रोहतासः जब-जब चुनाव आते हैं राजनीतिज्ञ वोट पाने के लिए मुद्दे तलाश ही लेते हैं, हम बात कर रहे है बिहार के रोहतास जिले के रोहतास उद्योग समूह की जो अब यहां के लोगों की दुखती नब्ज बन गया है. जिसका फायदा उठाते हुए राजनीतिज्ञों ने झूठ का सहारा लेकर अब जनता को छलना शुरू कर दिया है.
आपकों बता दें कि रोहतास उद्योग समूह के बंद पड़े इस कारखाने की आधारशिला आजादी से पहले रखी गई थी. लेकिन 80 के दशक में राजनीतिक उलझनों की वजह से यह उद्योग समूह बंद हो गए थे. जिसके चलते फैक्ट्री में काम कर रहे लोग दो जून की रोटी को तरस गए था. बावजूद इसके किसी ने इस फैक्ट्री को शुरू कराने की जहमत नहीं उठाई.
सियासत की राह में भटक रहा मुद्दा
कभी इस कारखाने की चिमनियां धुआं उगलती थी तो मजदूर का पेट पलता था, लेकिन आज कारखाने की चिमनियों में जंग लग गई हैं. राजनीतिक उदासीनता ने इस इलाके की औद्योगिक करण को नष्ट कर दिया है. लेकिन हर बार ये मुद्दा सियासत की राह में भटक जाता है. बहरहाल, अब देखना दिलचस्प होगा कि 2019 के चुनाव में राजनीतिक दल डालमियानगर उद्योग समूह को फिर से चुनावी मुद्दा बनाकर चुनावी वैतरणी पार कर पाते हैं या नहीं.