गया: नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष प्रीति सिंह का प्रशासन पर आरोप- लोगों को अपनी ही जमीन से हटाया जा रहा है - प्रीति सिंह ने प्रशासन पर लगाया आरोप
नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष प्रीति सिंह ने कहा कि बोधगया में स्थानीय दुकानदारों का सीजन शुरू होते ही प्रशासन की अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू हो जाती है.
गया: नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष प्रीति सिंह ने प्रशासन पर आरोप लगाया है कि सुरक्षा के नाम पर यहां के लोगों को बोधगया से दूर किया जा रहा है. जबकि बोधगया एक मशहूर पर्यटन स्थल है. यह स्थल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. यहां आने वाले पर्यटकों के लिए यह महत्वपूर्ण स्थल बन गया है.
पूर्व अध्यक्ष ने सरकार पर लगाया आरोप
नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष प्रीति सिंह ने कहा कि बोधगया में स्थानीय दुकानदारों का सीजन शुरू होते ही प्रशासन की अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू हो जाती है. जिसमे कुछ चिन्हित फूटपाथी दुकानदारों को हटाया जाता है. इन दुकानदारों को हटाकर तिब्बतियों की दुकान लगवा दी जाती है. जिससे बोधगया के लोग अपने ही शहर से दूर होते जा रहे हैं. सुरक्षा के नाम पर अधिकारी सिर्फ बोधगया वासियों को परेशान कर रहे हैं. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया है कि यहां हर साल सुरक्षा के नाम पर करोड़ो रुपये का घोटाला किया जाता है. जिसकी जांच नहीं की जाती है.
'सुरक्षा के नाम पर लोगों को किया जा रहा परेशान'
पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि 7 जुलाई 2013 को हुए सीरियल बम धमाके की घटना के बाद से बोधगया के लोग अपने ही शहर से दूर होते जा रहे हैं. धमाके के बाद प्रशासन की तरफ से सुरक्षा का हवाला देकर 58 दुकानों को तोड़ दिया गया. बहरहाल इसका मामला सुप्रीम कोर्ट मे चल रहा है. वहीं महाबोधी मन्दिर का निकास द्वार भी अलग बना दिया गया है. जबकि प्रसिद्ध शंकराचार्य के मठ को भी स्थानीय राजनीति के तहत हटा दिया गया है. लेकिन सुरक्षा के नाम पर दिनों-दिन हो रहे इस बदलाव से यहां के स्थानीय निवासी परेशान हैं.
गया बोधगया स्थानीय दुकानदारों को सीजन सुरु होते ही प्रशासन को अतिक्रमण हटाने की मुहिम सुरु हो जाती हैं । जिसमें कुछ चिंहित फूट- पाती दुकानदार को हटाया जाता हैं । इन दुकानदार को हटाकर तिबतियों का दुकान लगवा दिया जाता हैं जिससे शायद अतिक्रमण नही होता हैं ।
बोधगया नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष प्रीती सिंह ने बताया कि बोधगया के लोग अपने ही अपने ही शहर से दूर होते जा रहा हैं । सुरक्षा के नाम पर अधिकारी सिर्फ बोधगया वासियों को तंग कर रही हैं । करोड़ो रूपये की घोटाला हर वर्ष होते हैं जिसकी जाँच नही किया जाता ।
7 जुलाई 2013 को हुये सीरियल बम धमाके की घटना के बाद से बोधगया के लोग अपनी शहर से दूर होते जा रहे हैं धमाके के बाद प्रशासन द्वारा लाल पत्थर से सुरक्षा का हवाला देकर 58 दुकानो को जमीदोज कर दिया गया इसका मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट मे चल रहा है सुरक्षा के नाम पर दिनों दिन हो रहे बदलाव से यहा के लगभग लोगो मे भय हैं
वह महाबोधी मन्दिर का निकास द्वार अलग बनाकर मुख्य रास्ता को एकल रास्ता बना दिया गया
उसके बाद शंकराचार्य मठ को भी स्थानीय राजनीति के तहत भेट चढ़ चुका है ।Conclusion: