ETV Bharat / state

मोतिहारी: प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों ने आशाकर्मी को पिटा

नीजी अस्पताल में प्रसव के दौरान जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई. इसके बाद आक्रोशित परिजनों ने आशाकर्मी पर बहला फुसला कर नीजी अस्पताल ले जाने का आरोप लगाते हुए चप्पलों से उसकी पीटाई कर दी.

आशा कर्मी के पीटते परिजन
author img

By

Published : Jun 12, 2019, 8:07 AM IST

मोतिहारी: प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत के बाद सदर अस्पताल परिसर में मरीज के परिजनों ने आशाकर्मी को चप्पलों से धुनाई कर दी. आस-पास के लोग तमाशबीन बनकर देखते रहे. वहीं, सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने किसी तरह से आक्रोशित परिजनों को समझाया और शांत करवाया.

आशा कर्मी के पीटते परिजन

घटना के बारे में बताया जाता है कि गर्भवती महिला जब सदर अस्पताल में ईलाज कराने आयी, वहां मौजूद एक आशा कार्यकर्ता ने महिला और उसके परिजनों को बहलाकर शहर के एक निजी नर्सिंग होम में ले गई. जहां प्रसव के दौरान जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई. महिला की मौत के बाद जब परिजन सदर अस्पताल की ओर आ रहे थे. तभी उस आशा कार्यकर्ता पर उनकी नजर पड़ गई. उनलोगों ने उसकी जमकर धुनाई कर दी.

सिविल सर्जन ने अस्पताल अधीक्षक पर फौड़ा ठीकरा

इस मामले पर सिविल सर्जन ने कहा कि सदर अस्पताल में आशा कर्मियों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है. फिर वह कैसे सदर अस्पताल कैंपस में आई. उन्होंने अस्पताल अधीक्षक पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि आशा कर्मियों की एंट्री सदर अस्पताल के अधीक्षक के रवैया के कारण होता है. इसकी जांच की जायेगी.

मोतिहारी: प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत के बाद सदर अस्पताल परिसर में मरीज के परिजनों ने आशाकर्मी को चप्पलों से धुनाई कर दी. आस-पास के लोग तमाशबीन बनकर देखते रहे. वहीं, सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने किसी तरह से आक्रोशित परिजनों को समझाया और शांत करवाया.

आशा कर्मी के पीटते परिजन

घटना के बारे में बताया जाता है कि गर्भवती महिला जब सदर अस्पताल में ईलाज कराने आयी, वहां मौजूद एक आशा कार्यकर्ता ने महिला और उसके परिजनों को बहलाकर शहर के एक निजी नर्सिंग होम में ले गई. जहां प्रसव के दौरान जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई. महिला की मौत के बाद जब परिजन सदर अस्पताल की ओर आ रहे थे. तभी उस आशा कार्यकर्ता पर उनकी नजर पड़ गई. उनलोगों ने उसकी जमकर धुनाई कर दी.

सिविल सर्जन ने अस्पताल अधीक्षक पर फौड़ा ठीकरा

इस मामले पर सिविल सर्जन ने कहा कि सदर अस्पताल में आशा कर्मियों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है. फिर वह कैसे सदर अस्पताल कैंपस में आई. उन्होंने अस्पताल अधीक्षक पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि आशा कर्मियों की एंट्री सदर अस्पताल के अधीक्षक के रवैया के कारण होता है. इसकी जांच की जायेगी.

Intro:मोतिहारी।सदर अस्पताल में उस समय अजीबो गरीब दृश्य उत्पन्न हो गया।जब एक महिला दूसरी महिला को चप्पलों से पिटने लगी और लोग तमाशबीन बने रहे।पिटाई खाने वाली महिला आशा कार्यकर्त्ता बताई जाती है।


Body:बताया जाता है कि एक गर्भवती महिला जब सदर अस्पताल में ईलाज कराने आई।तो वहां मौजूद एक आशा कार्यकर्त्ता महिला और उसके परिजन को बहलाकर शहर के अगरवा स्थित एक निजी नर्सिंग होम में ले गई।जहां प्रसव के दौरान जच्चा और बच्चा दोनो की मौत हो गई।महिला की मौत होने के बाद जब परिजन सदर अस्पताल की ओर आ रहे थे।तभी उस आशा कार्यकर्त्ता पर उनकी नजर पड़ गई।जो बहला-फुसलाकर प्रसव पीड़िता को निजी क्लिनिक में ले गई थी।आक्रोशित परिजनों ने आशा कार्यकर्त्ता को पकड़कर चप्पलो से उसकी धुनाई कर दी।उसके बाद पुलिस को सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और किसी तरह आक्रोशितों को शांत कराया।


Conclusion:इस मामले की जानकारी जब सिविल सर्जन को दी गई तो उन्होने बताया कि सदर अस्पताल में आशा कर्मियों की इंट्री पर रोक लगा दी गई है।फिर वह कैसे सदर अस्पताल कैंपस में आई।उन्होने अस्पताल अधीक्षक पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि आशा कर्मियों की इंट्री सदर अस्पताल के अधीक्षक के रवैया के कारण होता है।
बाइट.....डॉ. बीके सिंह....सिविल सर्जन
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.