दरभंगा: डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर ने स्टाइपेंड बढ़ोतरी की मांग को लेकर प्राचार्य कार्यालय के समक्ष हाथों में बैनर लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टर समान काम के बदले समान वेतन की मांग कर रहे थे.
वहीं, आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टर शुभम ने कहा कि इस प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से हम लोग मांग कर रहे हैं कि एक राज्य में एक ही प्रकार का स्टाइपेंड होना चाहिए. सरकार ने 3 साल पर स्टाइपेंड को रिवाइज करने की बात कही थी.
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'IGIMS का स्टाइपेंड को रिवाइज करके 26 हजार रुपया कर दिया गया है. लेकिन बिहार के बाकी मेडिकल कॉलेज के स्टाइपेंड 15 हजार रुपया है. जब पहली बार स्टाइपेंड का रिवाइज हुआ था तो कहा गया था कि प्रत्येक 3 साल पर स्टाइपेंड को रिवाइज किया जाएगा. लेकिन रिवीजन की बात तो दूर आज तक आश्वासन तक नहीं मिला'.- शुभम, जूनियर डॉक्टर
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स्टाइपेंड को किया जाए रिवाइज
वहीं, शुभम ने कहा कि जब स्टाइपेंड का रिवाइज नहीं हुआ तो हमलोगों ने कई बार इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य मंत्री के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्राचार किया. लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. हमारे सीनियर पीजी के स्टाइपेंड के रिवाइज की बात हुई थी. जो 1 फरवरी 2020 को रिवाइज कर दिया गया. लेकिन हमलोगों के स्टाइपेंड को अभी तक रिवाइज नहीं किया गया है.
डॉक्टरों का हो हेल्थ इंश्योरेंस का प्रावधान
वहीं, आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टर ने कहा कि इस कोरोना महामारी के दौरान सबसे ज्यादा हताहत डॉक्टर हो रहे हैं. कोरोना की दूसरी लहर में बिहार में 100 से ज्यादा डॉक्टर शहीद हो चुके हैं. ऐसे में डॉक्टरों की नई फौज अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं. इसीलिए चाहते हैं कि सरकार डॉक्टरों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस का प्रावधान लाए, ताकि निर्भीक एवं उत्साह पूर्वक जाकर मरीजों की सेवा कर सकें.