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गया के निजी क्लीनिक में 24 घंटे के अंदर 2 मरीजों की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

गया के एक निजी क्लीनिक में इलाज के दौरान 24 घंटे के अंदर दो मरीजों की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. इलाज में लापरवाही के आरोप के बाद पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है.

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Published : Oct 16, 2021, 1:34 PM IST

गया: शहर के विष्णुपद थाना (Vishnupad Police Station) इलाके के एक निजी क्लीनिक (Private Clinic) में 24 घंटे के अंदर इलाज के दौरान 2 मरीजों की मौत हो गई. जिसके बाद एक मरीज के परिजन आक्रोशित हो गए. घटना के बाद से अस्पताल के चिकित्सक और कर्मचारी फरार हैं. पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में जुटी है.

ये भी पढ़ेंः चिकित्सकों की लापरवाही से 2 मरीजों की मौत, परिजनों ने जमकर काटा बवाल

बताया जाता है कि गया शहर के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में कई दलाल सक्रिय हैं. जो भोले-भाले मरीजों को सरकारी अस्पतालों से निकलवा कर निजी अस्पतालों में भेज कर मोटी कमाई कर रहे हैं. ऐसा एक मामला गया शहर का प्रकाश में आया है. जहां दलाल के कहने पर एक निजी क्लीनिक में मरीज को भर्ती कराए जाने के चंद घंटे बाद ही 2 लोगों की मौत हो गई.

देखें वीडियो

घटना के बाद विष्णुपद थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एंव अस्पताल भेज दिया. इधर मृतक के परिजन दलालों के वजह से हुई मौत से आक्रोशित हैं. पूरा मामला विष्णुपद थाना क्षेत्र के चांद चौरा मोहल्ला स्थित निजी क्लीनिक जेपी मेमोरियल इंस्टिट्यूट रिसर्च हॉस्पिटल का है. जहां एक 50 वर्षीय महिला विभा देवी और 61 वर्षीय पुरुष मथुरा प्रसाद की मौत के बाद लोग आक्रोशित ही उठे और जमकर हंगामा किया. इस घटना के बाद डॉक्टर सहित सभी कर्मचारी फरार हो गए हैं.

विष्णुपद थाना के सहायक अवर निरीक्षक रघुनाथ साह ने बताया कि एक महिला और एक पुरुष की बीती रात इलाज के क्रम में मौत हो गई. विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल यहां पर मौजूद है. अवर निरीक्षक रघुनाथ साह ने कहा कि पीड़ित परिजन की लिखित शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है. निजी क्लीनिक संचालक और चिकित्सक सहित सहयोगियों पर कानून सम्मत कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की जा रही है.

ये भी पढ़ेंः अब परिजनों से सीधे मिल सकेंगे जेल में बंद कैदी, 20 महीने बाद फिर से व्यवस्था बहाल

वहीं, मृतक मथुरा प्रसाद के पुत्र दीपक कुमार ने बताया कि पिताजी की तबीयत खराब हो जाने के बाद सरकारी अस्पताल जयप्रकाश नारायण में इलाज के लिए भर्ती कराया. जहां डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल जाने की सलाह दी. जिस एंबुलेंस से पिताजी को ले जा रहे थे. उस एंबुलेंस के चालक ने शहर के चांदचौरा मोहल्ला स्थित निजी क्लीनिक में इलाज कराने का दबाव दिया. जिसके बाद लाचारी में पिताजी को निजी अस्पताल में भर्ती कराया. रात में उनकी तबीयत ठीक थी, लेकिन अहले सुबह उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. किस तरह का इलाज हुआ डॉक्टर यह भी नहीं बता रहे हैं.

गया: शहर के विष्णुपद थाना (Vishnupad Police Station) इलाके के एक निजी क्लीनिक (Private Clinic) में 24 घंटे के अंदर इलाज के दौरान 2 मरीजों की मौत हो गई. जिसके बाद एक मरीज के परिजन आक्रोशित हो गए. घटना के बाद से अस्पताल के चिकित्सक और कर्मचारी फरार हैं. पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में जुटी है.

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बताया जाता है कि गया शहर के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में कई दलाल सक्रिय हैं. जो भोले-भाले मरीजों को सरकारी अस्पतालों से निकलवा कर निजी अस्पतालों में भेज कर मोटी कमाई कर रहे हैं. ऐसा एक मामला गया शहर का प्रकाश में आया है. जहां दलाल के कहने पर एक निजी क्लीनिक में मरीज को भर्ती कराए जाने के चंद घंटे बाद ही 2 लोगों की मौत हो गई.

देखें वीडियो

घटना के बाद विष्णुपद थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एंव अस्पताल भेज दिया. इधर मृतक के परिजन दलालों के वजह से हुई मौत से आक्रोशित हैं. पूरा मामला विष्णुपद थाना क्षेत्र के चांद चौरा मोहल्ला स्थित निजी क्लीनिक जेपी मेमोरियल इंस्टिट्यूट रिसर्च हॉस्पिटल का है. जहां एक 50 वर्षीय महिला विभा देवी और 61 वर्षीय पुरुष मथुरा प्रसाद की मौत के बाद लोग आक्रोशित ही उठे और जमकर हंगामा किया. इस घटना के बाद डॉक्टर सहित सभी कर्मचारी फरार हो गए हैं.

विष्णुपद थाना के सहायक अवर निरीक्षक रघुनाथ साह ने बताया कि एक महिला और एक पुरुष की बीती रात इलाज के क्रम में मौत हो गई. विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल यहां पर मौजूद है. अवर निरीक्षक रघुनाथ साह ने कहा कि पीड़ित परिजन की लिखित शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है. निजी क्लीनिक संचालक और चिकित्सक सहित सहयोगियों पर कानून सम्मत कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की जा रही है.

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वहीं, मृतक मथुरा प्रसाद के पुत्र दीपक कुमार ने बताया कि पिताजी की तबीयत खराब हो जाने के बाद सरकारी अस्पताल जयप्रकाश नारायण में इलाज के लिए भर्ती कराया. जहां डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल जाने की सलाह दी. जिस एंबुलेंस से पिताजी को ले जा रहे थे. उस एंबुलेंस के चालक ने शहर के चांदचौरा मोहल्ला स्थित निजी क्लीनिक में इलाज कराने का दबाव दिया. जिसके बाद लाचारी में पिताजी को निजी अस्पताल में भर्ती कराया. रात में उनकी तबीयत ठीक थी, लेकिन अहले सुबह उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. किस तरह का इलाज हुआ डॉक्टर यह भी नहीं बता रहे हैं.

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