गयाः बिहार सरकार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार इन दिनों गया में हैं. उन्होंने मगध प्रमंडल गया के उप निदेशक उद्यान राकेश कुमार से सहजन क्षेत्र के विस्तार योजना की प्रगति की जानकारी ली. इस मौके पर उन्होंने कहा कि सजहन एक बहुउद्देशीय पौधा है. इसके पौधे के सभी भागों का उपयोग भोजन और औषधी के रूप में किया जाता है.
सहजन के गुण
डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि सहजन में प्रचुर मात्रा में विटामिन और खनिज पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसके फूल, फल और पत्तियों का उपयोग भोजन के रूप में किया जाता है. जबकि इसके छाल, पत्ती, बीज, गोंद और जड़ का प्रयोग आयुर्वेदिक दवा बनाने में उपयोगी हैं. इतना ही नहीं सहजन की पत्तियों को मवेशियों के चारा के रूप में भी उपयोग किया जाता है. ग्रमीण क्षेत्र में किसान इसके पेड़ को अपने घरों के आसपास लगाते हैं. इस लिए किसी विशेष देखभाल की जरूरत नहीं होती है.
सहजन विकास योजना की शुरुआत
कृषि मंत्री के अनुसार जिले के किसान श्री प्रभात कुमार अन्य किसानों के सहयोग से लगभग 50 एकड़ में इसकी खेती कर रहे हैं. वे इसकी पत्तियों को ड्रायर में सुखाकर उसका पाउडर बनाकर अच्छी कीमत पर बेचते हैं. उन्होंने कहा कि अन्य किसान भी सहजन की खेती करके अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसके लिए राज्य सरकार ने सहजन विकास योजना की शुरुआत की है.
50 फीसदी अनुदान
इस योजना के अंतर्गत सहजन के एक हेक्टेयर खेती की लागत 74 हजार रुपये निर्धारित की गई है. राज्य सरकार इसका 50 फीसदी अर्थात 37 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान के रूप में देती है. अनुदान राशि दो किश्तों में दी जाती है. पहले साल अनुदान की 75 फीसदी राशि यानि 27750 रुपये दिए जाते हैं. दूसरे वर्ष लगाये गये पौधों में से 90 प्रतिशत पौधे जीवित रहने पर बची हुई 25 प्रतिशत राशि यानि 9250 रुपये का भुगतान किया जाएगा.
मार्केट उपलब्ध कराने की भी कोशिश
मंत्री ने कहा कि किसानों की ओर से उत्पादित सहजन के फलों और पत्तियों को बेहतर मार्केट उपलब्ध हो इसलिए योजना में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था करते हुए अनुदान पर सोलर कोल्ड रुम, सोलर ड्रायर, प्राईमरी पैक हाउस को सम्मिलित किया गया है. इसके लिये किसानों को समूह में कम से कम 30 हेक्टेयर के कलस्टर में खेती करनी होगी.
ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन
योजना का लाभ लेने के लिए डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत किसान उद्यान विभाग की वेबसाईट www.horticulture.bihar.gov.in पर जाकर एकीकृत बागवानी विकास योजना लिंक से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.