मोतिहारीः शिक्षक बहाली के नई नियमावली के विरोध में शुक्रवार को शिक्षक अभ्यर्थियों ने आक्रोश मार्च निकाला. शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइल नीति लागू करने समेत तीन सूत्री मांगों के समर्थन में सैकड़ों शिक्षक अभ्यर्थी सड़क पर उतरे थे. बिहार राज्य प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के बैनर तले निकला आक्रोश मार्च कचहरी चौक तक गया.
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मोतिहारी में शिक्षक अभ्यर्थियों का आक्रोश मार्च : आक्रोश मार्च के दौरान हाथों में बैनर लिए अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मार्च का नेतृत्व कर रहे बिहार राज्य प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष लक्ष्मण कुमार ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षक अभ्यर्थी और छात्रों के साथ अन्याय कर रही है, जिसे हमलोग बर्दाश्त नहीं करेंगे.
"रोज नए-नए नियम लगाकर शिक्षक अभ्यर्थियों को परेशान किया जा रहा है. टीईटी और एसटीईटी पास करके चार साल से सड़क पर भटक रहे हैं."- लक्ष्मण कुमार, जिलाध्यक्ष, बिहार राज्य प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ
डोमिसाइल नीति पूर्ण रुप से लागू करने की मांग: शिक्षक अभ्यर्थियों का आक्रोश मार्च एमएस कॉलेज गेट से निकला और मुख्य सड़क होते हुए कचहरी चौक तक गया.शिक्षक अभ्यर्थियों की मांग थी कि शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइल नीति पूर्ण रुप से लागू किया जाए. कक्षा छह से आठ तक के शिक्षकों की बहाली की जाए और बीपीएससी में निगेटिव मार्किंग खत्म किया जाए.
बिहार में बहारी शिक्षक को लेकर विवाद: साल 2020 में जिस डोमिसाइल नीति को प्रदेश में लागू किया गया था, उसे खुद नीतीश कैबिनेट ने 27 जून को हटा दिया. इसका शिक्षक अभ्यर्थी पुरजोर विरोध कर रहे हैं. इस फैसले के बाद अब विभिन्न राज्यों के योग्य अभ्यर्थी भी बिहार के शिक्षक बन सकते हैं.