दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विवि में छात्रसंघ चुनाव की तारीख को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रसंघ में तकरार देखने को मिल रही है. चुनाव की घोषणा कर दी गई है, लेकिन निर्धारित तिथि पर चुनाव कराने का छात्र संगठन विरोध कर रहे हैं. इनका आरोप है कि प्रशासन की तरफ से ऐसी तारीख सुनिश्चित की गई है जब वोटिंग प्रतिशत ही न बन सके.
छात्र संगठनों ने कुलपति को सौंपा ज्ञापन
एलएनएमयू के छात्र संगठन तिथि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. पहले चरण में 18 अक्टूबर को कॉलेजों और पीजी संकायों में मतदान होगा. दूसरे चरण में विवि मुख्यालय में 19 नवंबर को वोटिंग होगी, लेकिन छात्र संगठनों ने इन तिथियों पर चुनाव कराने का विरोध किया है. वामपंथी छात्र संगठनों और एमएसयू ने इस संबंध में कुलपति को एक ज्ञापन भी सौंपा है. तिथि नहीं बढ़ने पर आंदोलन की धमकी दी है.
'पर्व के दौरान चुनाव से घटेगा वोट प्रतिशत'
मिथिला स्टूडेंट्स यूनियन के विवि अध्यक्ष अमन सक्सेना ने कहा कि छात्र संघ चुनाव की प्रक्रिया दशहरा-दीवाली के दौरान हो रही है. इस दौरान छुट्टियां होने की वजह से कैंपस में चुनाव प्रचार नहीं हो पाएगा न ही छात्र तैयारी कर सकेंगे. इसकी वजह से वोटिंग प्रतिशत घटेगा. उन्होंने कहा कि नवंबर के बाद चुनाव होना चाहिए.
'तिथि नहीं बढ़ी तो होगा आंदोलन'
वहीं दूसरी तरफ आईसा के राज्य सह सचिव संदीप चौधरी ने कहा कि विवि राजभवन से वाहवाही लूटने के लिए जल्दबाजी में चुनाव करवाता है. इसकी वजह से चुनावों के प्रति छात्रों की रुचि नहीं बढ़ती है. उन्होंने कहा कि छात्रों को जागरूक करने के लिए कैंपस में कोई अभियान नहीं चलाया जाता है. वे बोले कि अगर तिथि बढ़ाने की मांग नहीं मानी गयी तो छात्र संगठन आंदोलन करेंगे.
क्या कहते हैं कुलपति?
इस मामले में बात करने पर विवि के कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि विवि में छात्रसंघ के चुनाव राजभवन के नियमों और लिंगदोह समिति की सिफारिशों के तहत हो रहे हैं. लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार नामांकन खत्म होने के आठ सप्ताह के भीतर चुनाव होना चाहिए. यह कहना गलत है कि चुनावों को जल्दबाजी में करवाया जा रहा है. दोनों चरणों में 10-10 दिनों का समय प्रचार के लिए दिया गया है.