ETV Bharat / state

मोतिहारी: कोरोना काल में सीमावर्ती सहयोग विषय पर वेब गोष्ठी आयोजित - india nepal relation

सीमा सील रहने के कारण नेपाल-भारत सीमा संवाद समूह द्वारा सीमावर्ती सहयोग विषय पर एक वेब गोष्ठी आयोजित की गई. जिसमें दोनों देशों के चर्चित लोगों द्वारा कोरोना काल में सीमा बंद करने से हो रही परेशानी समेत विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई.

मोतिहारी
वेब गोष्ठी
author img

By

Published : May 1, 2021, 7:53 AM IST

मोतिहारी: नेपाल-भारत के संबंधों को मजबूती देते हुए नेपाल-भारत सीमा संवाद समूह द्वारा सीमावर्ती सहयोग विषय पर एक वेब गोष्ठी आयोजित की गई. जिसमें सीमा को सील करने के बजाए आवाजाही, कोरोना काल में एक दूसरे को उपचार की सुविधा मुहैया कराने, बॉर्डर प्वाइंट पर हेल्प डेस्क स्थापित करने, रोजगार, तीर्थ और इलाज के क्रम में लॉक डाउन के कारण सीमा क्षेत्र में फंसे लोगों को वापस उनके घर भेजने जैसी व्यवस्था पर विशेष जोर दिया गया.

ये भी पढ़ें : पटना और पूर्वी चंपारण जिले के लोग अब 'तरकारी मार्ट' से खरीदेंगे ऑनलाइन सब्जी

सीमा सील होने से प्रभावित हो रहे रिश्ते
लोगों ने इस वेब गोष्ठी को दौरान कहा कि बीते एक वर्ष से सीमा सील होने से कठिनाइयां काफी बढ़ी है. शादी संबंध प्रभावित हुए हैं. इसलिए बॉर्डर पर कोविड की जांच कर के नागरिकों को दूसरे देश में जाने दिया जाना चाहिए.
सप्तरी नेपाल के तिलाठी के मेयर सतीश सिंह ने कहा कि हम लोग बॉर्डर पर फंसे व बीमार लोगों की मदद में आगे रहे हैं. लेकिन, सरकार की मंशा ठीक नही है. बार-बार आवाज उठाने के बाद भी बॉर्डर नहीं खोला गया. डर है कि कोरोना काल के नाम पर बॉर्डर की इस स्थिति को ऑफिसियल न बना दिया जाए.

सीमा को बंद रखना समस्या का समाधान नहीं
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे समूह के संस्थापक व कपड़ा बैंक नेपाल के अध्यक्ष राजीव कुमार झा ने नेपाल के सुप्रीम कोर्ट द्वारा बॉर्डर का नियमन करने के लिए जारी आदेश को गलत फैसला बताया. उन्होंने कहा कि सीमा को सील करना सही नहीं है. खुली सीमा को समस्या नहीं समाधान मानने की जरूरत है. इपीजी कमिटी की रिपोर्ट भारत की मोदी सरकार ने मानने से इनकार कर दिया है. जबकि, नेपाल सरकार इस रिपोर्ट को लोगों पर थोपने में जुटी हुई है.

मोतिहारी: नेपाल-भारत के संबंधों को मजबूती देते हुए नेपाल-भारत सीमा संवाद समूह द्वारा सीमावर्ती सहयोग विषय पर एक वेब गोष्ठी आयोजित की गई. जिसमें सीमा को सील करने के बजाए आवाजाही, कोरोना काल में एक दूसरे को उपचार की सुविधा मुहैया कराने, बॉर्डर प्वाइंट पर हेल्प डेस्क स्थापित करने, रोजगार, तीर्थ और इलाज के क्रम में लॉक डाउन के कारण सीमा क्षेत्र में फंसे लोगों को वापस उनके घर भेजने जैसी व्यवस्था पर विशेष जोर दिया गया.

ये भी पढ़ें : पटना और पूर्वी चंपारण जिले के लोग अब 'तरकारी मार्ट' से खरीदेंगे ऑनलाइन सब्जी

सीमा सील होने से प्रभावित हो रहे रिश्ते
लोगों ने इस वेब गोष्ठी को दौरान कहा कि बीते एक वर्ष से सीमा सील होने से कठिनाइयां काफी बढ़ी है. शादी संबंध प्रभावित हुए हैं. इसलिए बॉर्डर पर कोविड की जांच कर के नागरिकों को दूसरे देश में जाने दिया जाना चाहिए.
सप्तरी नेपाल के तिलाठी के मेयर सतीश सिंह ने कहा कि हम लोग बॉर्डर पर फंसे व बीमार लोगों की मदद में आगे रहे हैं. लेकिन, सरकार की मंशा ठीक नही है. बार-बार आवाज उठाने के बाद भी बॉर्डर नहीं खोला गया. डर है कि कोरोना काल के नाम पर बॉर्डर की इस स्थिति को ऑफिसियल न बना दिया जाए.

सीमा को बंद रखना समस्या का समाधान नहीं
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे समूह के संस्थापक व कपड़ा बैंक नेपाल के अध्यक्ष राजीव कुमार झा ने नेपाल के सुप्रीम कोर्ट द्वारा बॉर्डर का नियमन करने के लिए जारी आदेश को गलत फैसला बताया. उन्होंने कहा कि सीमा को सील करना सही नहीं है. खुली सीमा को समस्या नहीं समाधान मानने की जरूरत है. इपीजी कमिटी की रिपोर्ट भारत की मोदी सरकार ने मानने से इनकार कर दिया है. जबकि, नेपाल सरकार इस रिपोर्ट को लोगों पर थोपने में जुटी हुई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.