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Gyan Yatra In Bodh Gaya: बौद्ध महोत्सव के दूसरे दिन निकली ज्ञान यात्रा, कई देशों के बौद्ध श्रद्धालु हुए शामिल

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Published : Jan 28, 2023, 12:22 PM IST

बौद्ध महोत्सव के दूसरे दिन बोधगया में बौद्ध श्रद्धालुओं ने ज्ञान यात्रा निकाली. श्रद्धालुओं का मानना है कि जिस मार्ग पर चलकर भगवान बुद्ध ने ज्ञान अर्जन किया था, उसी रास्ते पर चलकर महने ढुंगेश्वरी प्रागबोधि से लेकर महाबोधि मंदिर तक ज्ञान यात्रा निकाली है. पढ़ें पूरी खबर...

बोधगया में श्रद्धालुओं ने निकाला ज्ञान यात्रा
बोधगया में श्रद्धालुओं ने निकाला ज्ञान यात्रा
बौद्ध श्रद्धालुओं ने निकाली ज्ञान यात्रा

गया: बिहार के बोधगया में भगवान बुद्ध के मार्ग पर चलकर बौद्ध श्रद्धालुओं ने ज्ञान यात्रा निकाली (Gyan Yatra In Bodh Gaya) है. बौद्ध महोत्सव के अवसर पर मान्यता के अनुसार भगवान बुद्ध जिस रास्ते से बोधगया पहुंचे थे, उसी रास्ते पर चलकर श्रद्धालु भी बोधिवृक्ष के नीचे पहुंचे हैं. वहां पर मौजूद कई श्रद्धालु ढुंगेश्वरी प्रागबोधि से लेकर बोधगया महाबोधि मंदिर तक ज्ञान यात्रा निकाली और साथ ही शांति मार्च भी निकाला. इस यात्रा में कई देशों के बौद्ध श्रद्धालु शरीक हुए.

ये भी पढ़ें- Gaya Mahotsav 2023: बौद्ध महोत्सव के लिए तथागत की नगरी तैयार, डिप्टी सीएम तेजस्वी करेंगे उद्घाटन


ज्ञान यात्रा पर निकले श्रद्धालु: बोधगया में इंटरनेशनल बौद्ध महोत्सव का आयोजन पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के सहयोग से किया जाता है. इसी के तहत यहां कई श्रद्धालु शांति मार्च के साथ ज्ञान यात्रा में भी भाग लिए हैं. यह कार्यक्रम बौद्ध महोत्सव के समय में काफी पहले से चल रहा है. इस कार्यक्रम में बौद्ध भिक्षुओं के साथ विभिन्न देशों के बौद्ध श्रद्धालु समेत हजारों बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग शामिल हुए. वहीं, बौद्ध भिक्षु भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति वाले मार्ग पर ज्ञाना यात्रा में चलकर काफी खुश दिख रहे थे.

ढुंगेश्वरी प्रागबोधि से बोधगया महाबोधि मंदिर तक यात्रा: यहां मौजूद बीटीएमसी सदस्य अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि बौद्ध महोत्सव के दौरान ढुंगेश्वरी प्रागबोधि से बोधगया महाबोधि मंदिर तक यात्रा निकाली जाती है. उसने बताया कि मान्यताओं के अनुसार भगवान बुद्ध जिस मार्ग से ज्ञानस्थली पहुंचकर बोधि वृक्ष के नीचे बैठकर ज्ञान की प्राप्ति की थी. उसी मार्ग में प्रागबोधि से बोधगया मार्ग शामिल है. इसी कारण से इस रास्ते पर ज्ञान यात्रा और शांति मार्च निकाली जाती है. यह आयोजन काफी पहले से चला आ रहा है.

'बुद्धम शरणम गच्छामि' के श्लोक से गुंजायमान: इस शांति और ज्ञान मार्च में हजारों बौद्ध श्रद्धालु शामिल होते हैं. इस यात्रा के दौरान कई बौद्ध श्रद्धालुओं के द्वारा बौद्ध धर्म का मंत्रोच्चार करते हुए जाप करते हैं. 'बुद्धम शरणम गच्छामि' के श्लोक से यह मार्ग गुंजायमान रहता है. इसलिए यह यात्रा काफी प्रेरणादायक और विशेष अनुभूति प्रदान करने वाली मानी जाती है. जिसमें देश और विदेश के हजारों श्रद्धालु अपनी संस्कृतियों के साथ शामिल होते हैं. बताया जाता है कि जिले के फतेहपुर प्रखंड स्थित ढुंगेश्वरी पहाड़ से चलकर भगवान बुद्ध बोधगया पहुंचे थे. इसका जिक्र ह्वेनसांग ने भी किया है.

'बौद्ध महोत्सव के दौरान ढुंगेश्वरी प्रागबोधि से बोधगया महाबोधि मंदिर तक यात्रा निकाली जाती है. मान्यताओं के अनुसार भगवान बुद्ध जिस मार्ग से ज्ञानस्थली पहुंचकर बोधि वृक्ष के नीचे बैठकर ज्ञान की प्राप्ति की थी. उसी मार्ग में प्रागबोधि से बोधगया मार्ग शामिल है. इसी कारण से इस रास्ते पर ज्ञान यात्रा और शांति मार्च निकाली जाती है'- अरविंद कुमार सिंह, सदस्य, बीटीएमसी

International Buddhist Festival: बोधगया में 3 दिवसीय इंटरनेशनल बौद्ध महोत्सव, तेजस्वी यादव ने किया उद्घाटन

बौद्ध श्रद्धालुओं ने निकाली ज्ञान यात्रा

गया: बिहार के बोधगया में भगवान बुद्ध के मार्ग पर चलकर बौद्ध श्रद्धालुओं ने ज्ञान यात्रा निकाली (Gyan Yatra In Bodh Gaya) है. बौद्ध महोत्सव के अवसर पर मान्यता के अनुसार भगवान बुद्ध जिस रास्ते से बोधगया पहुंचे थे, उसी रास्ते पर चलकर श्रद्धालु भी बोधिवृक्ष के नीचे पहुंचे हैं. वहां पर मौजूद कई श्रद्धालु ढुंगेश्वरी प्रागबोधि से लेकर बोधगया महाबोधि मंदिर तक ज्ञान यात्रा निकाली और साथ ही शांति मार्च भी निकाला. इस यात्रा में कई देशों के बौद्ध श्रद्धालु शरीक हुए.

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ज्ञान यात्रा पर निकले श्रद्धालु: बोधगया में इंटरनेशनल बौद्ध महोत्सव का आयोजन पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के सहयोग से किया जाता है. इसी के तहत यहां कई श्रद्धालु शांति मार्च के साथ ज्ञान यात्रा में भी भाग लिए हैं. यह कार्यक्रम बौद्ध महोत्सव के समय में काफी पहले से चल रहा है. इस कार्यक्रम में बौद्ध भिक्षुओं के साथ विभिन्न देशों के बौद्ध श्रद्धालु समेत हजारों बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग शामिल हुए. वहीं, बौद्ध भिक्षु भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति वाले मार्ग पर ज्ञाना यात्रा में चलकर काफी खुश दिख रहे थे.

ढुंगेश्वरी प्रागबोधि से बोधगया महाबोधि मंदिर तक यात्रा: यहां मौजूद बीटीएमसी सदस्य अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि बौद्ध महोत्सव के दौरान ढुंगेश्वरी प्रागबोधि से बोधगया महाबोधि मंदिर तक यात्रा निकाली जाती है. उसने बताया कि मान्यताओं के अनुसार भगवान बुद्ध जिस मार्ग से ज्ञानस्थली पहुंचकर बोधि वृक्ष के नीचे बैठकर ज्ञान की प्राप्ति की थी. उसी मार्ग में प्रागबोधि से बोधगया मार्ग शामिल है. इसी कारण से इस रास्ते पर ज्ञान यात्रा और शांति मार्च निकाली जाती है. यह आयोजन काफी पहले से चला आ रहा है.

'बुद्धम शरणम गच्छामि' के श्लोक से गुंजायमान: इस शांति और ज्ञान मार्च में हजारों बौद्ध श्रद्धालु शामिल होते हैं. इस यात्रा के दौरान कई बौद्ध श्रद्धालुओं के द्वारा बौद्ध धर्म का मंत्रोच्चार करते हुए जाप करते हैं. 'बुद्धम शरणम गच्छामि' के श्लोक से यह मार्ग गुंजायमान रहता है. इसलिए यह यात्रा काफी प्रेरणादायक और विशेष अनुभूति प्रदान करने वाली मानी जाती है. जिसमें देश और विदेश के हजारों श्रद्धालु अपनी संस्कृतियों के साथ शामिल होते हैं. बताया जाता है कि जिले के फतेहपुर प्रखंड स्थित ढुंगेश्वरी पहाड़ से चलकर भगवान बुद्ध बोधगया पहुंचे थे. इसका जिक्र ह्वेनसांग ने भी किया है.

'बौद्ध महोत्सव के दौरान ढुंगेश्वरी प्रागबोधि से बोधगया महाबोधि मंदिर तक यात्रा निकाली जाती है. मान्यताओं के अनुसार भगवान बुद्ध जिस मार्ग से ज्ञानस्थली पहुंचकर बोधि वृक्ष के नीचे बैठकर ज्ञान की प्राप्ति की थी. उसी मार्ग में प्रागबोधि से बोधगया मार्ग शामिल है. इसी कारण से इस रास्ते पर ज्ञान यात्रा और शांति मार्च निकाली जाती है'- अरविंद कुमार सिंह, सदस्य, बीटीएमसी

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