दरभंगा: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाने के लिए शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक जोर-शोर से तैयारी चल रही है. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. शहर से लेकर गांव तक पूजा को लेकर जगह-जगह पंडाल और अन्य आकर्षक सजावट की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
15 सौ रुपये तक हो गई है कीमत
कृष्ण की मूर्ति खरीदने पहुंचे एक श्रद्धालु ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल मूर्ति के बाजार में ग्राहकों की भीड़ में कमी आई है. इस बार बाजारों में सभी चीजों की कीमतों में उछाल आया है. पिछले साल जिस मूर्ति की कीमत एक हजार रुपये थी. इस साल उसी मूर्ति की कीमत 15 सौ रुपये हो गई है. वहीं, दूसरी तरफ महंगाई के बावजूद भी लोग पूरे दिन पूजन सामग्री और भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति की खरीदारी में जुटे दिखे.
बढ़ी कीमत के चलते सजावट में कमी
मूर्ति कलाकार भी कृष्ण की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हुए है. खरीदार अपनी पंसद और बजट के अनुसार प्रतिमा खरीद रहे हैं. इस वर्ष भी कलाकारों ने पांच सौ रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तक की मूर्ति का निर्माण किया है. बाजारों में बढ़ी कीमत के चलते सजावट में कमी आ रही है.
मूर्तिकारों को नहीं मिल पाता वाजिब दाम
मूर्ति कलाकार मोहन कुमार पंडित की माने तो एक मूर्ति बनाने में 5 से 7 दिन का समय लग जाता है. जबकि अब शहर में ना तो मिट्टी मिलता है ना ही बांस. ग्रामीण इलाकों से सामानों को जुटाकर हम कलाकार मूर्ति निर्माण करते हैं, लेकिन हमें उसका उचित मेहनताना भी नहीं मिल पाता है.