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शहर से लेकर गांव तक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम, महंगाई भी डाल रही असर

कलाकार श्री कृष्ण की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. खरीदार अपनी पसंद और बजट के अनुसार प्रतिमा खरीद रहे हैं. इस वर्ष भी कलाकारों ने पांच सौ रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तक की मूर्ति का निर्माण किया है. हालांकि बाजारों में बढ़ी कीमत के चलते सजावट में कमी आ रही है.

श्री कृष्ण की प्रतिमा
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Published : Aug 24, 2019, 3:18 PM IST

दरभंगा: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाने के लिए शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक जोर-शोर से तैयारी चल रही है. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. शहर से लेकर गांव तक पूजा को लेकर जगह-जगह पंडाल और अन्य आकर्षक सजावट की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

darbhnga
श्री कृष्ण की प्रतिमा को अंतिम रूप देता मूर्तिकार

15 सौ रुपये तक हो गई है कीमत
कृष्ण की मूर्ति खरीदने पहुंचे एक श्रद्धालु ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल मूर्ति के बाजार में ग्राहकों की भीड़ में कमी आई है. इस बार बाजारों में सभी चीजों की कीमतों में उछाल आया है. पिछले साल जिस मूर्ति की कीमत एक हजार रुपये थी. इस साल उसी मूर्ति की कीमत 15 सौ रुपये हो गई है. वहीं, दूसरी तरफ महंगाई के बावजूद भी लोग पूरे दिन पूजन सामग्री और भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति की खरीदारी में जुटे दिखे.

शहर से लेकर गांव तक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की मची है धूम

बढ़ी कीमत के चलते सजावट में कमी
मूर्ति कलाकार भी कृष्ण की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हुए है. खरीदार अपनी पंसद और बजट के अनुसार प्रतिमा खरीद रहे हैं. इस वर्ष भी कलाकारों ने पांच सौ रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तक की मूर्ति का निर्माण किया है. बाजारों में बढ़ी कीमत के चलते सजावट में कमी आ रही है.

मूर्तिकारों को नहीं मिल पाता वाजिब दाम
मूर्ति कलाकार मोहन कुमार पंडित की माने तो एक मूर्ति बनाने में 5 से 7 दिन का समय लग जाता है. जबकि अब शहर में ना तो मिट्टी मिलता है ना ही बांस. ग्रामीण इलाकों से सामानों को जुटाकर हम कलाकार मूर्ति निर्माण करते हैं, लेकिन हमें उसका उचित मेहनताना भी नहीं मिल पाता है.

दरभंगा: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाने के लिए शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक जोर-शोर से तैयारी चल रही है. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. शहर से लेकर गांव तक पूजा को लेकर जगह-जगह पंडाल और अन्य आकर्षक सजावट की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

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श्री कृष्ण की प्रतिमा को अंतिम रूप देता मूर्तिकार

15 सौ रुपये तक हो गई है कीमत
कृष्ण की मूर्ति खरीदने पहुंचे एक श्रद्धालु ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल मूर्ति के बाजार में ग्राहकों की भीड़ में कमी आई है. इस बार बाजारों में सभी चीजों की कीमतों में उछाल आया है. पिछले साल जिस मूर्ति की कीमत एक हजार रुपये थी. इस साल उसी मूर्ति की कीमत 15 सौ रुपये हो गई है. वहीं, दूसरी तरफ महंगाई के बावजूद भी लोग पूरे दिन पूजन सामग्री और भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति की खरीदारी में जुटे दिखे.

शहर से लेकर गांव तक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की मची है धूम

बढ़ी कीमत के चलते सजावट में कमी
मूर्ति कलाकार भी कृष्ण की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हुए है. खरीदार अपनी पंसद और बजट के अनुसार प्रतिमा खरीद रहे हैं. इस वर्ष भी कलाकारों ने पांच सौ रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तक की मूर्ति का निर्माण किया है. बाजारों में बढ़ी कीमत के चलते सजावट में कमी आ रही है.

मूर्तिकारों को नहीं मिल पाता वाजिब दाम
मूर्ति कलाकार मोहन कुमार पंडित की माने तो एक मूर्ति बनाने में 5 से 7 दिन का समय लग जाता है. जबकि अब शहर में ना तो मिट्टी मिलता है ना ही बांस. ग्रामीण इलाकों से सामानों को जुटाकर हम कलाकार मूर्ति निर्माण करते हैं, लेकिन हमें उसका उचित मेहनताना भी नहीं मिल पाता है.

Intro:श्री हरि विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्मदिन का उत्सव मनाने के लिए शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों के कई हिस्सों में जोर शोर से तैयारी हो रही है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादो मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। जिसको लेकर जिले में भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारी जोरों पर चल रही है हर तरफ भगवान श्री कृष्ण की धूम मची हुई है। शहर से लेकर गांव तक पूजा को लेकर जगह-जगह पंडाल व अन्य आकर्षक सजावट की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।





Body:वहीं कृष्ण की मूर्ति खरीदारी करने पहुंचे आशीष आनंद ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल मूर्ति की बाजार में ग्राहकों की भीड़ में कमी आई है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस बार बाजारों में सभी चीजों की कीमतों में उछाल आया है। वही उन्होंने कहा कि पिछले साल जिस मूर्ति की कीमत एक हजार रुपया थी, इस वर्ष उस मूर्ति की कीमत 15 सौ रुपया में मिल रहा है। बाजारों में बढ़ी कीमत के चलते हमलोगों सजावट में कटौती की है। वहीं दूसरे तरफ पूरे दिन लोग पूजन सामग्री व भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति की खरीदारी में जुटे दिखे।



Conclusion:वही मूर्ति कलाकार भी कृष्ण की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हुए है और ख़रीदार अपनी पंसद व बजट के अनुसार प्रतिमा को खरीद के ले जा रहे है। इस वर्ष भी कलाकारों ने पांच सौ रुपया से लेकर तीन हजार रुपया तक की मूर्ति का निर्माण किया है। वही मूर्ति कलाकार मोहन कुमार पंडित की माने तो एक मूर्ति बनाने में 5 से 7 दिन का समय लग जाता हैं। जबकि अब शहर में ना तो मिट्टी मिलता है ना ही बांस इत्यादि। ग्रामीण इलाकों से सामानों को जुटाकर हम कलाकार मूर्ति निर्माण करते हैं और हमलोगों को उचित मेहनताना भी नहीं मिल पाता है।

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आशीष आनंद, भक्त
मोहन कुमार पंडित, कुंभकार
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