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CUSB ने NIRF की रैंकिंग में बनाई जगह, प्रदेश के एक मात्र विश्वविद्यालय को मिली जगह

दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के जन सम्पर्क अधिकारी मो. मुदस्सीर आलम ने बताया कि नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क में देश के सर्वश्रेष्ठ 200 विश्वविद्यालयों में सीयूएसबी को जगह मिली है और ये अकेले राष्ट्र स्तर पर बिहार का प्रतिनिधित्व कर रहा है.

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Published : Jun 12, 2020, 11:13 PM IST

गया : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी एनआईआरएफ की रैंकिंग में गया जिले में स्थित दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय को शामिल किया गया. प्रदेश से एक मात्र यह विश्वविद्यालय ही एनआईआरएफ की रैंकिंग में शामिल किया गया.

सर्वश्रेष्ठ 200 विश्वविद्यालयों में सीयूएसबी को मिली जगह
दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के जन सम्पर्क अधिकारी मो. मुदस्सीर आलम ने बताया कि नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क में देश के सर्वश्रेष्ठ 200 विश्वविद्यालयों में सीयूएसबी को जगह मिली है और ये अकेले राष्ट्र स्तर पर बिहार का प्रतिनिधित्व कर रहा है. उन्होंने बताया कि सीयूएसबी का मूल्यांकन विभिन्न मापदंडों विशेषकर शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं शोध के संसाधनों के आधार पर करते हुए देश के 151-200 रैंकिंग वाले विश्वविद्यालयों में शामिल किया गया है. एनआईआरएफ- 2020 रैंकिंग में स्थान मिलने पर समस्त विश्वविद्यालय परिवार ने हर्ष व्यक्त करते हुए एक दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं दी है.

gaya
दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय

इन-इन मापदंडों पर हुई रैंकिंग
जन सम्पर्क पदाधिकारी मो. आलम ने एनआईआरएफ के बारे विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि रैंकिंग के लिए एमएचआरडी ने कई मापदंड निर्धारित किए थे. जिनमें विवि में विभिन्न स्तर क्रमशः स्नातक, स्नातकोत्तर एवं शोध में विद्यार्थियों की स्वीकृत कुल सीटें, विभिन्न कोर्सेज में पंजीकृत विद्यार्थियों की कुल संख्या, विद्यार्थियों का प्लेसमेंट एवं उच्च शिक्षा के लिए चयन, विवि में हो रहे पीएचडी की जानकारी, वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं उसका उपयोग और विशेष रूप से सक्षम विद्यार्थियों आदि शामिल थे.

देश के उत्कृष्ट विश्वविद्यालय में स्थान बनाने का प्रयास- कुलपति
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हरिश्चंद्र सिंह राठौर और कुलसचिव कर्नल राजीव कुमार सिंह ने इस उपलब्धि पर विवि के प्राध्यापकों, विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों को मुबारकबाद पेश किया है. प्रोफेसर हरिश्चंद्र सिंह राठौर ने कहा कि गत वर्षों से हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि सीयूएसबी देश के उत्कृष्ट विश्विद्यालयों में अपना स्थान बनाए और इसमें हमें सफलता भी प्राप्त हुई है.

बिहार और देश के लिए है गर्व की बात
गौरतलब हो कि दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय अपनी स्थापना वर्ष 2009 से ही उच्च शिक्षा और शैक्षणिक क्षेत्र में काफी सक्रीय रहा है और सुचारु एवं गुणवत्तापूर्ण पठन-पाठ्य के लिए काफी मशहूर है. पटना और गया में किराये के मकान से संचालित होने के बावजूद सीयूएसबी ने हमेशा उच्च शिक्षा और शैक्षणिक उत्कृष्टता के मानकों पर खड़ा उतरने की हमेशा कोशिश की और कई तरह की रैंकिंग में जगह भी बनाई है. नैक से 'ए' ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय अपने 300 एकड़ के भव्य परिसर में अकादमिक सत्र 2018-19 से शैक्षिक कार्यक्रमों का सुचारु रूप से संचालन कर रहा है. इस विवि में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय अनुभव प्राप्त प्राध्यापक हैं. जिनके पास उत्कृष्ट शैक्षिक कौशल के साथ-साथ विभिन्न एजेंसियों से अनुदानित दर्जनों शोध परियोजनाएं हैं, जो बिहार और देश के लिए गर्व की बात है.

गया : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी एनआईआरएफ की रैंकिंग में गया जिले में स्थित दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय को शामिल किया गया. प्रदेश से एक मात्र यह विश्वविद्यालय ही एनआईआरएफ की रैंकिंग में शामिल किया गया.

सर्वश्रेष्ठ 200 विश्वविद्यालयों में सीयूएसबी को मिली जगह
दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के जन सम्पर्क अधिकारी मो. मुदस्सीर आलम ने बताया कि नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क में देश के सर्वश्रेष्ठ 200 विश्वविद्यालयों में सीयूएसबी को जगह मिली है और ये अकेले राष्ट्र स्तर पर बिहार का प्रतिनिधित्व कर रहा है. उन्होंने बताया कि सीयूएसबी का मूल्यांकन विभिन्न मापदंडों विशेषकर शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं शोध के संसाधनों के आधार पर करते हुए देश के 151-200 रैंकिंग वाले विश्वविद्यालयों में शामिल किया गया है. एनआईआरएफ- 2020 रैंकिंग में स्थान मिलने पर समस्त विश्वविद्यालय परिवार ने हर्ष व्यक्त करते हुए एक दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं दी है.

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दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय

इन-इन मापदंडों पर हुई रैंकिंग
जन सम्पर्क पदाधिकारी मो. आलम ने एनआईआरएफ के बारे विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि रैंकिंग के लिए एमएचआरडी ने कई मापदंड निर्धारित किए थे. जिनमें विवि में विभिन्न स्तर क्रमशः स्नातक, स्नातकोत्तर एवं शोध में विद्यार्थियों की स्वीकृत कुल सीटें, विभिन्न कोर्सेज में पंजीकृत विद्यार्थियों की कुल संख्या, विद्यार्थियों का प्लेसमेंट एवं उच्च शिक्षा के लिए चयन, विवि में हो रहे पीएचडी की जानकारी, वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं उसका उपयोग और विशेष रूप से सक्षम विद्यार्थियों आदि शामिल थे.

देश के उत्कृष्ट विश्वविद्यालय में स्थान बनाने का प्रयास- कुलपति
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हरिश्चंद्र सिंह राठौर और कुलसचिव कर्नल राजीव कुमार सिंह ने इस उपलब्धि पर विवि के प्राध्यापकों, विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों को मुबारकबाद पेश किया है. प्रोफेसर हरिश्चंद्र सिंह राठौर ने कहा कि गत वर्षों से हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि सीयूएसबी देश के उत्कृष्ट विश्विद्यालयों में अपना स्थान बनाए और इसमें हमें सफलता भी प्राप्त हुई है.

बिहार और देश के लिए है गर्व की बात
गौरतलब हो कि दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय अपनी स्थापना वर्ष 2009 से ही उच्च शिक्षा और शैक्षणिक क्षेत्र में काफी सक्रीय रहा है और सुचारु एवं गुणवत्तापूर्ण पठन-पाठ्य के लिए काफी मशहूर है. पटना और गया में किराये के मकान से संचालित होने के बावजूद सीयूएसबी ने हमेशा उच्च शिक्षा और शैक्षणिक उत्कृष्टता के मानकों पर खड़ा उतरने की हमेशा कोशिश की और कई तरह की रैंकिंग में जगह भी बनाई है. नैक से 'ए' ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय अपने 300 एकड़ के भव्य परिसर में अकादमिक सत्र 2018-19 से शैक्षिक कार्यक्रमों का सुचारु रूप से संचालन कर रहा है. इस विवि में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय अनुभव प्राप्त प्राध्यापक हैं. जिनके पास उत्कृष्ट शैक्षिक कौशल के साथ-साथ विभिन्न एजेंसियों से अनुदानित दर्जनों शोध परियोजनाएं हैं, जो बिहार और देश के लिए गर्व की बात है.

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