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बस ड्राइवर का बेटा बच्चों को पढ़ाता है निःशुल्क, अब खुद बना बिहार टॉपर - bihar topper

मनीष जब दसवीं की परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, तब उन्होंने एक संस्था से जुड़कर निःशुल्क शिक्षा लिया, दसवीं की परीक्षा में 84 प्रतिशत अंक लाने के बाद उन्होंने गया कॉलेज में कला संकाय में 10+2 में प्रवेश लिया. दो वर्षों तक उसी संस्था में गरीब बच्चों को दो घण्टे हर रोज निःशुल्क पढ़ाते हैं.

टॉपर मनीष को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर करते माता-पिता
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Published : Mar 31, 2019, 12:00 AM IST

गया: बिहार विद्यालय परीक्षा समिती उच्च माध्यमिक का सभी संकायों का परीक्षाफल जारी कर दिया गया. लेकिन सबसे खास बात यह रही किगया के मनीष खुद गरीब बच्चों को निःशुल्क पढ़ाकर आज कला संकाय में बिहार टॉपर हुए.
मनीष कला संकाय में 92.6%अंक लाए हैं.

गया के मनीष व बेतिया की रोहणी संयुक्त रूप से कला संकाय में बिहार टॉपर हुए हैं.मनीष गया कॉलेज के छात्र हैं. वहगया के विष्णुपद मंदिर के पास खावा गली में दो कमरे कीमकान में रहतेहैं.पिता स्कूल की बस चलाते हैं तो वहीं मां घर का काम करती हैं. मनीष तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं.मनीष गरीब परिवार से आते हैं उनकी इच्छा है पढ़कर आई.ए.एस. बनें.

मनीष के टॉपर बनने पर खुशी जताते उसके दोस्त

मनीष जब दसवीं कीपरीक्षा कीतैयारी कर रहे थे, तब उन्होंने एक संस्था से जुड़कर निःशुल्क शिक्षा लिया, दसवीं कीपरीक्षा में 84 प्रतिशत अंक लाने के बाद उन्होंनेगया कॉलेज में कला संकाय में 10+2 में प्रवेश लिया.दो वर्षों तक उसी संस्था में गरीब बच्चों को दो घण्टेहर रोज निःशुल्क पढ़ाते हैं.आज खुद कला संकाय में बिहार टॉपर हैं.

मनीष के घर पर रिजल्ट घोषणा होने के बाद से जश्न का माहौल हैं, उनके माता-पिता बेहद खुश हैं. आसपास के पड़ोसी आकर उनकी मांको बधाई दे रहे हैं.उनके पिता को भी परिवार के लोग बधाई दे रहे हैं. कला संकाय के टॉपर मनीष कुमार ने बताया आज बेहद खुश हूं, इसका श्रेय सभी को जाता है.मां- पिता ने कभी पढ़ने के लिए दबाव नहीं डाला, हर रोज दो घण्टे पढ़कर टॉपर बना हूं.

गया: बिहार विद्यालय परीक्षा समिती उच्च माध्यमिक का सभी संकायों का परीक्षाफल जारी कर दिया गया. लेकिन सबसे खास बात यह रही किगया के मनीष खुद गरीब बच्चों को निःशुल्क पढ़ाकर आज कला संकाय में बिहार टॉपर हुए.
मनीष कला संकाय में 92.6%अंक लाए हैं.

गया के मनीष व बेतिया की रोहणी संयुक्त रूप से कला संकाय में बिहार टॉपर हुए हैं.मनीष गया कॉलेज के छात्र हैं. वहगया के विष्णुपद मंदिर के पास खावा गली में दो कमरे कीमकान में रहतेहैं.पिता स्कूल की बस चलाते हैं तो वहीं मां घर का काम करती हैं. मनीष तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं.मनीष गरीब परिवार से आते हैं उनकी इच्छा है पढ़कर आई.ए.एस. बनें.

मनीष के टॉपर बनने पर खुशी जताते उसके दोस्त

मनीष जब दसवीं कीपरीक्षा कीतैयारी कर रहे थे, तब उन्होंने एक संस्था से जुड़कर निःशुल्क शिक्षा लिया, दसवीं कीपरीक्षा में 84 प्रतिशत अंक लाने के बाद उन्होंनेगया कॉलेज में कला संकाय में 10+2 में प्रवेश लिया.दो वर्षों तक उसी संस्था में गरीब बच्चों को दो घण्टेहर रोज निःशुल्क पढ़ाते हैं.आज खुद कला संकाय में बिहार टॉपर हैं.

मनीष के घर पर रिजल्ट घोषणा होने के बाद से जश्न का माहौल हैं, उनके माता-पिता बेहद खुश हैं. आसपास के पड़ोसी आकर उनकी मांको बधाई दे रहे हैं.उनके पिता को भी परिवार के लोग बधाई दे रहे हैं. कला संकाय के टॉपर मनीष कुमार ने बताया आज बेहद खुश हूं, इसका श्रेय सभी को जाता है.मां- पिता ने कभी पढ़ने के लिए दबाव नहीं डाला, हर रोज दो घण्टे पढ़कर टॉपर बना हूं.

Intro:बिहार विद्यालय परीक्षा समिती उच्च माध्यमिक का सभी संकायों का परीक्षाफल जारी कर दिया गया। गया कॉलेज के छात्र कला संकाय में 463 (92.6%) अंक लाकर बिहार टॉपर बना है। वही बेतिया की रोहणी भी समान अंक लाकर संयुक्त रूप से बिहार टॉपर बने हैं। गया के मनीष खुद गरीब बच्चों को निःशुल्क पढ़ाकर आज कला संकाय में बिहार टॉपर हुए।


Body:गया के मनीष व बेतिया की रोहणी संयुक्त रूप से कला संकाय में बिहार टॉपर हुए हैं। मनीष गया कॉलेज के छात्र है। गया के विष्णुपद मंदिर के नजदीक खावा गली में दो कमरे के मकान में रहता है। पिता निजी स्कूल के बस के चालक वही माँ गृहिणी हैं। मनीष तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। मनीष गरीब परिवार से आते हैं उनकी इच्छा है पढ़कर आई.ए.एस. बने।

मनीष जब दसवी के परीक्षा का तैयारी कर रहे थे तब उन्होंने एक संस्था से जुड़कर निःशुल्क शिक्षा लिया , दसवी के परीक्षा में 84 प्रतिशत अंक लाने के बाद गया कॉलेज में कला संकाय में 10+2 में प्रवेश लिया। दो वर्षों तक उसी संस्था में गरीब बच्चों को दो घण्टा हर रोज निःशुल्क पढ़ाते है। आज खुद कला संकाय में बिहार टॉपर हैं।

मनीष के घर पर रिजल्ट घोषणा होने के बाद से जश्न का माहौल हैं, उनके माता-पिता बेहद खुश है। आसपास के पड़ोसी आकर उनकी माँ को बधाई दे रहे हैं। उनके पिता को भी परिवार के लोग बधाई दे रहे हैं। मनीष को लगातार कॉल आ रहा है उसके दोस्त और जाने वाले लोग उनको बधाई व शुभकामनाएं दे रहे हैं। मनीष के बहुत सारे दोस्त उनके घर पर आकर उनको माला पहनाकर खुशी का इजहार कर रहे थे।

कला संकाय के टॉपर मनीष कुमार ने बताया आज बेहद खुश हूं, इसका श्रेय सभी को जाता है। माँ- पिता ने कभी पढ़ने के लिए दबाव नही डाला, हर रोज दो घण्टे पढ़कर टॉपर बना हू। कुछ दिन पहले इंटरमीडिएट परीक्षा समिति में कॉउंसलिंग के लिए बुलाया गया था, वहाँ मौखिक और लिखित परीक्षा लिया गया सभी मेरे जवाब से खुश थे,लेकिन किसी ने बताया नही था कि मैं टॉपर हूं। आज परीक्षाफल देखने दोस्त के यहां गया था वहां जब वापस आ रहा था दोस्त ने फोन करके बताया बीएसईबी के चेयरमैन ने कला संकाय के टॉपर में तुम्हारा नाम लिए,फिर यूट्यूब पर सुना। दसवी के परीक्षा में टॉपर नही बना सका था उसका एक टिस था इस बार टॉपर हुआ हूँ, बेहद खुश हूं।


Conclusion:मनीष के माता-पिता ने बताया आज मेरे लिए गौरव का पल हैं। तीन बच्चों में दो बच्चा प्रथम श्रेणी से पास हुआ था ,मनीष बिहार टॉपर हुआ है पूरे कुल-खानदान का नाम रौशन किया है। हमलोग गरीब है आर्थिक तंगी में भी मनीष इस स्थान पर पहुँचेगा अंदाजा नही था।
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