दरभंगाः भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (LNMU Darbhanga) के कुलपति और रजिस्ट्रार की बर्खास्तगी की मांग (Demand for dismissal of VC and Registrar) को लेकर विश्वविद्यालय के कई छात्र संगठन एकजुट हो गए हैं. इसके लिए आगामी 1 दिसंबर से विश्वविद्यालय मुख्यालय दरभंगा में छात्र संगठनों का आंदोलन होगा. इसकी घोषणा शनिवार को छात्र नेताओं ने की. जहां आइसा, एआईएसएफ और छात्र जन अधिकार परिषद के प्रतिनिधि मौजूद रहे.
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आइसा के पूर्व राज्य सचिव संदीप कुमार चौधरी ने कहा कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति और रजिस्ट्रार के भ्रष्टाचार के कई कारनामे उजागर हुए हैं. कुलपति ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के अलावा दूसरे विश्वविद्यालयों का प्रभारी कुलपति रहते हुए भी वहां किताब खरीद, कॉपी जांच और टेंडर मामले में घोटाले करके बिहार को बदनाम किया है. उन्होंने कहा कि बिहार की उच्च शिक्षा को चौपट करने का खेल लगातार राज्य में चल रहा है. जिसे राजभवन और शिक्षा विभाग का संरक्षण प्राप्त है.
संदीप चौधरी ने कहा कि इसके खिलाफ छात्र लगातार आंदोलन कर रहे हैं. एकजुट होकर मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव की बर्खास्तगी की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि कई छात्र संगठनों ने मिलकर संयुक्त रूप से 'कुलपति-कुलसचिव भगाओ उच्च शिक्षा विश्वविद्यालय बचाओ' अभियान शुरू किया है. आगामी 1 दिसंबर को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में कुलपति और कुलसचिव की बर्खास्तगी की मांग को लेकर आंदोलन किया जाएगा. जिसमें विश्वविद्यालय के सभी छात्र संगठनों और कर्मचारी संगठनों को आमंत्रित किया जा रहा है.
वहीं, छात्र जन अधिकार परिषद के प्रदेश प्रवक्ता दीपक झा ने कहा कि बिहार के विश्वविद्यालयों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक विश्वविद्यालय के वीसी को चार-चार यूनिवर्सिटी के कुलपतियों का प्रभार दे दिया गया. उन्होंने कहा कि एक ही प्रदेश से बिहार के चांसलर और कई विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर हैं. बिहार की उच्च शिक्षा को लूटने का एक गिरोह चल रहा है. वे न्यायालय से मांग करते हैं कि ऐसे गंभीर मामले में स्वतः संज्ञान ले और विश्वविद्यालय में ऐसे उच्च पदों पर बैठे भ्रष्ट लोगों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाए.
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बता दें कि हाल ही में मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति मो. कुद्दूस ने राजभवन और शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो. एसपी सिंह पर कॉपी जांच और टेंडर के मामले में लाखों रुपये के गबन का आरोप लगाया था. दरअसल प्रो. एसपी सिंह मूल रूप से ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के कुलपति हैं.
प्रो. एसपी सिंह को एक समय में राजभवन ने बिहार के 4 विश्वविद्यालयों, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय और आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय का कुलपति बना दिया था. इसके अलावा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. मुश्ताक अहमद पर पहले से गबन के कई मामलों में एफआईआर दर्ज है. इसको लेकर विश्वविद्यालय के छात्र आंदोलन करने जा रहे हैं और कुलपति और रजिस्ट्रार की बर्खास्तगी की लगातार मांग कर रहे हैं.
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