ETV Bharat / state

भारत का सबसे बड़ा अनाथालय है बदहाल, लंबी लड़ाई के बाद दिन बहुरने की उम्मीद

कामेश्वरी प्रिया पुअर होम की स्थापना महाराजा कामेश्वर सिंह ने अपनी पत्नी महारानी कामेश्वरी प्रिया के असामयिक निधन के बाद उनकी याद में की थी. महाराजा के निधन वर्ष 1962 तक ये अनाथालय एशिया का दूसरा और भारत का सबसे बड़ा अनाथालय रहा.

बिहार की विरासत
बिहार की विरासत
author img

By

Published : Jan 10, 2020, 1:09 PM IST

दरभंगा: बिहार की विरासत राज दरभंगा का कामेश्वरी प्रिया पुअर होम एशिया का दूसरा और भारत के सबसे बड़े अनाथालयों में से एक है. 35 सालों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे इस अनाथालय के लिए एक अच्छी खबर सामने आयी है. सरकार ने इसके पुनरुद्धार के निर्देश दिये हैं.

मुख्य द्वार में वर्षों से नहीं हुआ रंग
मुख्य द्वार पर वर्षों से नहीं हुआ रंग

अनाथों को सहारा देने वाला प्रिया पुअर होम 35 सालों से खुद अनाथ बना हुआ था. सन् 1940 में 5 एकड़ की जमीन पर बना ये अनाथालय जर्जर हो चला है. हालात ये है कि यहां एक भी अनाथ नहीं रह रहा है और इसकी देखरेख करने वाला भी कोई नहीं है. लोगों ने इसके भीतर के कमरों और बाहरी परिसर में अवैध कब्जा जमा लिया है. एक स्वयंसेवी संगठन मानव सेवा समिति ने इसके पुनरुद्धार के लिए राज्य मानवाधिकार आयोग और पटना हाईकोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी.

5 एकड़ में फैला है अनाथालय
5 एकड़ में फैला है अनाथालय

महाराजा कामेश्वर सिंह ने कराया था निर्माण
मानव सेवा समिति के सदस्य उज्ज्वल कुमार ने बताया कि कामेश्वरी प्रिया पुअर होम की स्थापना महाराजा कामेश्वर सिंह ने अपनी पत्नी महारानी कामेश्वरी प्रिया के असामयिक निधन के बाद उनकी याद में की थी. महाराजा के निधन वर्ष 1962 तक यह अनाथालय एशिया का दूसरा और भारत का सबसे बड़ा अनाथालय रहा. महाराजा ने इसे प्रचूर चल और अचल संपत्ति दान में दी थी. इससे यहां अनाथों के रहने, खाने-पीने, पढ़ाई और उनके लिए रोजगार की व्यवस्था की गई.

अनाथों को सहारा देने को बेताब है अनाथालय
अनाथों को सहारा देने को बेताब है अनाथालय

अब बदलेगी तस्वीर
बाद में धीरे-धीरे इसका अवसान शुरू हो गया. हालत ये है कि पिछले 35 साल से यहां कोई अनाथ नहीं रहता. अब इस अनाथालय के भीतर और बाहर अवैध कब्जा है. इसके चलते मानव सेवा समिति ने इसके पुनरुद्धार के लिए राज्य मानवाधिकार आयोग और पटना हाई कोर्ट में लड़ाई लड़ी है. अब उनके पक्ष में फैसला आया है और सरकार से इस अनाथालय के उद्धार का निर्देश मिल चुका है.

दरभंगा से खास रिपोर्ट

लौटेगी पुरानी गरिमा
वहीं, बिहार सरकार के सामाजिक सुरक्षा विभाग के सहायक निदेशक रवि शंकर तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश के बाद पुअर होम के पुनरुद्धार की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. अगले दो-तीन महीनों में यहां से अतिक्रमण और अवैध कब्जा हटा दिया जाएगा. वे पुअर होम की पुरानी गरिमा लौटाने की पूरी कोशिश करेंगे.

दरभंगा: बिहार की विरासत राज दरभंगा का कामेश्वरी प्रिया पुअर होम एशिया का दूसरा और भारत के सबसे बड़े अनाथालयों में से एक है. 35 सालों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे इस अनाथालय के लिए एक अच्छी खबर सामने आयी है. सरकार ने इसके पुनरुद्धार के निर्देश दिये हैं.

मुख्य द्वार में वर्षों से नहीं हुआ रंग
मुख्य द्वार पर वर्षों से नहीं हुआ रंग

अनाथों को सहारा देने वाला प्रिया पुअर होम 35 सालों से खुद अनाथ बना हुआ था. सन् 1940 में 5 एकड़ की जमीन पर बना ये अनाथालय जर्जर हो चला है. हालात ये है कि यहां एक भी अनाथ नहीं रह रहा है और इसकी देखरेख करने वाला भी कोई नहीं है. लोगों ने इसके भीतर के कमरों और बाहरी परिसर में अवैध कब्जा जमा लिया है. एक स्वयंसेवी संगठन मानव सेवा समिति ने इसके पुनरुद्धार के लिए राज्य मानवाधिकार आयोग और पटना हाईकोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी.

5 एकड़ में फैला है अनाथालय
5 एकड़ में फैला है अनाथालय

महाराजा कामेश्वर सिंह ने कराया था निर्माण
मानव सेवा समिति के सदस्य उज्ज्वल कुमार ने बताया कि कामेश्वरी प्रिया पुअर होम की स्थापना महाराजा कामेश्वर सिंह ने अपनी पत्नी महारानी कामेश्वरी प्रिया के असामयिक निधन के बाद उनकी याद में की थी. महाराजा के निधन वर्ष 1962 तक यह अनाथालय एशिया का दूसरा और भारत का सबसे बड़ा अनाथालय रहा. महाराजा ने इसे प्रचूर चल और अचल संपत्ति दान में दी थी. इससे यहां अनाथों के रहने, खाने-पीने, पढ़ाई और उनके लिए रोजगार की व्यवस्था की गई.

अनाथों को सहारा देने को बेताब है अनाथालय
अनाथों को सहारा देने को बेताब है अनाथालय

अब बदलेगी तस्वीर
बाद में धीरे-धीरे इसका अवसान शुरू हो गया. हालत ये है कि पिछले 35 साल से यहां कोई अनाथ नहीं रहता. अब इस अनाथालय के भीतर और बाहर अवैध कब्जा है. इसके चलते मानव सेवा समिति ने इसके पुनरुद्धार के लिए राज्य मानवाधिकार आयोग और पटना हाई कोर्ट में लड़ाई लड़ी है. अब उनके पक्ष में फैसला आया है और सरकार से इस अनाथालय के उद्धार का निर्देश मिल चुका है.

दरभंगा से खास रिपोर्ट

लौटेगी पुरानी गरिमा
वहीं, बिहार सरकार के सामाजिक सुरक्षा विभाग के सहायक निदेशक रवि शंकर तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश के बाद पुअर होम के पुनरुद्धार की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. अगले दो-तीन महीनों में यहां से अतिक्रमण और अवैध कब्जा हटा दिया जाएगा. वे पुअर होम की पुरानी गरिमा लौटाने की पूरी कोशिश करेंगे.

Intro:दरभंगा। 1940 में 5 एकड़ में स्थापित एशिया का दूसरा और भारत का सबसे बड़ा अनाथालय रहा दरभंगा का कामेश्वरी प्रिया पुअर होम अब बेहद खराब स्थिति में है। पिछले 35 साल से यहां एक भी अनाथ नहीं रहता। लोगों ने इसके भीतर के कमरों और बाहरी परिसर में अवैध कब्जा जमा लिया है। एक स्वयंसेवी संगठन मानव सेवा समिति ने इसके पुनरुद्धार के लिए राज्य मानवाधिकार आयोग और पटना हाई कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी। अब उनकी पहल रंग लाई है। सरकार ने इसके पुनरुद्धार के निर्देश दिए हैं।


Body:मानव सेवा समिति के सदस्य उज्ज्वल कुमार ने बताया कि कामेश्वरी प्रिया पुअर होम की स्थापना महाराजा कामेश्वर सिंह ने अपनी पत्नी महारानी कामेश्वरी प्रिया के असामयिक निधन के बाद उनकी याद में की थी। महाराजा के निधन वर्ष 1962 तक यह अनाथालय एशिया का दूसरा और भारत का सबसे बड़ा अनाथालय रहा। महाराजा ने इसे प्रचूर चल और अचल संपत्ति दान में दी थी। इससे यहां अनाथों के रहने, खाने-पीने, पढ़ाई और उनके लिए रोज़गार की व्यवस्था थी। बाद में धीरे-धीरे इसका अवसान शुरू हो गया। हालत ये है कि पिछले 35 साल से यहां कोई अनाथ नहीं रहता। अब इस अनाथालय के भीतर और बाहर अवैध कब्जा है। उन लोगों ने इसके पुनरुद्धार के लिए राज्य मानवाधिकार आयोग और पटना हाई कोर्ट में लड़ाई लड़ी है। अब उनके पक्ष में फैसला आया है और सरकार से इस अनाथालय के उद्धार का निर्देश मिल चुका है।


Conclusion:वहीं, बिहार सरकार के सामाजिक सुरक्षा विभाग के सहायक निदेशक रवि शंकर तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश के बाद पुअर होम के पुनरुद्धार की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अगले दो-तीन महीनों में यहां से अतिक्रमण और अवैध कब्जा हटा दिया जाएगा। वे पुअर होम की पुरानी गरिमा लौटाने की पूरी कोशिश करेंगे।

बाइट 1- उज्ज्वल कुमार, सदस्य, मानव सेवा समिति.
बाइट 2- रवि शंकर तिवारी, सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा.

विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.