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रक्सौल: 'नरक' परिषद में तब्दील हुआ नगर परिषद, जलजमाव से परेशान हैं लोग

बारिश के बाद बिहार के अधिकतर जिलों में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है. राजस्थानी पटना से लेकर सुदूर क्षेत्र के गांव भी इससे अछूते नहीं हैं. यह खबर रक्सौल से आई है. जहां लोग जलजमाव से काफी परेशान हैं.

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Published : Jul 10, 2020, 7:50 PM IST

पूर्वी चम्पारण: भारत नेपाल सीमा पर अंतरराष्ट्रीय शहर रक्सौल में लगातार हो रही बारिश से एक तरफ नगर परिषद की पोल खुल रही है, तो वहीं आमजन का जीना दूभर हो गया है. बारिश के कारण नगर परिषद की स्थिति नारकीय स्थिति में बदल गई है.

डीएम ने रोका था वेतन

जलजमाव और कीचड़मय होने से जहां आवागमन बाधित हो रहा है तो वहीं बारिश का पानी घरों और दुकानों में घुस रहा है. आम जगहों की बात छोड़ दें तो खासतौर पर ब्लॉक रोड से अनुमंडल परिसर तक जलजमाव की समस्याओं से अछूता नहीं है. इसको लेकर जिलाधिकारी द्वारा पिछले दिनों नगर परिषद के कार्यवाहक पदाधिकारी का वेतन रोक दिया गया.

शहर के मौजे चौक से चावल बाजार और सब्जी मंडी से मस्जिद मेन रोड तक की सड़कें व दुकानें पानी में डूब गई हैं. अनुमंडल कार्यालय के पीछे सर्वोदय नगर बस्ती बारिश के मौसम में प्रत्येक वर्ष लगभग डूब ही जाती है.

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कीचड़ से परेशान लोग

नालों की नहीं होती उड़ाही

समस्याओं का समाधान की ओर देखा जाए तो शहर से बारिश के पानी की निकासी के लिए मुख्य तौर पर सरिसवा नदी प्रवाहित होती है और शहर के बीचो-बीच गंडक सिंचाई विभाग के नाहर का भी प्रवाह है, जिसका जुड़ाव अभियंत्रिकी रूप से नगर परिषद के सभी छोटे बड़े नालों से है. मगर समय-समय पर नलों की उड़ाही न होने की वजह से ऐसी नौबत आ जाती है.

नगर प्रशासन द्वारा सम्प, वाटर सिवारिंग ड्रेनेज सिस्टम द्वारा जल निकासी के लिए योजना बनाई जाती है लेकिन ये खानापूर्ति साबित होती है.

अनशन का भी नहीं हुआ असर

पिछले दिनों स्वच्छ रक्सौतल संस्था के रणजीत सिंह अपने साथियों के साथ जल निकासी सहित कई समस्याओं को लेकर नगर परिषद के अहाते में आमरण अनशन करने पहुंचे थे और साफ सफाई को लेकर सभी पदाधिकारियों को पत्र लिखा था. लेकिन आज तक जलजमाव से मुक्ति नहीं मिल सकी.

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पानी में घुसकर जाने को मजबूर

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि नाहर रोड के एक तरफ सैनिक सड़क ऊंचा होने के कारण अनुमंडल के पीछे का वार्ड डाउन फाल में होने से जल जमाव की स्थिति बनी हुई है और नगर परिषद द्वारा पानी निकालने के लिए पंपिंग सेट द्वारा प्रयास जारी है.

पूर्वी चम्पारण: भारत नेपाल सीमा पर अंतरराष्ट्रीय शहर रक्सौल में लगातार हो रही बारिश से एक तरफ नगर परिषद की पोल खुल रही है, तो वहीं आमजन का जीना दूभर हो गया है. बारिश के कारण नगर परिषद की स्थिति नारकीय स्थिति में बदल गई है.

डीएम ने रोका था वेतन

जलजमाव और कीचड़मय होने से जहां आवागमन बाधित हो रहा है तो वहीं बारिश का पानी घरों और दुकानों में घुस रहा है. आम जगहों की बात छोड़ दें तो खासतौर पर ब्लॉक रोड से अनुमंडल परिसर तक जलजमाव की समस्याओं से अछूता नहीं है. इसको लेकर जिलाधिकारी द्वारा पिछले दिनों नगर परिषद के कार्यवाहक पदाधिकारी का वेतन रोक दिया गया.

शहर के मौजे चौक से चावल बाजार और सब्जी मंडी से मस्जिद मेन रोड तक की सड़कें व दुकानें पानी में डूब गई हैं. अनुमंडल कार्यालय के पीछे सर्वोदय नगर बस्ती बारिश के मौसम में प्रत्येक वर्ष लगभग डूब ही जाती है.

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कीचड़ से परेशान लोग

नालों की नहीं होती उड़ाही

समस्याओं का समाधान की ओर देखा जाए तो शहर से बारिश के पानी की निकासी के लिए मुख्य तौर पर सरिसवा नदी प्रवाहित होती है और शहर के बीचो-बीच गंडक सिंचाई विभाग के नाहर का भी प्रवाह है, जिसका जुड़ाव अभियंत्रिकी रूप से नगर परिषद के सभी छोटे बड़े नालों से है. मगर समय-समय पर नलों की उड़ाही न होने की वजह से ऐसी नौबत आ जाती है.

नगर प्रशासन द्वारा सम्प, वाटर सिवारिंग ड्रेनेज सिस्टम द्वारा जल निकासी के लिए योजना बनाई जाती है लेकिन ये खानापूर्ति साबित होती है.

अनशन का भी नहीं हुआ असर

पिछले दिनों स्वच्छ रक्सौतल संस्था के रणजीत सिंह अपने साथियों के साथ जल निकासी सहित कई समस्याओं को लेकर नगर परिषद के अहाते में आमरण अनशन करने पहुंचे थे और साफ सफाई को लेकर सभी पदाधिकारियों को पत्र लिखा था. लेकिन आज तक जलजमाव से मुक्ति नहीं मिल सकी.

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पानी में घुसकर जाने को मजबूर

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि नाहर रोड के एक तरफ सैनिक सड़क ऊंचा होने के कारण अनुमंडल के पीछे का वार्ड डाउन फाल में होने से जल जमाव की स्थिति बनी हुई है और नगर परिषद द्वारा पानी निकालने के लिए पंपिंग सेट द्वारा प्रयास जारी है.

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