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बाढ़ पीड़ितों का छलका दर्द: पीड़ितों को सता रहा बेघर होने का डर - worst condition of flood migrated people

बाढ़ की विनाशलीला से तबाह हुए कई दर्जन परिवार सड़क किनारे और बांध पर रहने को मजबूर हैं. लेकिन अब उन्हें यहां से भी बेघर होने का भय सताने लगा है.

बगहा
बाढ़ पीड़ितों का छलका दर्द
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Published : Dec 28, 2020, 3:08 PM IST

Updated : Dec 28, 2020, 4:52 PM IST

बगहा: जिले के गंडक दियारा पार स्थित ठकराहां प्रखण्ड के मोतीपुर पंचायत अंतर्गत दर्जनों बाढ़ कटाव पीड़ित परिवार तकरीबन 25 वर्षों से सड़क और बांध पर अपना जीवन गुजर बसर करते आ रहे हैं. जबकि प्रशासन ने अब तक इनकी सुध नहीं ली है. दरअसल, मोतीपुर पंचायत के नौतन-गुरवलिया और भगवानपुर पंचायत में दो दशक पहले गंडक नदी द्वारा भीषण कटाव हुआ था. जिसमें दर्जनों परिवार बेघर हो गए थे. जिनको सड़क किनारे और बांध पर अस्थायी रूप से बसाया गया था. उनको अब बेघर होने का डर सता रहा है.

पीड़ितों का दर्द सूनने को कोई तैयार नहीं
दरअसल, बाढ़ कटाव पीड़ितों के सामने अब बेघर होने का भय सता रहा है. इनकी चिंता का कारण यह यह है कि सड़क चौड़ीकरण को लेकर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. वहीं दूसरी तरफ सड़क किनारे के भू-स्वामी अपने जमीन के सामने से हटने का दबाव बना रहे हैं. लिहाजा इन पीड़ितों के सामने आवासन की एक बड़ी समस्या विकराल मुंह बाए खड़ी है. पीड़ितों का कहना है कि दो दशक से वे लगातार पंचायत स्तर से लेकर जिला स्तर तक गुहार लगा चुके हैं लेकिन अब तक उनके दर्द सूनने को कोई तैयार नहीं है.

देखें रिपोर्ट.

कटाव पीड़ितों से प्रशासन है अनजान
दुर्भाग्य की बात यह है कि जहां एक तरफ मुखिया प्रतिनिधि समेत बाढ़ कटाव पीड़ितों का कहना है कि प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है. वहीं बगहा एसडीएम शेखर आनंद का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है और ना ही कार्यालय में किसी तरह का कोई लिखित आवेदन जमा हुआ है. ऐसे में एसडीएम का यह कहना कि ईटीवी भारत यदि इस मामले को उठा रहा है और पीड़ितों से आवेदन दिलवाता है तो मामले में संज्ञान लिया जाएगा. यह कई सारे सवालों को जन्म देता है.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग
"25 साल से हमलोग ऐसे ही रहने का मजबूर है,सरकारी जमीन पर ही बिना किसी साधन के गुजार-बसर करने को मजबूर है. यहीं कमाना खाना होता है. ब्लॉक में भी आवेदन देने के बाद कोई सुनवाई नहीं हुई. सरकार को जनता के इस दर्द से कोई मतलब नहीं है. हम जिनके जमीन में रह रहे हैं, उन लोगों ने भी जमीन खाली करने को कह दिया है, हर कोई हमारे घर को उजाड़ना चाहता है". -राजेन्द्र राम, कटाव पीड़ित

बगहा
राजेन्द्र राम, कटाव पीड़ित

"हमारी जमीन गंगा नदी के बहाव में बह गया. हमलोग किसी तरह यहां रहकर अपना गुजारा कर रहे हैं. कोई भी हमें रहने को जमीन देने को तैयार नहीं है. इस दुख की घड़ी में कोई भी हमारी मदद करने को तैयार नहीं है. हमलोग 25 साल से यहां रह रहे हैं लेकिन अब चिंता यह सता रही है कि जब सरकार सड़क बनाने को जमीन खाली करवायेगी तब हम कहां जाएंगे". - दुखहारी देवी, कटाव पीड़िता.

बगहा
दुखहारी देवी, कटाव पीड़िता.

क्या कहतें हैं पंचायत प्रतिनिधि

"25 साल से यहां लोग बसे हैं लेकिन सरकारी मदद के नाम पर आज तक कुछ भी नहीं मिला. जहां सड़क किनारे रह रहे कटाव पीड़ितों को दो दशक बीत जाने के बाद भी बासगीत का पर्चा नहीं मिल पाया है और शिकायतों के बावजूद प्रशासन इस मामले से अनजान है. कई बार पंचायत की तरफ से आवेदन दिए गए."-मनोज कुमार, मुखिया पुत्र

बगहा
मनोज कुमार, मुखिया पुत्र.

क्या कहते हैं एसडीएम

"ऐसा कोई मामला हमारे संज्ञान में नहीं आया है. ना ही इसको लेकर कोई लिखित शिकायत हमारे कार्यालय में दी गई है. अगर आप इस मामले को उठाते हैं तो मैं एक बार सीओ साहब से जरूर बात करूंगा" . शेखर आनंद, एसडीएम, बगहा

बगहा
शेखर आनंद, एसडीएम.

बगहा: जिले के गंडक दियारा पार स्थित ठकराहां प्रखण्ड के मोतीपुर पंचायत अंतर्गत दर्जनों बाढ़ कटाव पीड़ित परिवार तकरीबन 25 वर्षों से सड़क और बांध पर अपना जीवन गुजर बसर करते आ रहे हैं. जबकि प्रशासन ने अब तक इनकी सुध नहीं ली है. दरअसल, मोतीपुर पंचायत के नौतन-गुरवलिया और भगवानपुर पंचायत में दो दशक पहले गंडक नदी द्वारा भीषण कटाव हुआ था. जिसमें दर्जनों परिवार बेघर हो गए थे. जिनको सड़क किनारे और बांध पर अस्थायी रूप से बसाया गया था. उनको अब बेघर होने का डर सता रहा है.

पीड़ितों का दर्द सूनने को कोई तैयार नहीं
दरअसल, बाढ़ कटाव पीड़ितों के सामने अब बेघर होने का भय सता रहा है. इनकी चिंता का कारण यह यह है कि सड़क चौड़ीकरण को लेकर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. वहीं दूसरी तरफ सड़क किनारे के भू-स्वामी अपने जमीन के सामने से हटने का दबाव बना रहे हैं. लिहाजा इन पीड़ितों के सामने आवासन की एक बड़ी समस्या विकराल मुंह बाए खड़ी है. पीड़ितों का कहना है कि दो दशक से वे लगातार पंचायत स्तर से लेकर जिला स्तर तक गुहार लगा चुके हैं लेकिन अब तक उनके दर्द सूनने को कोई तैयार नहीं है.

देखें रिपोर्ट.

कटाव पीड़ितों से प्रशासन है अनजान
दुर्भाग्य की बात यह है कि जहां एक तरफ मुखिया प्रतिनिधि समेत बाढ़ कटाव पीड़ितों का कहना है कि प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है. वहीं बगहा एसडीएम शेखर आनंद का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है और ना ही कार्यालय में किसी तरह का कोई लिखित आवेदन जमा हुआ है. ऐसे में एसडीएम का यह कहना कि ईटीवी भारत यदि इस मामले को उठा रहा है और पीड़ितों से आवेदन दिलवाता है तो मामले में संज्ञान लिया जाएगा. यह कई सारे सवालों को जन्म देता है.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग
"25 साल से हमलोग ऐसे ही रहने का मजबूर है,सरकारी जमीन पर ही बिना किसी साधन के गुजार-बसर करने को मजबूर है. यहीं कमाना खाना होता है. ब्लॉक में भी आवेदन देने के बाद कोई सुनवाई नहीं हुई. सरकार को जनता के इस दर्द से कोई मतलब नहीं है. हम जिनके जमीन में रह रहे हैं, उन लोगों ने भी जमीन खाली करने को कह दिया है, हर कोई हमारे घर को उजाड़ना चाहता है". -राजेन्द्र राम, कटाव पीड़ित

बगहा
राजेन्द्र राम, कटाव पीड़ित

"हमारी जमीन गंगा नदी के बहाव में बह गया. हमलोग किसी तरह यहां रहकर अपना गुजारा कर रहे हैं. कोई भी हमें रहने को जमीन देने को तैयार नहीं है. इस दुख की घड़ी में कोई भी हमारी मदद करने को तैयार नहीं है. हमलोग 25 साल से यहां रह रहे हैं लेकिन अब चिंता यह सता रही है कि जब सरकार सड़क बनाने को जमीन खाली करवायेगी तब हम कहां जाएंगे". - दुखहारी देवी, कटाव पीड़िता.

बगहा
दुखहारी देवी, कटाव पीड़िता.

क्या कहतें हैं पंचायत प्रतिनिधि

"25 साल से यहां लोग बसे हैं लेकिन सरकारी मदद के नाम पर आज तक कुछ भी नहीं मिला. जहां सड़क किनारे रह रहे कटाव पीड़ितों को दो दशक बीत जाने के बाद भी बासगीत का पर्चा नहीं मिल पाया है और शिकायतों के बावजूद प्रशासन इस मामले से अनजान है. कई बार पंचायत की तरफ से आवेदन दिए गए."-मनोज कुमार, मुखिया पुत्र

बगहा
मनोज कुमार, मुखिया पुत्र.

क्या कहते हैं एसडीएम

"ऐसा कोई मामला हमारे संज्ञान में नहीं आया है. ना ही इसको लेकर कोई लिखित शिकायत हमारे कार्यालय में दी गई है. अगर आप इस मामले को उठाते हैं तो मैं एक बार सीओ साहब से जरूर बात करूंगा" . शेखर आनंद, एसडीएम, बगहा

बगहा
शेखर आनंद, एसडीएम.
Last Updated : Dec 28, 2020, 4:52 PM IST
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