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महाकुंभ स्पेशलः पिता-बेटी ने गाजियाबाद से प्रयागराज तक का साइकिल से किया सफर, संगम में लगाई आस्था की डुबकी - GHAZIABAD TO PRAYAGRAJ ON BICYCLE

1300 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय किया. संगम में आस्था की डुबकी लगाई.

पिता और बेटी ने गाजियाबाद से महाकुंभ तक का सफर साइकिल से किया.
पिता और बेटी ने गाजियाबाद से महाकुंभ तक का सफर साइकिल से किया. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 22, 2025, 11:00 AM IST

Updated : Feb 22, 2025, 12:47 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादः महाकुंभ 2025 को लेकर देश भर के लोगों में एक अलग उत्साह और आस्था देखी जा रही है. उत्तर प्रदेश सरकार के आंकड़ों के मुताबिक कुंभ में 50 करोड़ से अधिक लोग पवित्र स्नान कर चुके हैं. प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ दिखाई दे रही है. गाजियाबाद से भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में पहुंचकर संगम में आस्था की डुबकी लगाई है. दो श्रद्धालु ऐसे भी हैं जिनकी हर तरफ चर्चा हो रही है. गाजियाबाद के वसुंधरा निवासी होम्योपैथी डॉक्टर ने अपनी बेटी के साथ साइकिल से प्रयागराज का सफर तय किया और फिर संगम में पवित्र स्नान किया.

गाजियाबाद (दिल्ली-एनसीआर) से प्रयागराज जाने के लिए तमाम ट्रेन, बस और फ्लाइट्स हैं. पब्लिक ट्रांसपोर्ट या अपनी निजी गाड़ी के स्थान पर डॉ. उमेश पंत ने अपनी 19 साल की बेटी उमंग पंत के साथ गाजियाबाद से प्रयागराज का सफर साइकिल से तय किया. सामान्य तौर पर गाजियाबाद से प्रयागराज जाने का खर्च एसी ट्रेन से दो लोगों का तकरीबन दस हजार रुपए होता है. लेकिन डॉ. उमेश और उनकी बेटी को साइकिल से यह सफर तय करने में करीब 75 हजार खर्च का खर्चा आया.

साइकिल से प्रयागराज पहुंचकर लगाई आस्था की डुबकी (ETV Bharat)

जनवरी में शुरू की थी प्लानिंग
होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. उमेश पंत ने जनवरी में ही साइकिल से कुंभ जाने की प्लानिंग शुरू कर दी थी. बेटी ने काफी हौसला बढ़ाया लेकिन मां कई बार विचलित हुईं कि क्या साइकिल से जाना ठीक रहेगा. फाइनल डिसीजन लेना काफी मुश्किल था लेकिन परिवार ने काफी हौसला बढ़ाया और आखिरकार तय हो गया कि साइकिल से कुंभ की यात्रा करेंगे. बेटी उत्तराखंड स्थित निजी संस्थान से ग्रेजुएशन कर रही है. बेटी को गाजियाबाद बुलाया और यात्रा की तैयारी शुरू कर दी.

पिता और बेटी ने 1300 किलोमीटर तक का सफर साइकिल से किया.
पिता और बेटी ने 1300 किलोमीटर तक का सफर साइकिल से किया. (ETV Bharat)

10 फरवरी को महाकुंभ के लिए निकले थे
डॉ. उमेश पंत ने बताया 10 फरवरी को गाजियाबाद से प्रयागराज महाकुंभ के लिए निकले थे. गाजियाबाद से प्रयाग पहुंचने में करीब पांच दिन का वक्त लगा. हर दिन तकरीबन 100 से 150 किलोमीटर के बीच साइकिलिंग की. 3 घंटे लगातार साइकिलिंग करते थे और फिर कुछ देर आराम करने के पश्चात फिर से यात्रा की ओर बढ़ते थे. बेटी ने यात्रा के दौरान बहुत हौसला दिया. हमारा मकसद था कि हम लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर सकें. यही वजह रही कि हमने साइकिल से कुंभ जाने का फैसला किया. गाजियाबाद से कुंभ की यात्रा के दौरान लोगों का बहुत प्यार मिला. जगह-जगह पर लोगों ने फूलमालाओं से स्वागत किया और सम्मान दिया. यात्रा के दौरान हमने स्वास्थ्य के प्रति करीब 10000 लोगों को जागरूक किया.

उमंग पंत बताती हैं कि शुरुआत में घर से निकलने के बाद चंद किलोमीटर साइकिलिंग करने के बाद एहसास हुआ कि यात्रा काफी मुश्किल होगी लेकिन जैसे-जैसे रास्ता आगे बढ़ता गया मुश्किलें खत्म होती चली गईं. यात्रा के दौरान विभिन्न क्षेत्र के लोगों से मुलाकात हुई. रास्ते में लोगों ने बहुत सहयोग किया. जो भी देखा था कि हम तुम साइकिल से जा रहे हैं तो चौंक जाता था हमसे आकर बातचीत करता था. बहुत अच्छा अनुभव रहा जल्द दूसरी यात्रा की तैयारी भी शुरू करेंगे.

पिता और बेटी ने गाजियाबाद से प्रयागराज तक का सफर साइकिल से किया.
पिता और बेटी ने गाजियाबाद से प्रयागराज तक का सफर साइकिल से किया. (ETV Bharat)

650 किलोमीटर की है दूरी
गाजियाबाद से प्रयागराज तकरीबन 650 किलोमीटर है. 10 फरवरी को पिता पुत्री गाजियाबाद से प्रयागराज के लिए रवाना हुए थे और 19 फरवरी को वापस गाजियाबाद पहुंच गए. यात्रा के लिए काफी पहले से तैयारी की गई थी. यात्रा काफी लंबी थी तो ऐसे में अच्छी साइकिल्स की भी आवश्यकता थी. प्रयागराज कुंभ जाने के लिए 25-25 हजार की दो साइकिल खरीदी जिसे इस सफर को पूरा किया गया. डॉ उमेश बताते हैं कि वह हर दिन 30 किलोमीटर साइकिलिंग करते हैं. पिछले 8 सालों से महीने में हजार किलोमीटर साइकिल चलाने का लक्ष्य रखा है. जिसे पूर्ण करते हैं. उमेश का कहना है कि शरीर हमारी सबसे अनमोल धरोहर है इसको स्वस्थ रखने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को प्रयास करने चाहिए.

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नई दिल्ली/गाजियाबादः महाकुंभ 2025 को लेकर देश भर के लोगों में एक अलग उत्साह और आस्था देखी जा रही है. उत्तर प्रदेश सरकार के आंकड़ों के मुताबिक कुंभ में 50 करोड़ से अधिक लोग पवित्र स्नान कर चुके हैं. प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ दिखाई दे रही है. गाजियाबाद से भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में पहुंचकर संगम में आस्था की डुबकी लगाई है. दो श्रद्धालु ऐसे भी हैं जिनकी हर तरफ चर्चा हो रही है. गाजियाबाद के वसुंधरा निवासी होम्योपैथी डॉक्टर ने अपनी बेटी के साथ साइकिल से प्रयागराज का सफर तय किया और फिर संगम में पवित्र स्नान किया.

गाजियाबाद (दिल्ली-एनसीआर) से प्रयागराज जाने के लिए तमाम ट्रेन, बस और फ्लाइट्स हैं. पब्लिक ट्रांसपोर्ट या अपनी निजी गाड़ी के स्थान पर डॉ. उमेश पंत ने अपनी 19 साल की बेटी उमंग पंत के साथ गाजियाबाद से प्रयागराज का सफर साइकिल से तय किया. सामान्य तौर पर गाजियाबाद से प्रयागराज जाने का खर्च एसी ट्रेन से दो लोगों का तकरीबन दस हजार रुपए होता है. लेकिन डॉ. उमेश और उनकी बेटी को साइकिल से यह सफर तय करने में करीब 75 हजार खर्च का खर्चा आया.

साइकिल से प्रयागराज पहुंचकर लगाई आस्था की डुबकी (ETV Bharat)

जनवरी में शुरू की थी प्लानिंग
होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. उमेश पंत ने जनवरी में ही साइकिल से कुंभ जाने की प्लानिंग शुरू कर दी थी. बेटी ने काफी हौसला बढ़ाया लेकिन मां कई बार विचलित हुईं कि क्या साइकिल से जाना ठीक रहेगा. फाइनल डिसीजन लेना काफी मुश्किल था लेकिन परिवार ने काफी हौसला बढ़ाया और आखिरकार तय हो गया कि साइकिल से कुंभ की यात्रा करेंगे. बेटी उत्तराखंड स्थित निजी संस्थान से ग्रेजुएशन कर रही है. बेटी को गाजियाबाद बुलाया और यात्रा की तैयारी शुरू कर दी.

पिता और बेटी ने 1300 किलोमीटर तक का सफर साइकिल से किया.
पिता और बेटी ने 1300 किलोमीटर तक का सफर साइकिल से किया. (ETV Bharat)

10 फरवरी को महाकुंभ के लिए निकले थे
डॉ. उमेश पंत ने बताया 10 फरवरी को गाजियाबाद से प्रयागराज महाकुंभ के लिए निकले थे. गाजियाबाद से प्रयाग पहुंचने में करीब पांच दिन का वक्त लगा. हर दिन तकरीबन 100 से 150 किलोमीटर के बीच साइकिलिंग की. 3 घंटे लगातार साइकिलिंग करते थे और फिर कुछ देर आराम करने के पश्चात फिर से यात्रा की ओर बढ़ते थे. बेटी ने यात्रा के दौरान बहुत हौसला दिया. हमारा मकसद था कि हम लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर सकें. यही वजह रही कि हमने साइकिल से कुंभ जाने का फैसला किया. गाजियाबाद से कुंभ की यात्रा के दौरान लोगों का बहुत प्यार मिला. जगह-जगह पर लोगों ने फूलमालाओं से स्वागत किया और सम्मान दिया. यात्रा के दौरान हमने स्वास्थ्य के प्रति करीब 10000 लोगों को जागरूक किया.

उमंग पंत बताती हैं कि शुरुआत में घर से निकलने के बाद चंद किलोमीटर साइकिलिंग करने के बाद एहसास हुआ कि यात्रा काफी मुश्किल होगी लेकिन जैसे-जैसे रास्ता आगे बढ़ता गया मुश्किलें खत्म होती चली गईं. यात्रा के दौरान विभिन्न क्षेत्र के लोगों से मुलाकात हुई. रास्ते में लोगों ने बहुत सहयोग किया. जो भी देखा था कि हम तुम साइकिल से जा रहे हैं तो चौंक जाता था हमसे आकर बातचीत करता था. बहुत अच्छा अनुभव रहा जल्द दूसरी यात्रा की तैयारी भी शुरू करेंगे.

पिता और बेटी ने गाजियाबाद से प्रयागराज तक का सफर साइकिल से किया.
पिता और बेटी ने गाजियाबाद से प्रयागराज तक का सफर साइकिल से किया. (ETV Bharat)

650 किलोमीटर की है दूरी
गाजियाबाद से प्रयागराज तकरीबन 650 किलोमीटर है. 10 फरवरी को पिता पुत्री गाजियाबाद से प्रयागराज के लिए रवाना हुए थे और 19 फरवरी को वापस गाजियाबाद पहुंच गए. यात्रा के लिए काफी पहले से तैयारी की गई थी. यात्रा काफी लंबी थी तो ऐसे में अच्छी साइकिल्स की भी आवश्यकता थी. प्रयागराज कुंभ जाने के लिए 25-25 हजार की दो साइकिल खरीदी जिसे इस सफर को पूरा किया गया. डॉ उमेश बताते हैं कि वह हर दिन 30 किलोमीटर साइकिलिंग करते हैं. पिछले 8 सालों से महीने में हजार किलोमीटर साइकिल चलाने का लक्ष्य रखा है. जिसे पूर्ण करते हैं. उमेश का कहना है कि शरीर हमारी सबसे अनमोल धरोहर है इसको स्वस्थ रखने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को प्रयास करने चाहिए.

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Last Updated : Feb 22, 2025, 12:47 PM IST
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