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अच्छा इंसान बनने के लिए बुद्ध चित्त प्राप्त करें- दलाई लामा

धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि अच्छा इंसान बनने के लिए बुद्ध चित्त का अभ्यास जरूरी है. बुद्ध चित्त से पुण्य की प्राप्त का लाभ मिलता है. उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध बोधगया में विराजमान हैं.

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प्रवचन के चौथे दिन तिब्बत के14वें धर्मगुरु दलाई लामा
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Published : Jan 5, 2020, 12:16 PM IST

गयाः बोधगया के कालचक्र मैदान में तिब्बत के14वें धर्मगुरु दलाई लामा पिछले साल शेष रह गए मंजु घोष के 10 से 5 क्रम पर प्रवचन कर रहे हैं. रविवार को प्रवचन के चौथे दिन उन्होंने कहा कि सभी लोग सुख चाहते हैं. जितने भी जीव धारी हैं उन्हें बुद्ध चित्त का अभ्यास करना चाहिए. इसके साथ ही दूसरों को तकलीफ देने वाली बात नहीं करनी चाहिए.

बोधगया में विराजमान हैं भगवान बुद्ध
धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि अच्छा इंसान बनने के लिए बुद्ध चित्त का अभ्यास जरूरी है. बुद्ध चित्त से पुण्य की प्राप्त का लाभ मिलता है. उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध बोधगया में विराजमान हैं. इस पवित्र स्थान पर जिस प्रकार बुद्ध ने व्याख्यान किए हैं. उसका मैं हर रोज अभ्यास करता हूं.

प्रवचन के चौथे दिन तिब्बत के14वें धर्मगुरु दलाई लामा

देश-विदेश से पहुंच रहे हैं अनुयायी
पिछले साल धर्म गुरू ने मंजुश्री के दस में से पांच क्रम का उपदेश दिया था. बाकी बचे पांच क्रम का उपदेश इस साल चार, पांच और छः जनवरी को होगा. उनके उपदेशों को सुनने के लिए उनके अनुयायी देश-विदेश से पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में यूएसए के नामचीन अभिनेता रिचर्ड गेरे भी उनके प्रवचन को सुनने के लिए बोधगया पहुंचे. इसके साथ ही देश के विभिन्न राज्यों के अलावा दुनिया के 47 देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं.

गयाः बोधगया के कालचक्र मैदान में तिब्बत के14वें धर्मगुरु दलाई लामा पिछले साल शेष रह गए मंजु घोष के 10 से 5 क्रम पर प्रवचन कर रहे हैं. रविवार को प्रवचन के चौथे दिन उन्होंने कहा कि सभी लोग सुख चाहते हैं. जितने भी जीव धारी हैं उन्हें बुद्ध चित्त का अभ्यास करना चाहिए. इसके साथ ही दूसरों को तकलीफ देने वाली बात नहीं करनी चाहिए.

बोधगया में विराजमान हैं भगवान बुद्ध
धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि अच्छा इंसान बनने के लिए बुद्ध चित्त का अभ्यास जरूरी है. बुद्ध चित्त से पुण्य की प्राप्त का लाभ मिलता है. उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध बोधगया में विराजमान हैं. इस पवित्र स्थान पर जिस प्रकार बुद्ध ने व्याख्यान किए हैं. उसका मैं हर रोज अभ्यास करता हूं.

प्रवचन के चौथे दिन तिब्बत के14वें धर्मगुरु दलाई लामा

देश-विदेश से पहुंच रहे हैं अनुयायी
पिछले साल धर्म गुरू ने मंजुश्री के दस में से पांच क्रम का उपदेश दिया था. बाकी बचे पांच क्रम का उपदेश इस साल चार, पांच और छः जनवरी को होगा. उनके उपदेशों को सुनने के लिए उनके अनुयायी देश-विदेश से पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में यूएसए के नामचीन अभिनेता रिचर्ड गेरे भी उनके प्रवचन को सुनने के लिए बोधगया पहुंचे. इसके साथ ही देश के विभिन्न राज्यों के अलावा दुनिया के 47 देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं.

Intro:दलाईलामा जी के चौथे दिन के प्रबचन मे कहे सभी लोग सुख चाहते हैं परमात्मा बुद्ध चित और अन्य को सुबह अभ्यास करना चाहिए जितने भी जीव धारी हैं सभी के लिये।
ऐसा बात करनी चाहिए जिससे एक दूसरे को तकलीफ न हो Body:V1-गया बोधगया कालचक्र ग्राउंड में परम पावन बौद्ध धर्मगुरु 14 वे दलाईलामा जी का आज चौथा दिन प्रवचन अभी सुरु किया गया है।
उन्होंने प्रवचन दे रहे हैं।
एक अच्छा जीवन व इन्सान बनाने चाहते हो तो बुद्ध चित का अभ्यास क प्राप्त करें सभी जीवों को भी बुद्ध चित प्राप्त करे।
केवल केवल अभ्यास करने से ही बौद्ध चित प्राप्त हो जाती हैं।
V2-जितने भी जीव धारी हैं सभी के लिये करूँगा । बात ऐसा करनी चाहिए जिससे दूसरे को तकलीफ न हो । असुर सुर की बात करते हैं हमारे पाप हैं ।
तो बुद्ध चित से पुण्य की प्राप्त होगी लाभ मिलेगा।
भगवान बुद्ध बोधगया में विराजमान हैं ।
पवित्र स्थान पर जिस प्रकार बुद्ध ने व्याख्या किये हैं उसी का प्रयास खुशी खुशी करुना चाहते हैं ।
बुद्ध चित की प्राप्ति बोधगया में कर रहा हूँ ।
V3-मैं हर रोज अभ्यास करता हूँ। मैं बुद्ध के शरण में हु।
मैं दूसरे के लियें जीता हूँ ।दूसरे जीवों मित्रों के लिये बुद्ध चित की दीक्षा ग्रहण करता हूँ । यही बौद्ध दीक्षा हमने प्राप्त किया । अलग अलग आत्मो का नाम ले सकतें हैं ।या बुद्ध का भी नाम ले सकतें हैं । आज से लेकर बुद्ध के शरण में जाता हूँ और मैं अपने क़सम के अनुसर रोज बुद्ध चित के लिये अभ्यास करूँगा ।Conclusion:बरहाल आपको बता दें कि परम पावन दलाईलामा जी का चौथा दिन के प्रवचन में कहे है कि बुद्ध चित की प्राप्ति बोधगया में कर रहा हूँ । मैं हर रोज अभ्यास करता हूँ । मैं बुद्ध के शरण में हु।
मैं दूसरे के लियें जाता हूँ दूसरे जीवों मित्रों के लिये बुद्ध चित की दीक्षा ग्रहण करता हूँ ।
ये बौद्ध दीक्षा प्राप्त किया । अलग अलग आत्मो का नाम ले सकतें हैं या बुद्ध का भी नाम ले सकतें हैं ।
आज से लेकर बुद्ध के शरण में जाता हूँ और मैं अपने क़सम के अनुसर रोज बुद्ध चित के लिये अभ्यास करूँगा ।
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