP) ने संज्ञान लिया है. एसएसपी आदित्य कुमार (SSP Aditya Kumar) ने बताया है कि दलित समुदाय के एक परिवार पर अटैक किया गया था, जिसके बाद परिवार का रेस्क्यू किया गया है. दोषी ओझा पर भी कार्रवाई की जाएगी.

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हालांकि, ईटीवी भारत संवाददाता ने जब तालिबानी फरमान के बाद गांव से बाहर निकाले गए पीड़ित परिवार के बारे में एसएसपी से पूछा तो उन्होंने इस बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही है. बहरहाल, पीड़ित परिवार मवेशियों के साथ फिलहाल अपने रिश्तेदार के यहां शरण लिए हुए हैं.

देखें वीडियो

बता दें कि इस मामले प्रशासन ने गांववालों को समझाने का प्रयास भी किया है, लेकिन गांववालों ने अंधविश्वास में किसी भी कीमत पर पीड़ित परिवार को गांव में दोबारा वापसी नहीं होने देने की बात कह रहे हैं. प्रशासन का दावा है कि जल्द ही गांववालों को समझा-बुझाकर पीड़ित परिवार को गांव में वापस लाया जाया जाएगा. उन्हें उनका अधिकार दिलाया जाएगा.

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इस संबंध में प्रखंड प्रशासन का यह भी दावा है कि पीड़ित परिवार को निकालने के लिए गांव में कोई पंचायती नहीं की गई थी, जबकि पीड़ित परिवार बार-बार यह कह रहा है कि कई घंटों तक पंचायती चली और उन्हें बाहर निकालने का फरमान सुना दिया गया.

बता दें कि बीते 13 सितंबर को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सिकहर गांव में बीते दिनों दो युवकों की मौत बीमारी से हो गई थी. गांव वाले इसे रहस्मयी बीमारी मान रहे थे. मामला ओझा-गुणी तक पहुंच गया और एक तांत्रिक को बुलाया गया. तांत्रिक ने घंटों तक अंधविश्वास के खेल में लोगों को बरगलाए रखा. इसके बाद भी जब एक भी मृतक जिंदा नहीं हुआ तो उसने परिवार को ही शापित बताकर मौके से फरार हो गया. इसके बाद गांववालों ने पंचायती लगाकर पीड़ित परिवार को गांव से निकाल दिया था.

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