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मां सरस्वती की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे मूर्तिकार, नहीं मिल रही है मेहनत की कीमत

कच्ची मिट्टी को आकार देकर प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार पेट की खातिर सरस्वती प्रतिमा बना रहे हैं. मूर्तिकार दिनेश पंडित ने बताया कि मिट्टी, बांस, पटरी और पुआल महंगा हो गया है. जिस कारण वह कम संख्या में मूर्ति बना रहे हैं.

motihari
मां सरस्वती
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Published : Jan 29, 2020, 12:47 PM IST

मोतिहारी: जिले में सरस्वती पूजा को लेकर मूर्तिकार मां सरस्वती की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हैं. पूजा करने वाले छात्र और युवा मूर्ति खरीद रहे हैं. लेकिन मूर्तिकार को उनकी मेहनत का उचित दाम नहीं मिल रहा है. इसके बावजूद मूर्तिकार पेट की खातिर अपने पुश्तैनी कार्य को कर रहे हैं.

कम संख्या में बना रहे हैं मूर्ति
बता दें कि कच्ची मिट्टी को आकार देकर प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार पेट की खातिर सरस्वती प्रतिमा बना रहे हैं. मूर्तिकार दिनेश पंडित ने बताया कि मिट्टी, बांस, पटरी और पुआल महंगा हो गया है. जिस कारण वह कम संख्या में मूर्ति बना रहे हैं. इसके बादजूद मूर्तिकार विरासत में मिले मूर्ति बनाने के कला को जीवित रखे हुए हैं.

देखें रिपोर्ट

'पूजन सामग्री हुआ महंगा'
वहीं, पढ़ने वाले छात्र और युवा विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा करते हैं. छात्रों ने बताया कि इस बार मां सरस्वती की मूर्ति की कीमत ज्यादा नहीं है. लेकिन पूजन सामग्री पिछले साल की अपेक्षा कुछ महंगा हुआ है.

मोतिहारी: जिले में सरस्वती पूजा को लेकर मूर्तिकार मां सरस्वती की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हैं. पूजा करने वाले छात्र और युवा मूर्ति खरीद रहे हैं. लेकिन मूर्तिकार को उनकी मेहनत का उचित दाम नहीं मिल रहा है. इसके बावजूद मूर्तिकार पेट की खातिर अपने पुश्तैनी कार्य को कर रहे हैं.

कम संख्या में बना रहे हैं मूर्ति
बता दें कि कच्ची मिट्टी को आकार देकर प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार पेट की खातिर सरस्वती प्रतिमा बना रहे हैं. मूर्तिकार दिनेश पंडित ने बताया कि मिट्टी, बांस, पटरी और पुआल महंगा हो गया है. जिस कारण वह कम संख्या में मूर्ति बना रहे हैं. इसके बादजूद मूर्तिकार विरासत में मिले मूर्ति बनाने के कला को जीवित रखे हुए हैं.

देखें रिपोर्ट

'पूजन सामग्री हुआ महंगा'
वहीं, पढ़ने वाले छात्र और युवा विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा करते हैं. छात्रों ने बताया कि इस बार मां सरस्वती की मूर्ति की कीमत ज्यादा नहीं है. लेकिन पूजन सामग्री पिछले साल की अपेक्षा कुछ महंगा हुआ है.

Intro:"मूर्तिकार दिनेश पंडित ने बताया मिट्टी,बांस,पटरी और पुआल महंगा हो गया है।जिस कारण कम संख्या में मूर्ति बनाया है।"


मोतिहारी।वसंत पंचमी के दिन 30 जनवरी को सरस्वती पूजा है।लिहाजा,सरस्वती पूजा को लेकर मूर्तिकार सरस्वती प्रतिमा को अंतिम रुप देने में लगे हुए हैं।पूजा करने वाले छात्र और युवा मूर्ति को खरीद कर ले जा रहे हैं।लेकिन मूर्तिकार को उनकी मेहनत का बाजिव दाम भी नहीं मिल पा रहा है।बावजूद इसके मूर्तिकार पेट की खातिर अपने पुश्तैनी कार्य को कर रहे हैं।


Body:"पूजा सामग्री हुआ है महंगा"

वीओ...1...पढ़ने वाले छात्र और युवा विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा करते है।पूजा करने वाले छात्र और युवा मूर्ति अथवा तस्वीर से माता सरस्वती की अराधना करते है।बच्चों के अनुसार मूर्ति का कीमत ज्यादा नहीं है।लेकिन पूजा सामग्री कुछ महंगा हुआ है।

बाईट.....ऋग वनिक......छात्र

कम संखया में बनाया है मूर्ति

वीओ...2.....कच्ची मिट्टी को आकार देकर प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार पेट की खातिर सरस्वती प्रतिमा बना रहे हैं।मूर्तिकार दिनेश पंडित ने बताया मिट्टी,बांस,पटरी और पुआल महंगा हो गया है।जिस कारण वह कम संख्या में मूर्ति बना रहा है।

बाईक....दिनेश पंडित.....मूर्तिकार


Conclusion:"मूर्ति बनाने के कला को जीवित रखा है मूर्तिकार ने"

वीओएफ.....बहरहाल,मूर्ति खरीदने वाले मूर्तिकार के दिल में छुपे दर्द को समझ नहीं पाते हैं।लेकिन मूर्तिकार हैं कि विरासत में मिले मूर्ति बनाने के कला को मजबूरी में हीं जीवित रखे हुए हैं।
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