मोतिहारीः स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष का अनशन लगातार 10 वें दिन भी जारी रहा. लेकिन प्रशासन उनकी मांग को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है. इधर मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में रंजीत सिंह भी अनशन नहीं तोड़ने की जिद पर अड़े हैं. हांलाकि प्रशासन की तरफ से अनशन तुड़वाने की कोशिश की गई थी, लेकिन प्रयास नाकामयाब रहा.
10 दिनों से बैठे हैं अनशन पर
आमरण अनशन पर भूखे प्यासे बैठे स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रंजीत सिंह की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती ही जा रही है. उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन मांगों को नहीं मानती है तो मैं यहीं दम तोड़ दूंगा, लेकिन अनशन नहीं तोड़ूंगा.
रक्सौल को जिला घोषित करने की मांग
बता दें कि रंजीत सिंह की मांगों में रक्सौल को जिला घोषित करने, व्यवहार न्यायालय की स्थापना, शहर में रिंग रोड़, रक्सौल रेलवे स्टेशन, नगर परिषद और जिला परिषद के खाली पड़े जमीनों पर फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों के बीच विधि सम्मत आवंटन जैसे मुद्दे शामिल हैं.
नशीली दवाओं पर लगे रोक
इसके अलावा रंजीत सिंह ने नगर परिषद की ओर से नदी में गिराए जा रहे कूड़ों पर रोक, मच्छर मारने वाली दवाओं का नियमित छिड़काव, शहर में नशीली दवाओं की बिक्री पर रोक, ट्रैफिक व्यवस्था की बहाली, बाटा चौक से बड़ी मस्जिद तक नो पार्किंग जोन घोषित करना, प्लास्टिक के उपयोग पर रोक आदि मांग भी शामिल है.