ETV Bharat / state

बुद्ध पूर्णिमा पर 'कोरोना का ग्रहण', महाबोधि मंदिर में सादगी से की गई पूजा-अर्चना - बोध गया में सन्नाटा

कोरोना वायरस और लॉकडाउन का व्यापक प्रभाव पर्व-त्योहारों पर भी देखने को मिल रहा है. गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा का रंग भी कोरोना वायरस के कारण फीका नजर आया.

भगवान बुद्ध की प्रतिमा
भगवान बुद्ध की प्रतिमा
author img

By

Published : May 7, 2020, 1:27 PM IST

Updated : May 7, 2020, 5:55 PM IST

गया: विश्वप्रसिद्ध बोध गया में बुद्ध पूर्णिमा यूं तो बड़े पैमाने पर व्यापक तरीके से मनाई जाती है. लेकिन, इस बार कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण ये दिन बड़ी सादगी से मनाया गया. गुरुवार को बुद्ध जयंती के मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है जो इस बार लॉकडाउन के कारण नदारद रही. बौद्ध भिक्षुओं ने सादगी से पूजा-अर्चना कर भगवान को याद किया.

बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन भगवान गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाया जाता हैं. बताया जाता है आज ही के दिन बुद्ध का जन्म हुआ था, साथ ही इसी दिन उन्हें निर्वाण की प्राप्ति हुई थी. विश्व में बौद्ध धर्म को मानने वाले करोड़ों लोग इस दिन को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं.

बीटीएमसी के पुजारियों ने की पूजा
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बुद्ध जयंती के दिन बीटीएमसी के पुजारियों ने विशेष पूजा की. मौके पर किसी बाहरी व्यक्ति की मंदिर प्रवेश पर मनाही रही. दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है जब महाबोधि मंदिर में बुद्ध जयंती सन्नाटे में मनाई गई. बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर आयोजित विशेष पूजा में 10 बौद्धधर्म गुरु, पुजारी और 12 बीटीएमसी के कर्मी ही शामिल हुए.

सोशल डिस्टेंस के बीच पूजा
पूजा अनुष्ठान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए शांति यात्रा निकाली गई. इसके बाद महाबोधि मंदिर के गर्भ गृह में भगवान बुद्ध के सामने पूजा-अर्चना की गई. इसके बाद भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली पर पावन बोधि वृक्ष के नीचे पुष्प चढ़ाया गया और बोधिवृक्ष के नीचे छांव में पाली, बौद्ध महायाना परंपरा के तहत पूजा मंत्रोच्चारण किया गया.

देखें रिपोर्ट

मुख्य पुजारी ने की विश्व की मंगलकामना
इस संबंध में महाबोधि मंदिर के मुख्य पुजारी भन्ते चलिन्दा ने बताया कि बुद्ध जयंती पर खास पूजा और मंगलसूत्र पाठ किया गया. मंगलसूत्र पाठ कर विश्व कल्याण के लिए कामना की गई. उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में ऐसा पहली बार है जब बुद्ध जयंती में इतना सन्नाटा है.

इस समय बौद्ध श्रद्धालुओं से पटा रहता था गया
बता दें कि महाबोधि मंदिर में बुद्ध जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है. बोधगया में स्थित लगभग 200 बौद्ध मठों में भी बुद्ध जयंती के दिन विशेष पूजा की जाती थी. पूरा बोधगया विदेशी श्रद्धालुओं से पटा रहता था. बोधगया में हर तरफ बुद्धम शरणम गच्छामि की गूंज गूंजती रहती थी. लेकिन, इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण महाबोधि मंदिर सहित बोधगया में बुद्ध जयंती के अवसर पर सन्नाटा पसरा दिखा.

गया: विश्वप्रसिद्ध बोध गया में बुद्ध पूर्णिमा यूं तो बड़े पैमाने पर व्यापक तरीके से मनाई जाती है. लेकिन, इस बार कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण ये दिन बड़ी सादगी से मनाया गया. गुरुवार को बुद्ध जयंती के मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है जो इस बार लॉकडाउन के कारण नदारद रही. बौद्ध भिक्षुओं ने सादगी से पूजा-अर्चना कर भगवान को याद किया.

बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन भगवान गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाया जाता हैं. बताया जाता है आज ही के दिन बुद्ध का जन्म हुआ था, साथ ही इसी दिन उन्हें निर्वाण की प्राप्ति हुई थी. विश्व में बौद्ध धर्म को मानने वाले करोड़ों लोग इस दिन को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं.

बीटीएमसी के पुजारियों ने की पूजा
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बुद्ध जयंती के दिन बीटीएमसी के पुजारियों ने विशेष पूजा की. मौके पर किसी बाहरी व्यक्ति की मंदिर प्रवेश पर मनाही रही. दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है जब महाबोधि मंदिर में बुद्ध जयंती सन्नाटे में मनाई गई. बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर आयोजित विशेष पूजा में 10 बौद्धधर्म गुरु, पुजारी और 12 बीटीएमसी के कर्मी ही शामिल हुए.

सोशल डिस्टेंस के बीच पूजा
पूजा अनुष्ठान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए शांति यात्रा निकाली गई. इसके बाद महाबोधि मंदिर के गर्भ गृह में भगवान बुद्ध के सामने पूजा-अर्चना की गई. इसके बाद भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली पर पावन बोधि वृक्ष के नीचे पुष्प चढ़ाया गया और बोधिवृक्ष के नीचे छांव में पाली, बौद्ध महायाना परंपरा के तहत पूजा मंत्रोच्चारण किया गया.

देखें रिपोर्ट

मुख्य पुजारी ने की विश्व की मंगलकामना
इस संबंध में महाबोधि मंदिर के मुख्य पुजारी भन्ते चलिन्दा ने बताया कि बुद्ध जयंती पर खास पूजा और मंगलसूत्र पाठ किया गया. मंगलसूत्र पाठ कर विश्व कल्याण के लिए कामना की गई. उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में ऐसा पहली बार है जब बुद्ध जयंती में इतना सन्नाटा है.

इस समय बौद्ध श्रद्धालुओं से पटा रहता था गया
बता दें कि महाबोधि मंदिर में बुद्ध जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है. बोधगया में स्थित लगभग 200 बौद्ध मठों में भी बुद्ध जयंती के दिन विशेष पूजा की जाती थी. पूरा बोधगया विदेशी श्रद्धालुओं से पटा रहता था. बोधगया में हर तरफ बुद्धम शरणम गच्छामि की गूंज गूंजती रहती थी. लेकिन, इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण महाबोधि मंदिर सहित बोधगया में बुद्ध जयंती के अवसर पर सन्नाटा पसरा दिखा.

Last Updated : May 7, 2020, 5:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.