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मोतिहारी: यूपी बस दुर्घटना के बाद दिल्ली जाने वाली बसों में सुरक्षा पर उठे सवाल

मोतिहारी और उसके आसपास के क्षेत्रों से 10 बसें दिल्ली के लिए खुलती है. लेकिन, यूपी के फिरोजाबाद में बस दुर्घटना में हुए कई लोगों की मौत के बाद लम्बी दूरी तक चलने वाली इन बसों के सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं.

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Published : Feb 14, 2020, 9:49 AM IST

मोतिहारी: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में हुए बस हादसे के बाद एक बार फिर लंबी दूरी तक चलने वाली यात्री बसों के सुरक्षा मानकों पर सवाल उठने लगे हैं. बस में सवार पैसेंजरों का मानना है कि बस में सीट से अधिक यात्री नहीं बैठाये जाते हैं, फिर भी सुरक्षा में अनदेखी की जाती है.

लंबी दूरी वाले बस पर उठे सवाल
बता दें कि फिरोजाबाद में नमस्ते बिहार नाम से चलने वाली बस की दुर्घटना के बाद से मोतिहारी स्थित इस बस के सभी टिकट काउंटर पर ताला लटका हुआ है. इस घटना के बाद से लंबी दूरी पर चलने वाली बस की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठ रहे हैं.

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नमस्ते बिहार के सभी टिकट काउंटर पर लटका ताला

यात्रियों ने लगाया अनदेखी का आरोप
यात्री बसों में सुरक्षा का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम मोतिहारी बस अड्डे पर पहुंची. बस में सवार यात्रियों ने कहा कि बस में सीट से अधिक यात्री नहीं होने के बावजूद सुरक्षा की अनदेखी की जाती है. वहीं, बस चलाने वाले ड्राइवर का मानना है कि लंबी दूरी तक यात्रा करने वाले बसों में सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाता है.

'लम्बी दूरी की बसों में रहते हैं दो ड्राइवर'
दिल्ली से चली पहली बस के मोतिहारी पहुंचने पर बस चालक वैद्यनाथ पांडेय ने बताया कि बस में सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाता है. बस में 2 ड्राइवर रहते हैं. शिफ्ट के हिसाब से एक ड्राइवर बस में ही आराम करता है और दूसरा ड्राइवर गाड़ी चलाता है.

पेश है रिपोर्ट

बसों में सुरक्षा मानकों की होती है अनदेखी
वहीं, उसी बस में सवारी कर मोतिहारी पहुंचे एक यात्री ने बताया कि बस में सीट के अनुसार ही यात्री बैठाये जाते हैं. लेकिन, बस के केबिन में यात्रियों को बिठा दिया जाता है. यात्री के अनुसार दिल्ली तक जाने वाली बसों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जाती है.

यह भी पढ़ें- 'चंद्रकात सोमपुरा बनाएंगे अयोध्या में राम मंदिर, मदद के लिए बढ़ने वाले हर हाथ का होगा स्वागत'

मोतिहारी से 10 बसें दिल्ली के लिए खुलती है
बता दें कि मोतिहारी और उसके आसपास के क्षेत्रों से दिल्ली के लिए 10 बसें खुलती है. सभी बसें वॉल्वो गाड़ी के नाम से टूरिस्ट परमिट पर चलती है. मोतिहारी, ढ़ाका, घोड़ासहन और भंडार सहित जिले के कई स्थानों से दिल्ली के लिए बसें खुलती है. लेकिन, यूपी में हुए हादसे के बाद से ऐसी लंबी यात्रा वाली बसों पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं.

मोतिहारी: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में हुए बस हादसे के बाद एक बार फिर लंबी दूरी तक चलने वाली यात्री बसों के सुरक्षा मानकों पर सवाल उठने लगे हैं. बस में सवार पैसेंजरों का मानना है कि बस में सीट से अधिक यात्री नहीं बैठाये जाते हैं, फिर भी सुरक्षा में अनदेखी की जाती है.

लंबी दूरी वाले बस पर उठे सवाल
बता दें कि फिरोजाबाद में नमस्ते बिहार नाम से चलने वाली बस की दुर्घटना के बाद से मोतिहारी स्थित इस बस के सभी टिकट काउंटर पर ताला लटका हुआ है. इस घटना के बाद से लंबी दूरी पर चलने वाली बस की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठ रहे हैं.

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नमस्ते बिहार के सभी टिकट काउंटर पर लटका ताला

यात्रियों ने लगाया अनदेखी का आरोप
यात्री बसों में सुरक्षा का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम मोतिहारी बस अड्डे पर पहुंची. बस में सवार यात्रियों ने कहा कि बस में सीट से अधिक यात्री नहीं होने के बावजूद सुरक्षा की अनदेखी की जाती है. वहीं, बस चलाने वाले ड्राइवर का मानना है कि लंबी दूरी तक यात्रा करने वाले बसों में सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाता है.

'लम्बी दूरी की बसों में रहते हैं दो ड्राइवर'
दिल्ली से चली पहली बस के मोतिहारी पहुंचने पर बस चालक वैद्यनाथ पांडेय ने बताया कि बस में सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाता है. बस में 2 ड्राइवर रहते हैं. शिफ्ट के हिसाब से एक ड्राइवर बस में ही आराम करता है और दूसरा ड्राइवर गाड़ी चलाता है.

पेश है रिपोर्ट

बसों में सुरक्षा मानकों की होती है अनदेखी
वहीं, उसी बस में सवारी कर मोतिहारी पहुंचे एक यात्री ने बताया कि बस में सीट के अनुसार ही यात्री बैठाये जाते हैं. लेकिन, बस के केबिन में यात्रियों को बिठा दिया जाता है. यात्री के अनुसार दिल्ली तक जाने वाली बसों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जाती है.

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मोतिहारी से 10 बसें दिल्ली के लिए खुलती है
बता दें कि मोतिहारी और उसके आसपास के क्षेत्रों से दिल्ली के लिए 10 बसें खुलती है. सभी बसें वॉल्वो गाड़ी के नाम से टूरिस्ट परमिट पर चलती है. मोतिहारी, ढ़ाका, घोड़ासहन और भंडार सहित जिले के कई स्थानों से दिल्ली के लिए बसें खुलती है. लेकिन, यूपी में हुए हादसे के बाद से ऐसी लंबी यात्रा वाली बसों पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं.

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