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मोतिहारी: बाढ़ ने गन्ना किसानों की तोड़ी कमर, सरकार से मदद की आस

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Published : Sep 1, 2020, 7:34 AM IST

जिले में आई बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है. बाढ़ ने खरीफ फसल को तो चौपट कर ही दिया है. गन्ना किसानों को भी बर्बादी के कगार पर खड़ा कर दिया है. अब किसानों की आखिरी उम्मीद सरकार से ही बची है.

किसान
किसान

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला में आई बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है. चारों तरफ तबाही का मंजर है. बाढ़ ने सबसे अधिक किसानों को बर्बाद किया है. जिले में खरीफ फसलें तो बाढ़ की भेंट चढ़ ही गईं. नगदी फसल के रुप में गन्ना की खेती करने वाले किसानों की कमर भी बाढ़ ने तोड़ दी.

खेतों में गन्ने के खड़े ठूंठ बाढ़ की तबाही की गवाही दे रहे हैं. अब किसान बाढ़ के पानी में सूख चुके गन्ने को बचाने के लिए दवा का छिड़काव कर रहे हैं. सरकार की गन्ना की क्षतिपूर्ति देने की घोषणा पर किसानों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद बंधी है.

सूखी गन्ना की फसल
सूखी गन्ना की फसल

सूखी फसल में दवा छिड़काव कर रहे हैं किसान
गन्ना की खेती करने वाले युवा किसान अभिलाष कुमार सिंह ने बताया कि विगत कई सालों से बाढ़ में गन्ना बर्बाद होता है. फिर भी नगदी फसल होने के कारण गन्ना की खेती करने का लोभ वे छोड़ नहीं पाते हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण खेतों में सूख चुके गन्ने को बचाने के लिए वो दवा का छिड़काव कर रहे हैं.अभिलाष ने कहा कि सरकार ने भी गन्ना किसानों से मुंह मोड़ लिया है. लेकिन इस साल सरकार की घोषणा से कुछ उम्मीदें जगी हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'सरकार की घोषणा से जगी है कुछ उम्मीद'
किसान रामविनय सिंह ने बताया कि बाढ़ में गन्ना की फसल बर्बाद हो गई है. लेकिन सरकार की घोषणा के बाद कुछ उम्मीद जगी है. जिससे गन्ना की खेती करने वाले किसानों को थोड़ा बहुत राहत मिलेगी. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने खेतों में खड़ी कुछ ईख की सुखी हुई फसल को बचाने के लिए दवा का छिड़काव किया है. जबकि ज्यादातर खेतों के गन्ना को बाढ़ के पानी ने ठूंठ बना दिया है.

परेशान गन्ना किसान
परेशान गन्ना किसान

ये भी पढ़ेंः सीतामढ़ी: 25 वर्षों से क्षतिग्रस्त भवन में संचालित हो रहा प्रखंड कार्यालय, नष्ट हो रहे कागजात

सरकार क्षतिपूर्त्ति देगी, तभी विश्वास होगा
वहीं, किसान आनंद प्रकाश ने बताया कि बाढ़ से धान की फसल तो बर्बाद हो ही गई है. जिले में आई बाढ़ ने गन्ना को भी बर्बाद कर दिया है. उन्होंने बताया कि सरकार की घोषणा के बाद कुछ आशा जगी है कि किसानों को उनके ईख की बर्बाद हुई फसल पर कुछ सरकारी सहायता मिलेगी. उनका कहना है कि सरकार ने जितना कहा है, उतना कर दे. तभी किसानों को विश्वास होगा. क्योंकि सरकार की घोषणाएं अक्सर फाईलों में ही घूमती रह जाती है.

खेत में बर्बाद हुई गन्ना की फसल
खेत में बर्बाद हुई गन्ना की फसल

किसानों को सरकार से है आस
बहरहाल, जिले में आई बाढ़ ने गन्ना किसानों को बर्बादी के कगार पर खड़ा कर दिया है. किसानों की सरकार पर अंतिम आस लगी है. सरकार अपनी घोषणा के अनुसार इस साल से फसल क्षति पूर्त्ति के नाम पर गन्ना किसानों को कुछ तो राहत देगी. जो किसानों की पीड़ा पर थोड़ा सा मलहम का काम करेगा.

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला में आई बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है. चारों तरफ तबाही का मंजर है. बाढ़ ने सबसे अधिक किसानों को बर्बाद किया है. जिले में खरीफ फसलें तो बाढ़ की भेंट चढ़ ही गईं. नगदी फसल के रुप में गन्ना की खेती करने वाले किसानों की कमर भी बाढ़ ने तोड़ दी.

खेतों में गन्ने के खड़े ठूंठ बाढ़ की तबाही की गवाही दे रहे हैं. अब किसान बाढ़ के पानी में सूख चुके गन्ने को बचाने के लिए दवा का छिड़काव कर रहे हैं. सरकार की गन्ना की क्षतिपूर्ति देने की घोषणा पर किसानों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद बंधी है.

सूखी गन्ना की फसल
सूखी गन्ना की फसल

सूखी फसल में दवा छिड़काव कर रहे हैं किसान
गन्ना की खेती करने वाले युवा किसान अभिलाष कुमार सिंह ने बताया कि विगत कई सालों से बाढ़ में गन्ना बर्बाद होता है. फिर भी नगदी फसल होने के कारण गन्ना की खेती करने का लोभ वे छोड़ नहीं पाते हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण खेतों में सूख चुके गन्ने को बचाने के लिए वो दवा का छिड़काव कर रहे हैं.अभिलाष ने कहा कि सरकार ने भी गन्ना किसानों से मुंह मोड़ लिया है. लेकिन इस साल सरकार की घोषणा से कुछ उम्मीदें जगी हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'सरकार की घोषणा से जगी है कुछ उम्मीद'
किसान रामविनय सिंह ने बताया कि बाढ़ में गन्ना की फसल बर्बाद हो गई है. लेकिन सरकार की घोषणा के बाद कुछ उम्मीद जगी है. जिससे गन्ना की खेती करने वाले किसानों को थोड़ा बहुत राहत मिलेगी. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने खेतों में खड़ी कुछ ईख की सुखी हुई फसल को बचाने के लिए दवा का छिड़काव किया है. जबकि ज्यादातर खेतों के गन्ना को बाढ़ के पानी ने ठूंठ बना दिया है.

परेशान गन्ना किसान
परेशान गन्ना किसान

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सरकार क्षतिपूर्त्ति देगी, तभी विश्वास होगा
वहीं, किसान आनंद प्रकाश ने बताया कि बाढ़ से धान की फसल तो बर्बाद हो ही गई है. जिले में आई बाढ़ ने गन्ना को भी बर्बाद कर दिया है. उन्होंने बताया कि सरकार की घोषणा के बाद कुछ आशा जगी है कि किसानों को उनके ईख की बर्बाद हुई फसल पर कुछ सरकारी सहायता मिलेगी. उनका कहना है कि सरकार ने जितना कहा है, उतना कर दे. तभी किसानों को विश्वास होगा. क्योंकि सरकार की घोषणाएं अक्सर फाईलों में ही घूमती रह जाती है.

खेत में बर्बाद हुई गन्ना की फसल
खेत में बर्बाद हुई गन्ना की फसल

किसानों को सरकार से है आस
बहरहाल, जिले में आई बाढ़ ने गन्ना किसानों को बर्बादी के कगार पर खड़ा कर दिया है. किसानों की सरकार पर अंतिम आस लगी है. सरकार अपनी घोषणा के अनुसार इस साल से फसल क्षति पूर्त्ति के नाम पर गन्ना किसानों को कुछ तो राहत देगी. जो किसानों की पीड़ा पर थोड़ा सा मलहम का काम करेगा.

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