दरभंगा: पूर्व सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कीर्ति आजाद ने जिला प्रशासन पर बाढ़ राहत राशि देने में भेदभाव का आरोप लगाया है. कीर्ति आजाद ने कहा कि बाढ़ राहत की राशि देने में एक जाति विशेष के पीड़ितों की उपेक्षा की जा रही है. वैसी जाति बहुल्य गांवों को आंशिक प्रभावित बताकर राहत से वंचित किया गया है. उन्होंने कोरोना और बाढ़ के इस संकट में लोगों को 25 हजार रुपये की सहायता देने की मांग की है.
राहत से वंचित हैं पीड़ित
कीर्ति आजाद ने कहा कि 1987 से भी ज्यादा प्रलंयकारी बाढ़ की चपेट में इस वर्ष दरभंगा जिले की पंचायत समेत शहरी क्षेत्र आये हैं. लेकिन संपूर्ण जिले को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित नहीं कर प्रभावित लोगों की नई परिभाषा गढ़ी गई है. ताकि वैसे सभी प्रभावितों को राहत से वंचित किया जा सके.
गरीबों का जीना मुश्किल
कीर्ति आजाद ने कहा कि कोरोना का महासंकट पहले से बरकरार है. इस पर बाढ़ की त्रासदी ने गरीबों का जीना मुश्किल कर दिया है. रोजगार और धंधा अप्रैल से ठप पड़ा है. उन्होंने केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को काला धन वाला पैसा अभी वितरित करने का सही समय है. लेकिन महज 6 हजार की राशि की घोषणा कर पीड़ितों के साथ सरासर अन्याय है.
कल्याणकारी योजनाओं में भेदभाव
पूर्व सांसद ने कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में भेदभाव किया जाता है. प्रधानमंत्री आवास योजना हो अथवा मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों की सूची से ही स्पष्ट हो जाएगा कि सरकार का न्याय के साथ विकास महज धोखा है. उन्होंने सभी बाढ़ प्रभावित और कोरोना के इस संकट में लोगों को 25 हजार रुपये सहायता के तौर पर देने की मांग की है.