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'अगर यह दुर्लभतम मामला नहीं है, तो और क्या है?' ममता ने आरजी कर मामले में फैसले पर जताई निराशा - RG KAR CASE

पश्चिम बंगाल की सियालदह कोर्ट ने आरजी कर रेप-मर्डर मामले में 20 जनवरी को अपने फैसले में दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई.

RG Kar Case West Bengal CM Mamata banerjee expresses dismay over Sealdah court verdict
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 21, 2025, 7:04 PM IST

Updated : Jan 21, 2025, 10:27 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जघन्य अपराध के दोषी संजय रॉय को मरते दम तक आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के सियालदह कोर्ट के फैसले पर एक बार फिर निराशा व्यक्त की.

सियालदह कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ड्यूटी कर रही ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में 20 जनवरी को फैसला सुनाया. अदालत ने दोषी संजय रॉय को मृत्युदंड देने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि यह 'दुर्लभतम' अपराध (rarest of the rare crime) नहीं है.

ममता ने मंगलवार को कहा, "मैं आरजी कर दुष्कर्म-हत्या मामले में अभियुक्तों के लिए मृत्युदंड की मांग कर रही हूं. अगर कोई इतना राक्षसी और बर्बर है, तो समाज उनके प्रति मानवीय कैसे रह सकता है? हमने अपराजिता विधेयक पारित किया, लेकिन केंद्र सरकार उसे मंजूरी नहीं दे रही है."

मालदा में एक जनसभा में सीएम बनर्जी ने कहा, "हमने उस विधेयक में मृत्युदंड को शामिल किया है. हम चाहते हैं कि यह विधेयक देश के लिए रोल मॉडल बने."

बनर्जी ने कहा, "अगर किसी को आजीवन कारावास की सजा दी जाती है, तो उसे पेरोल मिल सकती है. अगर कोई अपराध करता है, तो क्या हमें उसे माफ कर देना चाहिए? हमने ऐसे मामले देखे हैं, जहां अपराधी तीन महीने के भीतर जेल से बाहर आ गए और यहां तक कि पेरोल पर भी. मैं इस फैसले से वाकई बहुत हैरान हूं. मैं कभी वकील थी और कई केस लड़ चुकी हूं. सियालदह कोर्ट के जज ने कहा कि यह दुर्लभतम मामला नहीं है और मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता. अगर यह दुर्लभतम मामला नहीं है, तो और क्या है? मुझे लगता है कि यह दुर्लभ, बेहद संवेदनशील और आरोपी द्वारा किया गया जघन्य अपराध है."

इस बीच, कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार को निचली अदालत के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दे दी. महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने मामले में दोषी रॉय को मृत्युदंड देने की मांग करते हुए जस्टिस देबांगसु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में अपील दायर की.

पीड़िता के पिता ने सीएम ममता की टिप्पणी को विरोध किया

वहीं, सीएम ममता बनर्जी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पीड़िता के पिता ने मंगलवार को कहा, "मुख्यमंत्री को इतनी जल्दबाजी रहने की जरूरत नहीं है. हमें जो करना है, हम करेंगे! उन्होंने अब तक जो किया है... उन्हें वह नहीं करना चाहिए. फिर से यह हमारा अनुरोध है."

मृतक डॉक्टर के पिता ने कहा, "वह (ममता बनर्जी) ये सारी बातें मौखिक रूप से कह सकती हैं. उनके सीपी-एसीपी ने पहले ही सारी जानकारी और सबूत नष्ट कर दिए हैं. क्या वह उन्हें देख नहीं सकते?"

आरजी कार मामले में निचली अदालत के फैसले पर उन्होंने कहा, "हमें अभी तक फैसले की प्रति नहीं मिली है. मैं इसे कल प्राप्त करूंगा! इसके बाद मैं निर्णय लूंगा कि मुझे हाईकोर्ट जाना है या नहीं."

पीड़िता के पिता का मानना है कि दोषी संजय रॉय को इसलिए मौत की सजा नहीं दी गई क्योंकि सीबीआई अदालत को सटीक सबूत नहीं दे सकी. सियालदह की अदालत ने सोमवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

हालांकि, निचली अदालत के फैसले पर पीड़िता के पिता की ओर से कोई असंतोष नहीं व्यक्त किया गया. बल्कि, उन्होंने सीबीआई की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाकर उसे ही कटघरे में खड़ा कर दिया है. इस संबंध में उन्होंने कहा, "हमें निचली अदालत के न्यायाधीश पर पूरा भरोसा था. न्यायाधीश को उन पर भरोसा है. दोषी संजय को मौत की सजा इसलिए नहीं दी गई क्योंकि सीबीआई उसके खिलाफ उचित सबूत पेश नहीं कर सकी. इसके बजाय संजय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई."

सीएम बनर्जी ने सोमवार को भी सियालदह कोर्ट के फैसले पर निराशा व्यक्त की थी और दावा किया था कि जांच को राज्य पुलिस से 'जबरन' छीन लिया गया. उन्होंने कहा कि अगर मामला हमारे हाथ में होता तो हम उसे फांसी पर लटका देते. एक्स पर एक पोस्ट में बनर्जी ने कहा था कि राज्य सरकार सियालदह अदालत के फैसले को चुनौती देगी और कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख करेगी.

यह भी पढ़ें- संजय रॉय को मौत की सजा क्यों नहीं सुनाई गई, जानिए जज ने अपने फैसले में क्या कहा ?

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जघन्य अपराध के दोषी संजय रॉय को मरते दम तक आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के सियालदह कोर्ट के फैसले पर एक बार फिर निराशा व्यक्त की.

सियालदह कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ड्यूटी कर रही ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में 20 जनवरी को फैसला सुनाया. अदालत ने दोषी संजय रॉय को मृत्युदंड देने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि यह 'दुर्लभतम' अपराध (rarest of the rare crime) नहीं है.

ममता ने मंगलवार को कहा, "मैं आरजी कर दुष्कर्म-हत्या मामले में अभियुक्तों के लिए मृत्युदंड की मांग कर रही हूं. अगर कोई इतना राक्षसी और बर्बर है, तो समाज उनके प्रति मानवीय कैसे रह सकता है? हमने अपराजिता विधेयक पारित किया, लेकिन केंद्र सरकार उसे मंजूरी नहीं दे रही है."

मालदा में एक जनसभा में सीएम बनर्जी ने कहा, "हमने उस विधेयक में मृत्युदंड को शामिल किया है. हम चाहते हैं कि यह विधेयक देश के लिए रोल मॉडल बने."

बनर्जी ने कहा, "अगर किसी को आजीवन कारावास की सजा दी जाती है, तो उसे पेरोल मिल सकती है. अगर कोई अपराध करता है, तो क्या हमें उसे माफ कर देना चाहिए? हमने ऐसे मामले देखे हैं, जहां अपराधी तीन महीने के भीतर जेल से बाहर आ गए और यहां तक कि पेरोल पर भी. मैं इस फैसले से वाकई बहुत हैरान हूं. मैं कभी वकील थी और कई केस लड़ चुकी हूं. सियालदह कोर्ट के जज ने कहा कि यह दुर्लभतम मामला नहीं है और मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता. अगर यह दुर्लभतम मामला नहीं है, तो और क्या है? मुझे लगता है कि यह दुर्लभ, बेहद संवेदनशील और आरोपी द्वारा किया गया जघन्य अपराध है."

इस बीच, कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार को निचली अदालत के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दे दी. महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने मामले में दोषी रॉय को मृत्युदंड देने की मांग करते हुए जस्टिस देबांगसु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में अपील दायर की.

पीड़िता के पिता ने सीएम ममता की टिप्पणी को विरोध किया

वहीं, सीएम ममता बनर्जी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पीड़िता के पिता ने मंगलवार को कहा, "मुख्यमंत्री को इतनी जल्दबाजी रहने की जरूरत नहीं है. हमें जो करना है, हम करेंगे! उन्होंने अब तक जो किया है... उन्हें वह नहीं करना चाहिए. फिर से यह हमारा अनुरोध है."

मृतक डॉक्टर के पिता ने कहा, "वह (ममता बनर्जी) ये सारी बातें मौखिक रूप से कह सकती हैं. उनके सीपी-एसीपी ने पहले ही सारी जानकारी और सबूत नष्ट कर दिए हैं. क्या वह उन्हें देख नहीं सकते?"

आरजी कार मामले में निचली अदालत के फैसले पर उन्होंने कहा, "हमें अभी तक फैसले की प्रति नहीं मिली है. मैं इसे कल प्राप्त करूंगा! इसके बाद मैं निर्णय लूंगा कि मुझे हाईकोर्ट जाना है या नहीं."

पीड़िता के पिता का मानना है कि दोषी संजय रॉय को इसलिए मौत की सजा नहीं दी गई क्योंकि सीबीआई अदालत को सटीक सबूत नहीं दे सकी. सियालदह की अदालत ने सोमवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

हालांकि, निचली अदालत के फैसले पर पीड़िता के पिता की ओर से कोई असंतोष नहीं व्यक्त किया गया. बल्कि, उन्होंने सीबीआई की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाकर उसे ही कटघरे में खड़ा कर दिया है. इस संबंध में उन्होंने कहा, "हमें निचली अदालत के न्यायाधीश पर पूरा भरोसा था. न्यायाधीश को उन पर भरोसा है. दोषी संजय को मौत की सजा इसलिए नहीं दी गई क्योंकि सीबीआई उसके खिलाफ उचित सबूत पेश नहीं कर सकी. इसके बजाय संजय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई."

सीएम बनर्जी ने सोमवार को भी सियालदह कोर्ट के फैसले पर निराशा व्यक्त की थी और दावा किया था कि जांच को राज्य पुलिस से 'जबरन' छीन लिया गया. उन्होंने कहा कि अगर मामला हमारे हाथ में होता तो हम उसे फांसी पर लटका देते. एक्स पर एक पोस्ट में बनर्जी ने कहा था कि राज्य सरकार सियालदह अदालत के फैसले को चुनौती देगी और कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख करेगी.

यह भी पढ़ें- संजय रॉय को मौत की सजा क्यों नहीं सुनाई गई, जानिए जज ने अपने फैसले में क्या कहा ?

Last Updated : Jan 21, 2025, 10:27 PM IST
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