मोतिहारी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के पंडितों पर आए बयान (Mohan Bhagwat statement on Pandits) के बाद देश में एक बार फिर राजनीतिक बहस छिड़ गई है. कांग्रेस ने मोहन भागवत के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए कहा कि संघ प्रमुख क्या हैं? वह ब्रह्मण नहीं हैं क्या, यह हम जानना चाहते हैं. हमलोग तो आज तक यही जानते थे कि वह खुद ब्रह्मण हैं.
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नैतिक अधिकार नहीं: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि जिस बात को आज वह कह रहे हैं, वह आरएसएस ऑफिस से हीं ये सब हुआ. जिसका मुखालफत कांग्रेस पार्टी करती आ रही है. जहां तिरंगा झंडा हाल-हाल तक नहीं फहराया जाता हो, वह इस तरह की बात करे. वो तो राहुल गांधी के बार-बार कहने से दो साल पहले आरएसएस ऑफिस में तिरंगा का प्रवेश हुआ. उनके दफ्तर में तो तिरंगा का भी प्रवेश नहीं था. वह कभी आरक्षण पर बोल जाते हैं, कभी किसी चीज पर बोल जाते हैं. उनको ये कहने का नैतिक अधिकार नहीं हैं.
क्या कहा था मोहन भागवत ने: रविवार को मुंबई में संत रविदास की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि समाज में बंटवारे का फायदा दूसरों ने उठाया. बाहरी देशों से आए लोगों ने यहां पर राज किया. अगर समाज संगठित होता तो कोई आंख न उठा पाता. मीडिया में यह खबर आने के बाद कि मोहन भागवत ने जाति व्यवस्था के लिए पंडितों को जिम्मेवार बताया है, इसके बाद एक बार फिर राजनीतिक बहस छिड़ गई. मोहन भागवत पर सभी दलों के नेताओं के बयान आने लगे. हालांकि, बाद में आरएसएस के तरफ से सफाई भी आई. जिसे लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने निशाना साधा है.
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"संघ प्रमुख क्या हैं? वह ब्रह्मण नहीं हैं क्या, यह हम जानना चाहते हैं. हमलोग तो आज तक यही जानते थे कि वह खुद ब्रह्मण हैं. जिस बात को आज वह कह रहे हैं, वह आरएसएस ऑफिस से हीं ये सब हुआ. जिसका मुखालफत कांग्रेस पार्टी करती आ रही है "- डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष