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Motihari News:सरकारी जमीन पर लगे हरे पेड़ों को काटकर बेचने का मामला, वन विभाग ने शिकायतकर्ता को ही कर दिया नामजद

मोतिहारी (Motihari) के पकड़ीदयाल के रामबन में सरकारी जमीन पर लगे पेड़ों को जड़ समेत उखाड़कर बेचने का मामला सामने आया है. वन विभाग (Forest Department) ने इस मामले में शिकायत करने वाले ग्रामीण सहित छह लोगों के प्राथमिकी (FIR) दर्ज करायी है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

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Published : Jul 23, 2021, 12:01 AM IST

मोतिहारी: एक तरफ सरकार जल जीवन हरियाली योजना (Jal Jeevan Hariyali Yojana) को लेकर काफी गंभीर है. वहीं दूसरी तरफ सरकार में सहयोगी भाजपा (BJP) के प्रखंडस्तरीय नेता की हनक भी कम नहीं है. जिले के पकड़ीदयाल के रामबन (Ramban) में सरकारी जमीन पर लगे हरे पेड़ों को भाजपा नेता ने जड़ समेत उखाड़कर बेच दिया. इस मामले में वन विभाग (Forest Department) ने प्राथमिकी (FIR) दर्ज करायी है.

ये भी पढ़ें:फिर सुर्खियों में बालिका गृह: परिजनों की गुहार- 'हमारी बच्चियां कर दो वापस'

गौरतलब है कि जिले के पकड़ीदयाल के रामबन में सरकारी जमीन पर लगे हरे पेड़ों को भाजपा नेता ने जेसीबी मशीन से जड़ समेत उखाड़कर बेच दिया. जिसकी गवाही उस जमीन पर बचे कुछ पेड़ों के ठूंठ और जड़ समेत उखाड़ कर वहां रखे पेड़ दे रहे हैं. वहीं इस मामले में वन विभाग ने पकड़ीदयाल भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष विरेंद्र सिंह समेत छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है.

लेकिन वन विभाग द्वारा दर्ज करायी गई उस प्राथमिकी पर हीं अब सवाल उठने लगे हैं क्योंकि वन विभाग ने हरे पेड़ों की हो रही कटाई के बारे में शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता और उनके चाचा को भी नामजद कर दिया है.

बता दें कि सरकारी जमीन पर लगे हरे पेड़ की कटाई किए जाने की जानकारी रामबन के पुष्पजीत सिंह ने डीएम के अलावा वन विभाग को दी थी लेकिन वन विभाग के रेंज ऑफिसर ने पुष्पजीत सिंह को भी नामजद कर दिया है. अपने उपर दर्ज प्राथमिकी को लेकर पुष्पजीत अश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं. वहीं उनके चाचा चंदेश्वर सिंह को भी इस मामले में नामजद किया गया है.

जिसको लेकर चंदेश्वर सिंह ने बताया कि वह इस मामले में कहीं नहीं हैं. उनके भतीजा ने सरकारी जमीन पर लगे हरे पेड़ों की हो रही कटाई की जानकारी डीएम को दी थी. इसी कारण स्थानीय राजनीति के कारण उन्हें और उनके भतीजा को भी नामजद कर दिया गया है. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि कोई आदमी किसी भी गलत कार्य की सूचना सरकारी अधिकारियों को आखिर क्यों देगा. जब सूचना देने वाले पर हीं मुकदमा दर्ज कर दिया जा रहा है.

देखें ये वीडियो

दरअसल पकड़ीदयाल प्रखंड के रामबन गांव में सरकारी तालाब के किनारे लगे हरे पेड़ों की कटाई जेसीबी मशीन से बेखौफ की जा रही थी. पेड़ों को जड़ समेत उखाड़कर कुछ लोगों ने उसे बेच दिया. जिसकी शिकायत ग्रामीण पुष्पजीत सिंह ने डीएम से की. जिसके बाद डीएम के पहल पर पकड़ीदयाल के फॉरेस्ट रेंजर ने मामले की जांच की.

जांच के बाद पकड़ीदयाल प्रखंड भाजपा के अध्यक्ष विरेंद्र सिंह समेत छह लोगों के खिलाफ रेंज ऑफिसर ने स्थानीय थाना में एफआईआर दर्ज कराई है. जिस एफआईआर में शिकायतकर्ता और उनके चाचा का नाम आने के बाद वन विभाग की कार्रवाई पर अब कई तरह के सवाल भी उठने लगे हैं.

इस संबंध में आरोपी भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वह मिलने से इंकार करते रहे. बताया जा रहा है कि चोरमा पंचायत के रामबन में सरकारी तालाब के किनारे कई पुराने पेड़ थे और कई पेड़ कुछ वर्ष पूर्व लगाये गए थे. जिसमें से लगभग 60 पेड़ को जड़ समेत काटने के बाद ट्रैक्टर से ढ़ो कर ले जाया गया.

ये भी पढ़ें:मोतिहारी: सिकरहना नदी का कटाव तेज, सुगौली के कई गांव के अस्तित्व पर संकट

इधर जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक को जब ईटीवी भारत ने इस बात की जानकारी दी तो उन्होंने इस मामले पर जबाब देने से परहेज करते हुए कहा कि रेंज ऑफिसर ने जांच के बाद ही एफआईआर दर्ज कराया है. डीएम ने कहा कि अगर उनलोगों की संलिप्तता नहीं होगी तो अनुसंधान के क्रम में उनके नाम पर पुलिस रियायत कर सकती है.

मोतिहारी: एक तरफ सरकार जल जीवन हरियाली योजना (Jal Jeevan Hariyali Yojana) को लेकर काफी गंभीर है. वहीं दूसरी तरफ सरकार में सहयोगी भाजपा (BJP) के प्रखंडस्तरीय नेता की हनक भी कम नहीं है. जिले के पकड़ीदयाल के रामबन (Ramban) में सरकारी जमीन पर लगे हरे पेड़ों को भाजपा नेता ने जड़ समेत उखाड़कर बेच दिया. इस मामले में वन विभाग (Forest Department) ने प्राथमिकी (FIR) दर्ज करायी है.

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गौरतलब है कि जिले के पकड़ीदयाल के रामबन में सरकारी जमीन पर लगे हरे पेड़ों को भाजपा नेता ने जेसीबी मशीन से जड़ समेत उखाड़कर बेच दिया. जिसकी गवाही उस जमीन पर बचे कुछ पेड़ों के ठूंठ और जड़ समेत उखाड़ कर वहां रखे पेड़ दे रहे हैं. वहीं इस मामले में वन विभाग ने पकड़ीदयाल भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष विरेंद्र सिंह समेत छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है.

लेकिन वन विभाग द्वारा दर्ज करायी गई उस प्राथमिकी पर हीं अब सवाल उठने लगे हैं क्योंकि वन विभाग ने हरे पेड़ों की हो रही कटाई के बारे में शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता और उनके चाचा को भी नामजद कर दिया है.

बता दें कि सरकारी जमीन पर लगे हरे पेड़ की कटाई किए जाने की जानकारी रामबन के पुष्पजीत सिंह ने डीएम के अलावा वन विभाग को दी थी लेकिन वन विभाग के रेंज ऑफिसर ने पुष्पजीत सिंह को भी नामजद कर दिया है. अपने उपर दर्ज प्राथमिकी को लेकर पुष्पजीत अश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं. वहीं उनके चाचा चंदेश्वर सिंह को भी इस मामले में नामजद किया गया है.

जिसको लेकर चंदेश्वर सिंह ने बताया कि वह इस मामले में कहीं नहीं हैं. उनके भतीजा ने सरकारी जमीन पर लगे हरे पेड़ों की हो रही कटाई की जानकारी डीएम को दी थी. इसी कारण स्थानीय राजनीति के कारण उन्हें और उनके भतीजा को भी नामजद कर दिया गया है. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि कोई आदमी किसी भी गलत कार्य की सूचना सरकारी अधिकारियों को आखिर क्यों देगा. जब सूचना देने वाले पर हीं मुकदमा दर्ज कर दिया जा रहा है.

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दरअसल पकड़ीदयाल प्रखंड के रामबन गांव में सरकारी तालाब के किनारे लगे हरे पेड़ों की कटाई जेसीबी मशीन से बेखौफ की जा रही थी. पेड़ों को जड़ समेत उखाड़कर कुछ लोगों ने उसे बेच दिया. जिसकी शिकायत ग्रामीण पुष्पजीत सिंह ने डीएम से की. जिसके बाद डीएम के पहल पर पकड़ीदयाल के फॉरेस्ट रेंजर ने मामले की जांच की.

जांच के बाद पकड़ीदयाल प्रखंड भाजपा के अध्यक्ष विरेंद्र सिंह समेत छह लोगों के खिलाफ रेंज ऑफिसर ने स्थानीय थाना में एफआईआर दर्ज कराई है. जिस एफआईआर में शिकायतकर्ता और उनके चाचा का नाम आने के बाद वन विभाग की कार्रवाई पर अब कई तरह के सवाल भी उठने लगे हैं.

इस संबंध में आरोपी भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वह मिलने से इंकार करते रहे. बताया जा रहा है कि चोरमा पंचायत के रामबन में सरकारी तालाब के किनारे कई पुराने पेड़ थे और कई पेड़ कुछ वर्ष पूर्व लगाये गए थे. जिसमें से लगभग 60 पेड़ को जड़ समेत काटने के बाद ट्रैक्टर से ढ़ो कर ले जाया गया.

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इधर जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक को जब ईटीवी भारत ने इस बात की जानकारी दी तो उन्होंने इस मामले पर जबाब देने से परहेज करते हुए कहा कि रेंज ऑफिसर ने जांच के बाद ही एफआईआर दर्ज कराया है. डीएम ने कहा कि अगर उनलोगों की संलिप्तता नहीं होगी तो अनुसंधान के क्रम में उनके नाम पर पुलिस रियायत कर सकती है.

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