मोतिहारी: बिहार सरकार ने अपने पदस्थापित सरकारी डॉक्टरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. जिले में वर्षों से गायब डॉक्टरों के खिलाफ सदर अस्पताल ने विभाग से कार्रवाई की मांग की थी. जिसको लेकर सिविल सर्जन ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर अस्पताल से गायब डॉक्टरों की सूची विभाग को सौंप दी है.
दरअसल, सदर अस्पताल में ऐसे कई डॉक्टर हैं जो अपने पोस्टिंग के बाद से ही नदारद हैं. जिसका खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है. ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ सदर अस्पताल ने विभाग से कार्रवाई की मांग की थी. साथ ही उन डॉक्टरों की सूची की भी मांग की थी. वहीं, कई ऐसे डॉक्टर भी हैं जिनकी प्रतिनियुक्ति सेना में हुई है और वह भी अस्पताल से गायब हैं. विभाग उनपर भी सख्ती रवैया अपना रहा है.
सूची में पाए गए नाम
इस संबंध में मोतिहारी सिविल सर्जन ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के आदेश पर गायब डॉक्टरों की सूची विभाग को सौंप दी है. इसमें ऐसे डॉक्टर पाए गए हैं जो पद पर स्थापित होने के बावजूद सालों से गायब हैं. बता दें कि सूची के अनुसार ढ़ाका रेफरल अस्पताल के डॉ. अमिताभ चौधरी, एपीएचसी कुशमवाहा के डॉ. अभिनव अभय, चकिया रेफरल अस्पताल के डॉ. सुधांशु कुमार और पताही स्थित पीएचसी डॉ. अर्जुन कुमार पिछले तीन साल से अस्पताल से गायब पाए गए हैं. वहीं, डॉ. नंदकिशोर साह समेत कई डॉक्टर सेना में प्रतिनियुक्त हैं. वहीं, सदर अस्पताल में पदस्थापित डॉ. त्रिपुरारी कुमार सिंह, डॉ. प्रभाकर कुमार और डॉ. प्रभात प्रकाश दस सालों से अनुपस्थित पाए गए हैं.
विभाग करेगा कार्रवाई
सिविल सर्जन डॉ. के एन गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूची सौंप दी गई है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में कई ऐसे डॉक्टर हैं जो सालों से ड्यूटी पर नहीं आए हैं. विभाग की ओर से उन सभी डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के बात कही गई है.