पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) 22 दिसंबर यानी आज से समाज सुधार अभियान (Samaj Sudhar Abhiyan) पर निकलेंगे. राज्य में पूर्ण नशामुक्ति, दहेज प्रथा उन्मूलन और बाल विवाह से मुक्ति को लेकर सीएम मोतिहारी से इसकी शुरुआत करेंगे. इस दौरान जीविका दीदियों से भी संवाद करेंगे. इसको लेकर मोतिहारी के गांधी मैदान में भव्य पंडाल बनाया गया है. इसके अलावा पूरे समाहरणालय परिसर में साफ-सफाई और रंग रोगन किया गया है.
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समाज सुधार अभियान के तहत नीतीश कुमार 12 जिलों में जाएंगे. इस दौरान तमाम अधिकारियों के साथ भी बैठक करेंगे और विकास कार्यों को लेकर समीक्षा करेंगे. वैसे इस यात्रा को भले ही मुख्यमंत्री ने समाज सुधार अभियान का नाम दिया हो, लेकिन कहा जा रहा है कि इस यात्रा के जरिए वे सूबे में जेडीयू की खोई जमीन तलाशने की कोशिश करेंगे.
दरअसल पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी बनने के बाद जेडीयू के नेता पार्टी को मजबूत करने में पूरा जोर लगा रहे हैं. माना जाता है कि मुख्यमंत्री की शराबबंदी कानून के कारण भी मतदाता नाखुश हैं. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू जहां शराबबंदी को लेकर सख्त नजर आ रही है. वहीं अन्य पार्टियां गाहे-बगाहे इस कानून के कार्यान्वयन को लेकर सवाल उठाती रही है.
मुख्यमंत्री विधानसभा चुनाव के बाद फिर से समाज सुधार के नाम पर नए तेवर में निकल रहे हैं. जेडीयू के एक वरिष्ठ नेता भी कहते हैं कि पार्टी ने 2020 के विधानसभा चुनाव के नतीजों को चुनौती के रूप में लिया है. पार्टी के नेता संगठन और कार्यकतार्ओं को उत्साहित और मजबूत कर फिर से अपनी जमीन मजबूत करने में जुटे हैं. पार्टी के तीसरे नंबर पर फिसलने के बाद नीतीश ने बिखरे जनाधार को वापस लाने का काम प्रारंभ कर दिया. पार्टी के नेता उपेन्द्र कुशवाहा और पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह जहां लगातार प्रदेश के जिलों का दौरा कर संगठन को नर्द धार देने में जुटे हैं. वहीं अध्यक्ष ललन सिंह पार्टी में नए लोगों को जोडकर इसे मजबूती देने का कार्य कर रहे हैं.
एनडीए में बीजेपी के बडे भाई की भूमिका में आने के बाद से ही जेडीयू में खलबली मची है. इस बीच नीतीश की नजर फिर से महिला वोटरों को जोडकर उन्हें मजबूत करने की है. जेडीयू के एक नेता कहते हैं कि पार्टी नेतृत्व को यह भान है कि शराबबंदी कानून से भले ही किसी को परेशानी हुई हो, लेकिन महिलाओं का एक वर्ग इससे खुश है. शराबबंदी कानून के बाद महिलाओं के साथ मारपीट और गृहकलह की घटनाओं में कमी है.
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कहा जा रहा है कि यही कारण है कि मुख्यमंत्री शराबबंदी को कड़ाई से पालन करने और इसकी सफलता के लिए महिलाओं से अपील भी की है. मुख्यमंत्री साफ तौर पर कहते हैं कि समाज सुधार के लिये जितनी बातें हमलोग करते रहे हैं, उसको साथ लेकर 12 जगह पर जा रहे हैं. इस दौरान महिलाओं से बातचीत करेंगे और उनकी बात सुनेंगे और अपनी बात कहेंगे. उन्होंने कहा कि यह यात्रा नहीं है, यह समाज सुधार अभियान है. वैसे नीतीश कुमार कहते हैं कि समाज सुधार अभियान चलाकर हमलोग नशामुक्ति चाहते हैं, हमलोग चाहते हैं कि दहेज प्रथा समाप्त हो, बाल विवाह से मुक्ति मिले लेकिन लाख टके का सवाल यह भी है कि क्या शराबबंदी करने से समाज सुधार या नशामुक्ति हो पाएगा?
आपको बताएं कि सीएम समाज सुधार अभियान के दौरान जनसभा को संबोधित करेंगे और सरकार की ओर से चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा करेंगे. जीविका समूह की महिलाएं भी भाग लेंगी, जिसमें पूर्ण शराबबंदी को लेकर फीडबैक लिया जाएगा.
- 22 दिसंबर: मोतिहारी (पूर्वी चंपारण-पश्चिम चंपारण)
- 24 दिसंबर: गोपालगंज (सीवान, सारण, गोपालगंज)
- 27 दिसंबर: सासाराम (भोजपुर, रोहतास, बक्सर, कैमूर)
- 29 दिसंबर: मुजफ्फरपुर (मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, वैशाली, शिवहर)
- 30 दिसंबर: समस्तीपुर (दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर)
- 04 जनवरी: गया (गया, जहानाबाद, अरवल, नवादा, औरंगाबाद)
- 06 जनवरी: बेगूसराय (मुंगेर, बेगूसराय, शेखपुरा)
- 08 जनवरी: जमुई (जमुई, खगड़िया, लखीसराय)
- 11 जनवरी: पूर्णिया (पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज)
- 12 जनवरी: मधेपुरा (सहरसा, मधेपुरा, सुपौल)
- 13 जनवरी: भागलपुर (भागलपुर, बांका)
- 15 जनवरी: पटना (पटना, नालंदा)
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