मोतिहारी: सरकार के आदेश के बावजूद पूर्वी चंपारण जिले का स्वास्थ्य विभाग (Health Department) दिव्यांगजनों को ऑफलाइन दिव्यांगता का प्रमाण पत्र (Disability Certificate) बनाकर दे रहा है. जबकि सरकार ने ऑनलाइन प्रमाण पत्रों (Online Certificates) को ही मान्यता देने की बात कही है. जिससे नाराज दिव्यांगजनों ने जिला स्वास्थ्य समिति के कार्यालय के सामने आक्रोशपूर्ण धरना दिया.
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वहीं, धरना देने के दौरान डीएचएस (DHS) से निकल रहे सिविल सर्जन (Civil Surgeon) डॉ. अंजनी कुमार (Dr. Anjani Kumar) की गाड़ी को घेरकर दिव्यांजन नारेबाजी करने लगे. जिसके बाद सीएस ने दिव्यांगों को ऑनलाइन प्रमाण पत्र निर्गत करने का आश्वासन दिया. बिहार दिव्यांग संघ के संस्थापक अध्यक्ष उदय जायसवाल के नेतृत्व में दिव्यांगजन धरना दे रहे थे.
"एक अप्रैल 2021 के बाद से सरकार ने ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र को मान्यता देने की बात कही है. जबकि जिला में ऑफलाइन प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है और प्रमाण पत्र बनवाने वाले दिव्यांगजनों से कर्मी पैसे की उगाही कर रहे हैं. स्वास्थ्यकर्मी दिव्यांगजनों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं."- उदय जायसवाल, अध्यक्ष, बिहार दिव्यांग संघ
वहीं, दिव्यांगजनों ने जब सिविल सर्जन डॉ. अंजनी कुमार की गाड़ी को घेरकर सारी बातें बताई, तो सिविल सर्जन ने इस मामले की जांच करके कार्रवाई करने की बात कही है. साथ ही ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत करने का आश्वासन दिया.
बता दें कि सरकार ने 1 अप्रैल 2021 से ऑनलाइन दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत करने का आदेश दिया है. साथ ही एक अप्रैल के बाद से निर्गत ऑफलाइन प्रमाण पत्रों को मान्यता नहीं देने की बात कही है. जिस कारण जिले के नाराज दिव्यांगजनों ने ऑनलाइन प्रमाण पत्र निर्गत करने के अलावा अपनी 15 सूत्री मांगों के समर्थन में डीएचएस कार्यालय के सामने धरना दिया.
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