ETV Bharat / state

दरभंगा राज किले पर शान से लहराया तिरंगा, स्टूडेंट यूनियन्स ने किया ध्वजारोहण

मिथिला स्टूडेंट यूनियन और टीम गौरवशाली दरभंगा के युवाओं का सपना है कि स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस के मौके पर राज किले से दिल्ली की तर्ज पर झांकियां निकाली जाए.

author img

By

Published : Jan 26, 2020, 1:48 PM IST

दरभंगा राज किला
दरभंगा राज किला

दरभंगा: बिहार का लाल किला कहे जाने वाले दरभंगा राज किले पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराया गया. जहां मिथिला स्टूडेंट यूनियन और टीम गौरवशाली दरभंगा के युवाओं ने मिलकर किले पर 62 फीट ऊंचा ध्वजारोहण किया.

सरकार से उपेक्षित है राज किला
मिथिला स्टूडेंट यूनियन के गोपाल झा ने बताया कि वे लोग धरोहरों को बचाने के लिए लगातार अभियान चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये किला हमारी धरोहर है, जो कि सरकार और प्रशासन से उपेक्षित है. ऐसे में वे इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यहां बड़ा कार्यक्रम करेंगे. साथ ही, दिल्ली के राजपथ की तर्ज पर यहां से झांकी निकालेंगे.

republic day celebration on darbhanga raj kila
स्टूडेंट यूनियन्स ने दरभंगा राज किला पर फहराया तिरंगा

युवा कर रहे जागरूक
टीम गौरवशाली दरभंगा के संतोष कुमार ने कहा कि 1962 में महाराजा कामेश्वर सिंह की मृत्यु के बाद से ऐतिहासिक राज किले पर ध्वजारोहण बंद था. लेकिन वे लोग पिछले 4 साल से एक मुहिम चलाकर इस किले पर ध्वजारोहण कर रहे हैं. इसके अलावा वे लोग आम लोगों को भी धरोहर की रक्षा के लिए जागरूक करते हैं. उनका सपना है कि स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली की तर्ज पर राज किले से झांकियां निकाली जाए.

देखें रिपोर्ट

लाल किले से ऊंचा है राज किला
बता दें कि दरभंगा राज किले का निर्माण अंतिम महाराजा कामेश्वर सिंह ने 1934 से 1940 के बीच करवाया था. यह मुगल और ब्रिटिश स्थापत्य कला का मिला-जुला नमूना है. वहीं, यह दिल्ली के लाल किले से 10 फीट ज्यादा ऊंचा है. साथ ही, इसकी दीवार की लंबाई करीब एक किमी है तो चौड़ाई 500 मीटर में फैली हुई है. लोग कहते हैं कि किले के प्रवेश द्वार की झलक फतेहपुर सीकरी के बुलंद दरवाजे से मिलती है.

दरभंगा: बिहार का लाल किला कहे जाने वाले दरभंगा राज किले पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराया गया. जहां मिथिला स्टूडेंट यूनियन और टीम गौरवशाली दरभंगा के युवाओं ने मिलकर किले पर 62 फीट ऊंचा ध्वजारोहण किया.

सरकार से उपेक्षित है राज किला
मिथिला स्टूडेंट यूनियन के गोपाल झा ने बताया कि वे लोग धरोहरों को बचाने के लिए लगातार अभियान चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये किला हमारी धरोहर है, जो कि सरकार और प्रशासन से उपेक्षित है. ऐसे में वे इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यहां बड़ा कार्यक्रम करेंगे. साथ ही, दिल्ली के राजपथ की तर्ज पर यहां से झांकी निकालेंगे.

republic day celebration on darbhanga raj kila
स्टूडेंट यूनियन्स ने दरभंगा राज किला पर फहराया तिरंगा

युवा कर रहे जागरूक
टीम गौरवशाली दरभंगा के संतोष कुमार ने कहा कि 1962 में महाराजा कामेश्वर सिंह की मृत्यु के बाद से ऐतिहासिक राज किले पर ध्वजारोहण बंद था. लेकिन वे लोग पिछले 4 साल से एक मुहिम चलाकर इस किले पर ध्वजारोहण कर रहे हैं. इसके अलावा वे लोग आम लोगों को भी धरोहर की रक्षा के लिए जागरूक करते हैं. उनका सपना है कि स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली की तर्ज पर राज किले से झांकियां निकाली जाए.

देखें रिपोर्ट

लाल किले से ऊंचा है राज किला
बता दें कि दरभंगा राज किले का निर्माण अंतिम महाराजा कामेश्वर सिंह ने 1934 से 1940 के बीच करवाया था. यह मुगल और ब्रिटिश स्थापत्य कला का मिला-जुला नमूना है. वहीं, यह दिल्ली के लाल किले से 10 फीट ज्यादा ऊंचा है. साथ ही, इसकी दीवार की लंबाई करीब एक किमी है तो चौड़ाई 500 मीटर में फैली हुई है. लोग कहते हैं कि किले के प्रवेश द्वार की झलक फतेहपुर सीकरी के बुलंद दरवाजे से मिलती है.

Intro:दरभंगा। बिहार का लाल किला कहे जाने वाले दरभंगा के ऐतिहासिक राज किले पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर शान से तिरंगा फहराया। यहां 'मिथिला स्टूडेंट यूनियन' और 'टीम गौरवशाली दरभंगा' के युवाओं ने 62 फ़ीट ऊंचे किले पर ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर युवाओं का उत्साह देखते ही बनता था। ई टीवी भारत संवाददाता ने इस मौके पर कुछ युवाओं से बात की।


Body:मिथिला स्टूडेंट यूनियन के गोपाल झा ने कहा कि धरोहरों को बचाने के लिए वे लगातार अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये किला हमारी धरोहर है जो कि सरकार और प्रशासन से उपेक्षित है। उन्होंने ऐलान किया कि अगले स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यहां वे लोग बड़ा कार्यक्रम करेंगे और दिल्ली के राजपथ की तर्ज़ पर यहां भी झांकी निकाली जाएगी।

वहीं टीम गौरवशाली दरभंगा के संतोष कुमार ने कहा कि 1962 में महाराजा कामेश्वर सिंह की मृत्यु के बाद से ऐतिहासिक राज किले पर ध्वजारोहण बंद था। वे लोग पिछले चार साल से मुहिम चलाकर इस किले पर ध्वजारोहण करते हैं। वे लोग सरकार, प्रशासन और आम लोगों को धरोहर की रक्षा के लिए जागरूक करते हैं। उनका सपना है कि दिल्ली की तर्ज़ पर दरभंगा के राजपथ और जनपथ पर भी बड़े समारोह आयोजित हों।


Conclusion:बता दें कि दरभंगा राज किला का निर्माण अंतिम महाराजा कामेश्वर सिंह ने 1934 से 1940 के बीच करवाया था। यह मुगल और ब्रिटिश स्थापत्य कला का मिला-जुला बेजोड़ नमूना है। यह दिल्ली के लालकिले 52 फ़ीट से भी 10 फ़ीट ऊंचा 62 फ़ीट है। इसकी दीवार करीब एक किमी लंबाई और 500 मीटर चौड़ाई में फैली है। इस किले के प्रवेश द्वार में फतेहपुर सीकरी के बुलंद दरवाजे की झलक मिलती है।

बाइट 1- गोपाल झा, मिथिला स्टूडेंट यूनियन.
बाइट 2- संतोष कुमार, टीम गौरवशाली दरभंगा.

walkthrough के साथ
-------------------------------
विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.