दरभंगा: मिथिला स्टूडेंट यूनियन (Mithila Student Union) का दरभंगा में प्रस्तावित एम्स (AIIMS) का प्रतीकात्मक शिलान्यास कार्यक्रम नहीं हो सका. प्रशासन की ओर से कड़ी कार्रवाई की चेतावनी के बाद एमएसयू के कार्यकर्ता शिलान्यास का पत्थर और बोर्ड समेत वापस लौट गए. अब एमएसयू ने मिथिलांचल (Mithilanchal) के गांव-गांव में एम्स के शिलान्यास कार्यक्रम की घोषणा की है.
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गौरतलब है कि बीते दिनों एमएसयू की ओर से आठ सितंबर के दिन एम्स का प्रतिकात्मक शिलान्यास करने की बात कही गयी थी. बुधवार को प्रतिकात्मक शिलान्यास के लिये बड़ी संख्या में स्टूडेंट यूनियन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे लेकिन प्रशासन की ओर से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश के बाद सभी कार्यकर्ता वापस लौट गये.
अब एमएसयू ने चार महीने के भीतर दोबारा मेडिकल ग्राउंड में कार्यकर्ताओं के साथ एम्स के प्रतीकात्मक शिलान्यास की घोषणा की है. मिथिला स्टूडेंट यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश भारद्वाज ने कहा कि उन लोगों ने दरभंगा में एम्स निर्माण में हो रही देरी को लेकर विरोध स्वरूप दरभंगा एम्स के प्रतीकात्मक शिलान्यास की घोषणा की थी लेकिन प्रशासन की ओर से निर्देश नहीं मिलने के कारण शिलान्यास नहीं हो सका.
उन्होंने कहा कि दरभंगा एम्स की घोषणा 2015 में हुई थी लेकिन अब तक इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है. अविनाश भारद्वाज ने कहा कि दरभंगा में एम्स की घोषणा के बाद घोषित देवघर और गोरखपुर एम्स का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा जिला प्रशासन ने उनके आंदोलन को दबाने के लिए कई अलोकतांत्रिक काम किए.
एमएसयू नेता ने कहा कि जिला प्रशासन ने उनके पोस्टर बैनर को फाड़ दिया और शिलान्यास कार्यक्रम करने पर गिरफ्तारी और मुकदमा करने की धमकी दी. उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम को वे लोग आगे बढ़ा रहे हैं और अब गांव गांव जाकर एम्स का शिलान्यास करेंगे. वहीं 4 महीनों के भीतर वे लोग मिथिलांचल के लोगों को जागरूक कर बड़ी संख्या में दोबारा प्रस्तावित एम्स स्थल पर पहुंचेंगे और शिलान्यास का कार्यक्रम आयोजित करेंगे.
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