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दरभंगा: रेलवे कर्मचारियों की छटनी और निजीकरण को लेकर किया गया प्रदर्शन - दरभंगा खबर

जिले में ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारियों ने कईं मांगों के लेकर प्रदर्शन किया. इसके साथ ही कर्मचारियों ने बाइक जुलूस निकालकर जमकर नारेबाजी की. इस दौरान ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के सेंट्रल वाइस प्रेसिडेंट बीसी मिश्रा ने कहा कि भारत सरकार लगातार रेल कर्मियों के विरोध में कदम उठा रही है.

railway employee protest against retrenchment and privatization of employees
रेलवे कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
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Published : Sep 21, 2020, 6:40 AM IST

दरभंगा: जिले में रविवार को ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन ने प्रदर्शन किया. रेलवे में लगातार हो रही कर्मियों की छंटनी, नई बहाली पर रोक, वेतन कटौती और रेलवे के निजीकरण के समेत कई मुद्दों को लेकर स्टेशन पर प्रदर्शन किया गया. कर्मियों ने स्टेशन परिसर से एक बाइक जुलूस निकाला और भारत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
रेलवे का निजीकरण
ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के सेंट्रल वाइस प्रेसिडेंट बीसी मिश्रा ने कहा कि भारत सरकार लगातार रेल कर्मियों के विरोध में कदम उठा रही है. सरकार रेलवे का निजीकरण करने की दिशा में कदम बढ़ा चुकी है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की लगातार छंटनी की जा रही है. उनके वेतन में कटौती की जा रही है. सरकार निजी ट्रेने चला कर निजी कंपनियों को मनमानी करने की छूट दे रही है. उन्होंने कहा कि कर्मचारी यूनियन सरकार के इस कदम का लगातार विरोध कर रहे हैं. ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की ओर से सरकार के इस कदम का विरोध करने के लिए 14-19 सितंबर एक सप्ताह तक कई तरह के विरोध-प्रदर्शन किए गए. बीसी मिश्रा ने कहा कि वे आगे भी सरकार के इन गलत कदमों का विरोध करते रहेंगे.

railway employee protest against retrenchment and privatization of employees
रेलवे कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
नई नियुक्तियां बंद भारत में हाल के दिनों में कई निजी ट्रेने चलाने के साथ-साथ कई प्रमुख स्टेशनों के संचालन की जिम्मेदारी निजी हाथों में दे दी गई है. भारत सरकार ने कोरोना के बहाने रेलवे में नई नियुक्तियां बंद कर रखी हैं. इससे रेलवे में रोजगार घट रहा है, जबकि निजी कंपनियों की दखल बढ़ रही है. इसे लेकर कर्मचारी संगठन इसी कदम का विरोध कर रहे हैं.

दरभंगा: जिले में रविवार को ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन ने प्रदर्शन किया. रेलवे में लगातार हो रही कर्मियों की छंटनी, नई बहाली पर रोक, वेतन कटौती और रेलवे के निजीकरण के समेत कई मुद्दों को लेकर स्टेशन पर प्रदर्शन किया गया. कर्मियों ने स्टेशन परिसर से एक बाइक जुलूस निकाला और भारत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
रेलवे का निजीकरण
ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के सेंट्रल वाइस प्रेसिडेंट बीसी मिश्रा ने कहा कि भारत सरकार लगातार रेल कर्मियों के विरोध में कदम उठा रही है. सरकार रेलवे का निजीकरण करने की दिशा में कदम बढ़ा चुकी है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की लगातार छंटनी की जा रही है. उनके वेतन में कटौती की जा रही है. सरकार निजी ट्रेने चला कर निजी कंपनियों को मनमानी करने की छूट दे रही है. उन्होंने कहा कि कर्मचारी यूनियन सरकार के इस कदम का लगातार विरोध कर रहे हैं. ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की ओर से सरकार के इस कदम का विरोध करने के लिए 14-19 सितंबर एक सप्ताह तक कई तरह के विरोध-प्रदर्शन किए गए. बीसी मिश्रा ने कहा कि वे आगे भी सरकार के इन गलत कदमों का विरोध करते रहेंगे.

railway employee protest against retrenchment and privatization of employees
रेलवे कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
नई नियुक्तियां बंद भारत में हाल के दिनों में कई निजी ट्रेने चलाने के साथ-साथ कई प्रमुख स्टेशनों के संचालन की जिम्मेदारी निजी हाथों में दे दी गई है. भारत सरकार ने कोरोना के बहाने रेलवे में नई नियुक्तियां बंद कर रखी हैं. इससे रेलवे में रोजगार घट रहा है, जबकि निजी कंपनियों की दखल बढ़ रही है. इसे लेकर कर्मचारी संगठन इसी कदम का विरोध कर रहे हैं.
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