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LNMU में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ई-कॉन्फ्रेंस का आयोजन, रसायन शास्त्र के कई विशेषज्ञ हुए शामिल - ई-कॉन्फ्रेंस का आयोजन

दरभंगा के एलएनएमयू में 'मल्टी फंक्शनल मैटेरियल्स और एनवायरनमेंट' विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ई-कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इस कॉन्फ्रेंस में कई देशों के रसायन शास्त्र के विशेषज्ञ ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए.

ई-कॉन्फ्रेंस का आयोजन
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Published : Feb 2, 2021, 12:22 PM IST

दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर रसायन शास्त्र विभाग में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ई-कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. यह कॉन्फ्रेंस 'मल्टी फंक्शनल मैटेरियल्स और एनवायरनमेंट' विषय पर आयोजित किया गया था. इस कॉन्फ्रेंस में कई देशों के रसायन शास्त्र के विशेषज्ञ ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए. साथ ही विभाग में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं और शिक्षक भी मौजूद रहे.

ये भी पढ़ें- काउंटडाउन शुरू: BJP ने फाइनल किए नाम, जल्द होगा नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार!
'रसायन शास्त्र जीवन जीने का तरीका है. यह केवल लेबोरेटरी तक सीमित नहीं है. इसका संबंध न सिर्फ पदार्थ, प्रकृति और पर्यावरण से है बल्कि यह मानवीय रिश्तों में भी गहराई से समाया हुआ है. वहीं, जब हम समाज का अध्ययन करते हैं तो यह जीवन के दर्शन शास्त्र का अध्ययन करने जैसा होता है. मस्तिष्क का अध्ययन बेहद जटिल है और यह रसायन शास्त्र के किसी केमिकल प्रयोग जैसा ही है.'- प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह, विश्वविद्यालय कुलपति

darbhanga
ई-कॉन्फ्रेंस का आयोजन

ई-कॉन्फ्रेंस का आयोजन
वहीं, इस दौरान कुलपति ने कहा कि सामाजिक-पारिवारिक रिश्तो में भी केमिस्ट्री ही है और इसे समझना बेहद जटिल है. उन्होंने कहा कि रसायन के बिना कुछ भी नहीं है. इस ई-कॉन्फ्रेंस को विश्वविद्यालय की प्रति कुलपति प्रो. डॉली सिन्हा और पीजी रसायन शास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. रतन कुमार चौधरी समेत कई लोग मौजूद रहे.

दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर रसायन शास्त्र विभाग में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ई-कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. यह कॉन्फ्रेंस 'मल्टी फंक्शनल मैटेरियल्स और एनवायरनमेंट' विषय पर आयोजित किया गया था. इस कॉन्फ्रेंस में कई देशों के रसायन शास्त्र के विशेषज्ञ ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए. साथ ही विभाग में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं और शिक्षक भी मौजूद रहे.

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'रसायन शास्त्र जीवन जीने का तरीका है. यह केवल लेबोरेटरी तक सीमित नहीं है. इसका संबंध न सिर्फ पदार्थ, प्रकृति और पर्यावरण से है बल्कि यह मानवीय रिश्तों में भी गहराई से समाया हुआ है. वहीं, जब हम समाज का अध्ययन करते हैं तो यह जीवन के दर्शन शास्त्र का अध्ययन करने जैसा होता है. मस्तिष्क का अध्ययन बेहद जटिल है और यह रसायन शास्त्र के किसी केमिकल प्रयोग जैसा ही है.'- प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह, विश्वविद्यालय कुलपति

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वहीं, इस दौरान कुलपति ने कहा कि सामाजिक-पारिवारिक रिश्तो में भी केमिस्ट्री ही है और इसे समझना बेहद जटिल है. उन्होंने कहा कि रसायन के बिना कुछ भी नहीं है. इस ई-कॉन्फ्रेंस को विश्वविद्यालय की प्रति कुलपति प्रो. डॉली सिन्हा और पीजी रसायन शास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. रतन कुमार चौधरी समेत कई लोग मौजूद रहे.

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