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केवटी विधानसभा क्षेत्र में तीसरे चरण के मतदान की तैयारी, मैदान में कई नये चेहरे

बिहार विधानसभा के तीसरे चरण में दरभंगा के केवटी विधानसभा सीटों के लिए मतदान होने वालाा है. मतदान के समय पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े इंतजाम किये जा रहे हैं.

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Published : Nov 5, 2020, 7:44 PM IST

दरभंगा(केवटी): जिले के 10 विधानसभा क्षेत्रों में से केवटी विधानसभा क्षेत्र मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में आता है. इस विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं की प्रबल इच्छा थी कि विधानसभा क्षेत्र के ही विधायक हो. जिनसे आम लोग अपनी समस्या कह सकें. लेकिन इस विधानसभा चुनाव में भी मतदाताओं और क्षेत्र के लोगों की यह इच्छा पूरी होती नहीं दिख रही है. केवटी के लोग केवटी के बेटे को विधायक के रुप में देखना चाहते हैं. लेकिन सभी बड़े राजनीतिक दलों ने क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं-नेताओं की अनदेखी कर बाहरी लोगों को टिकट देकर चुनावी जंग में भेज दिया है. कई चेहरे तो यहां के लिए पूरी तरह अनजान हैं जिनकी केवटी के किसी भी भाग में कोई खास पहचान तक नहीं है.

केवटी विधानसभा में त्रिकोणीय मुकाबला
शुरुआत में यहां से राजद गठबंधन के वीआईपी के प्रत्याशी को उतारे जाने की बात पक्की हो गई थी. लेकिन अंतिम क्षण में पार्टी के आंतरिक मामलों को लेकर यहां से भाजपा प्रत्याशी के रूप में डॉ मुरारी मोहन झा को उतारा गया. फिर महागठबंधन ने राजद के कद्दावर नेता अब्दुलबारी सिद्दिकी को उतारकर चुनावी दंगल को दिलचस्प बना दिया है. इस सीट के लिए पिछले कई विधानसभा चुनाव से भाजपा प्रत्याशी डॉ. अशोक कुमार यादव और राजद प्रत्याशी डॉ. फराज फातमी के बीच द्वंद चलता रहा है. इस सीट पर डॉ. अशोक कुमार यादव लगातार तीन बार काबिज रहे. पिछले विधानसभा चुनाव में राजद प्रत्याशी डॉ. फराज फातमी से महज 6700 से भाजपा प्रत्याशी चुनाव हार गए थे. लेकिन इस विधानसभा चुनाव में डॉ. फातमी भी महागठबंधन का दामन छोड़कर जदयू के टिकट पर दरभंगा ग्रामीण से चुनाव लड़ रहे हैं.

कई दिग्गज के बीच है टक्कर
वहीं, इनके दल बदलने से रिक्त पड़े इस विधानसभा क्षेत्र में अब तक के आकलन के अनुसार भाजपा प्रत्याशी डॉ. मुरारी मोहन झा और राजद प्रत्याशी अब्दुलबारी सिद्दिकी के बीच सीधी टक्कर होती दिख रही है. लेकिन केवटी से स्थानीय जिला परिषद सदस्य समीउल्लाह खां उर्फ शमीम जन अधिकार पार्टी का टिकट लेकर और अपनी जोरदार उपस्थिति और पहचान के बल पर लड़ाई को त्रिकोणीय बना रहे हैं. वहीं, राष्ट्रीयवादी कांग्रेस पार्टी के चांदबाबू रहमान और बड़ी संख्या में स्थानीय निर्दलीय प्रत्याशी के नामांकन से भी बड़ी राजनीतिक दलों को नुकसान की संभावना दिख रही है.

चुनावी मैदान में 15 प्रत्याशी
बता दें कि विधानसभा क्षेत्र से कुल 19 लोगों ने नामांकन कराया था. स्क्रूटनी के बाद बचे लोगों में राष्ट्रवादी जनशक्ति पार्टी के प्रो. मधुरंजन प्रसाद, निर्दलीय दीपक कुमार झा, प्रियंका झा, संजीव कुमार हिमांशु, मणिकांत मणी, भोला साहू, प्लुरलस के माधव चौधरी सहित कुल 15 लोग चुनावी मैदान में हैं. सभी लोग चुनाव जीतने का दावा कर रहे हैं. विधानसभा क्षेत्र में केवटी के 26 और सिंहवाड़ा के 12 पंचायतों को शामिल किया गया है. विधानसभा क्षेत्र में कुल पुरूष 151558, महिला 131870 और थर्ड जेंडर 11, कुल 283439 मतदाता आगामी 7 नवंबर 2020 को इनके भाग्य का फैसला कुल 413 बूथों पर करेंगे. बीडीओ सह सहायक निर्वाची अधिकारी महताब अंसारी ने बताया कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से खिरमा हाईस्कूल परिसर में 90 एसएसबी के जवानों को ठहराया गया है.

केवटी से कब कौन जीते

  • 1977 दुर्गादास राठौर- जनता पार्टी
  • 1980 शमयले नबी- कांग्रेस
  • 1985 कलीम अहमद- कांग्रेस
  • 1990 गुलाम सरवर- जनता दल
  • 1995 गुलाम सरवर- जनता दल
  • 2000 गुलाम सरवर- राष्ट्रीय जनता दल
  • 2005 डॉ. अशोक कुमार यादव- भारतीय जनता पार्टी
  • 2005 अशोक कुमार यादव- भारतीय जनता पार्टी
  • 2010 डॉ. अशोक कुमार यादव- भारतीय जनता पार्टी
  • 2015 डॉ. फराज फातमी- राष्ट्रीय जनता दल

विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न भागों में स्थानीय पुलिस के साथ एसएसबी के जवानों ने मतदाताओं को जागरूक और निर्भीक मतदान करने के लिए फ्लैगमार्च किया है. संवेदनशील बरही, छतवन, असराहा, मलिया टोल, लालगंज, लहवार, बग्घा, कोठिया गांव के सभी बूथों को अतिसंवेदनशील घोषित कर दिया गया है.

दरभंगा(केवटी): जिले के 10 विधानसभा क्षेत्रों में से केवटी विधानसभा क्षेत्र मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में आता है. इस विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं की प्रबल इच्छा थी कि विधानसभा क्षेत्र के ही विधायक हो. जिनसे आम लोग अपनी समस्या कह सकें. लेकिन इस विधानसभा चुनाव में भी मतदाताओं और क्षेत्र के लोगों की यह इच्छा पूरी होती नहीं दिख रही है. केवटी के लोग केवटी के बेटे को विधायक के रुप में देखना चाहते हैं. लेकिन सभी बड़े राजनीतिक दलों ने क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं-नेताओं की अनदेखी कर बाहरी लोगों को टिकट देकर चुनावी जंग में भेज दिया है. कई चेहरे तो यहां के लिए पूरी तरह अनजान हैं जिनकी केवटी के किसी भी भाग में कोई खास पहचान तक नहीं है.

केवटी विधानसभा में त्रिकोणीय मुकाबला
शुरुआत में यहां से राजद गठबंधन के वीआईपी के प्रत्याशी को उतारे जाने की बात पक्की हो गई थी. लेकिन अंतिम क्षण में पार्टी के आंतरिक मामलों को लेकर यहां से भाजपा प्रत्याशी के रूप में डॉ मुरारी मोहन झा को उतारा गया. फिर महागठबंधन ने राजद के कद्दावर नेता अब्दुलबारी सिद्दिकी को उतारकर चुनावी दंगल को दिलचस्प बना दिया है. इस सीट के लिए पिछले कई विधानसभा चुनाव से भाजपा प्रत्याशी डॉ. अशोक कुमार यादव और राजद प्रत्याशी डॉ. फराज फातमी के बीच द्वंद चलता रहा है. इस सीट पर डॉ. अशोक कुमार यादव लगातार तीन बार काबिज रहे. पिछले विधानसभा चुनाव में राजद प्रत्याशी डॉ. फराज फातमी से महज 6700 से भाजपा प्रत्याशी चुनाव हार गए थे. लेकिन इस विधानसभा चुनाव में डॉ. फातमी भी महागठबंधन का दामन छोड़कर जदयू के टिकट पर दरभंगा ग्रामीण से चुनाव लड़ रहे हैं.

कई दिग्गज के बीच है टक्कर
वहीं, इनके दल बदलने से रिक्त पड़े इस विधानसभा क्षेत्र में अब तक के आकलन के अनुसार भाजपा प्रत्याशी डॉ. मुरारी मोहन झा और राजद प्रत्याशी अब्दुलबारी सिद्दिकी के बीच सीधी टक्कर होती दिख रही है. लेकिन केवटी से स्थानीय जिला परिषद सदस्य समीउल्लाह खां उर्फ शमीम जन अधिकार पार्टी का टिकट लेकर और अपनी जोरदार उपस्थिति और पहचान के बल पर लड़ाई को त्रिकोणीय बना रहे हैं. वहीं, राष्ट्रीयवादी कांग्रेस पार्टी के चांदबाबू रहमान और बड़ी संख्या में स्थानीय निर्दलीय प्रत्याशी के नामांकन से भी बड़ी राजनीतिक दलों को नुकसान की संभावना दिख रही है.

चुनावी मैदान में 15 प्रत्याशी
बता दें कि विधानसभा क्षेत्र से कुल 19 लोगों ने नामांकन कराया था. स्क्रूटनी के बाद बचे लोगों में राष्ट्रवादी जनशक्ति पार्टी के प्रो. मधुरंजन प्रसाद, निर्दलीय दीपक कुमार झा, प्रियंका झा, संजीव कुमार हिमांशु, मणिकांत मणी, भोला साहू, प्लुरलस के माधव चौधरी सहित कुल 15 लोग चुनावी मैदान में हैं. सभी लोग चुनाव जीतने का दावा कर रहे हैं. विधानसभा क्षेत्र में केवटी के 26 और सिंहवाड़ा के 12 पंचायतों को शामिल किया गया है. विधानसभा क्षेत्र में कुल पुरूष 151558, महिला 131870 और थर्ड जेंडर 11, कुल 283439 मतदाता आगामी 7 नवंबर 2020 को इनके भाग्य का फैसला कुल 413 बूथों पर करेंगे. बीडीओ सह सहायक निर्वाची अधिकारी महताब अंसारी ने बताया कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से खिरमा हाईस्कूल परिसर में 90 एसएसबी के जवानों को ठहराया गया है.

केवटी से कब कौन जीते

  • 1977 दुर्गादास राठौर- जनता पार्टी
  • 1980 शमयले नबी- कांग्रेस
  • 1985 कलीम अहमद- कांग्रेस
  • 1990 गुलाम सरवर- जनता दल
  • 1995 गुलाम सरवर- जनता दल
  • 2000 गुलाम सरवर- राष्ट्रीय जनता दल
  • 2005 डॉ. अशोक कुमार यादव- भारतीय जनता पार्टी
  • 2005 अशोक कुमार यादव- भारतीय जनता पार्टी
  • 2010 डॉ. अशोक कुमार यादव- भारतीय जनता पार्टी
  • 2015 डॉ. फराज फातमी- राष्ट्रीय जनता दल

विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न भागों में स्थानीय पुलिस के साथ एसएसबी के जवानों ने मतदाताओं को जागरूक और निर्भीक मतदान करने के लिए फ्लैगमार्च किया है. संवेदनशील बरही, छतवन, असराहा, मलिया टोल, लालगंज, लहवार, बग्घा, कोठिया गांव के सभी बूथों को अतिसंवेदनशील घोषित कर दिया गया है.

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