दरभंगा: हमारा समाज महिलाओं को भले ही बराबरी का दर्जा देने में संकोच करता हो, लेकिन महिलाओं को जब भी एक मौका मिलता है वे धरती का कायाकल्प कर देती हैं. साथ ही आसमान की ऊंचाईयों को भी नाप लेती हैं. ऐसी ही एक महिला हैं दरभंगा जिले की केवटी पंचायत की मुखिया नासरा बेगम. नासरा को भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय ने 2020 का 'ग्राम पंचायत डेवलपमेंट अवार्ड' दिया है. बता दें कि नासरा बेगम यह अवार्ड पाने वाली बिहार की इकलौती मुखिया हैं. वह देश की उन 27 पंचायतों की मुखिया में शामिल हैं, जिन्हें यह अवार्ड दिया गया है.
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योजनाओं को शत-प्रतिशत कराया लागू
बता दें कि नासरा बेगम यह अवार्ड इसलिए दिया गया है क्योंकि उन्होंने अपनी पंचायत में विकास की सभी योजनाओं को शत-प्रतिशत लागू किया है. केवटी बिहार की ऐसी पहली पंचायत है, जहां हर घर नल का जल पहुंच चुका है. हर घर में शौचालय बन चुका है. हर घर में बिजली का कनेक्शन है और गांव की हर सड़क और गली पक्की हो चुकी है. केवटी पंचायत में कभी सूखे पड़े तालाब को आज मुखिया नासरा बेगम के प्रयास से पानी से लबालब भर दिया गया है. वे पंचायत की आय का स्रोत बन गई हैं. नासरा ने जीर्ण-शीर्णअवस्था में पड़े गांव की हाट का जीर्णोद्धार कराया और अब उससे भी आमदनी हो रही है.
2016 में चुनी गई मुखिया
नासारा बेगम 2016 में पहली बार केवटी पंचायत की मुखिया चुनी गई थी. शुरू-शुरू में उन्हें बाहर निकलने में काफी परेशानी होती थी. एक बार जब उन्हें ट्रेनिंग के लिए पटना जाना था तो उनके सास-ससुर ने वहां जाने से मना कर दिया था. ऐसे में उनके पति नासारा की मदद के लिए सामने आए. उन्होंने अपनी पत्नी का न सिर्फ बाहर के लोगों से परिचय कराया बल्कि उन्हें पंचायत के कामकाज और योजनाओं की जानकारी भी दी.
पूरे बिहार में हुई चर्चित
आज करीब 5 साल बाद नासरा बेगम न सिर्फ अपनी पंचायत, प्रखंड और जिला बल्कि पूरे बिहार में चर्चित मुखिया के रूप में जानी जाती है. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ईटीवी भारत की टीम ने केवटी पंचायत का जायजा लिया और मुखिया नासरा बेगम से उनके अनुभव के बारे में जाना.
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पति ने दिया साथ
नासरा बेगम ने कहा कि पहली बार मुखिया का चुनाव जीतकर आई थी तो उन्हें काफी परेशानी होती थी. उनके पति मो. बदरे आलम ट्रेनिंग के लिए पटना ले गए. पति ने उन्हें बाहर निकाल कर कामकाज से परिचय कराया और धीरे-धीरे वे लोगों से मिलने-जुलने लगी. बाद में उन्होंने अपनी पंचायत का विकास किया और उन्हें भारत सरकार ने 'ग्राम पंचायत डेवलपमेंट अवार्ड' से सम्मानित किया है. उन्होंने सभी महिलाओं खासतौर पर मुस्लिम समुदाय की महिलाओं से यह कहा कि उन्हें शिक्षित होकर समाज में स्थान बनाना चाहिए.
पत्नी के जीत कर आने के बाद काम करने में काफी परेशानी हो रही थी. हालांकि उनकी मां पंचायत की मुखिया रह चुकी हैं और उनके पिता उप मुखिया रह चुके हैं. लेकिन फिर भी जब उन्हें ट्रेनिंग के लिए पटना जाना था तो माता-पिता ने मना कर दिया. ऐसे में पत्नी को बढ़ावा दिया और कामकाज में मदद की. जिसके बाद पत्नी पंचायत के विकास में जुट गई और विकास के काफी काम की. - मो. बदरे आलम, मुखिया नासरा बेगम के पति
महिलाएं अगर घर से बाहर निकलने की हिम्मत करेंगी तो वे कोई भी काम कर सकती हैं. जैसे मैं मेहनत के बल पर यह मुकाम पाई हूं, वैसे ही सभी महिलाएं आगे बढ़े. इसके साथ ही मैं समाज से महिलाओं को आगे बढ़ाने में मदद करने की गुजारिश करती हूं. -नासरा बेगम, पंचायत मुखिया
मुखिया नासरा बेगम ने पंचायत के विकास के लिए काफी काम किया है. पंचायत के लोग उनके कामकाज से खुश हैं. खासतौर पर महिला मुखिया होकर भी इतना काम कर रही हैं. इससे दूसरे लोगों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए. -मो. जलालुद्दीन, स्थानीय