दरभंगा: बिहार का लाल किला कहे जाने वाले दरभंगा राज किले पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराया गया. जहां मिथिला स्टूडेंट यूनियन और टीम गौरवशाली दरभंगा के युवाओं ने मिलकर किले पर 62 फीट ऊंचा ध्वजारोहण किया.
सरकार से उपेक्षित है राज किला
मिथिला स्टूडेंट यूनियन के गोपाल झा ने बताया कि वे लोग धरोहरों को बचाने के लिए लगातार अभियान चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये किला हमारी धरोहर है, जो कि सरकार और प्रशासन से उपेक्षित है. ऐसे में वे इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यहां बड़ा कार्यक्रम करेंगे. साथ ही, दिल्ली के राजपथ की तर्ज पर यहां से झांकी निकालेंगे.
युवा कर रहे जागरूक
टीम गौरवशाली दरभंगा के संतोष कुमार ने कहा कि 1962 में महाराजा कामेश्वर सिंह की मृत्यु के बाद से ऐतिहासिक राज किले पर ध्वजारोहण बंद था. लेकिन वे लोग पिछले 4 साल से एक मुहिम चलाकर इस किले पर ध्वजारोहण कर रहे हैं. इसके अलावा वे लोग आम लोगों को भी धरोहर की रक्षा के लिए जागरूक करते हैं. उनका सपना है कि स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली की तर्ज पर राज किले से झांकियां निकाली जाए.
लाल किले से ऊंचा है राज किला
बता दें कि दरभंगा राज किले का निर्माण अंतिम महाराजा कामेश्वर सिंह ने 1934 से 1940 के बीच करवाया था. यह मुगल और ब्रिटिश स्थापत्य कला का मिला-जुला नमूना है. वहीं, यह दिल्ली के लाल किले से 10 फीट ज्यादा ऊंचा है. साथ ही, इसकी दीवार की लंबाई करीब एक किमी है तो चौड़ाई 500 मीटर में फैली हुई है. लोग कहते हैं कि किले के प्रवेश द्वार की झलक फतेहपुर सीकरी के बुलंद दरवाजे से मिलती है.